ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार जानें सूर्य का मकर राशि में गोचर और उसका सभी राशियों पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश लगभग हर महीने होता है, और पूरे 12 राशियों का चक्र पूरा करने में उन्हें एक साल का समय लगता है। सूर्य को आत्मा, पिता, सफलता, प्रतिष्ठा, समाज में स्थान, नेतृत्व और शासन-प्रशासन से संबंधित माना जाता है। सूर्य हमारे व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण कारक होते हैं, जो हमारे नाम, प्रतिष्ठा और मान्यता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। सूर्य अग्नि तत्व का प्रतीक है और पूर्व दिशा के स्वामी माने जाते हैं। सूर्य का गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 08ः55 मिनट पर होने वाला है। इस गोचर के दौरान सूर्यदेव कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और लगभग पूरे एक माह तक रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार, सूर्य का मकर राशि में गोचर खास महत्व रखता है। इस दिन सूर्यदेव ने शनि से मिलने के लिए मकर राशि में प्रवेश किया था, जिसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। उनका मानना है कि सूर्य और शनि का यह मिलन व्यक्ति की आत्मिक शक्ति और सामाजिक स्थिति में सुधार लाता है। मकर संक्रांति का पर्व इस समय सूर्य का मकर राशि में गोचर के कारण अत्यधिक शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन को लेकर ज्योतिषाचार्य सिन्हा जी का कहना है कि यह दिन व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव और ऊर्जा का संचार करने का अवसर होता है। kundali expert,
ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से सूर्य की विषेशताः
ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार सूर्य की ज्योतिषीय विशेषताएँ अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। सूर्य को जीवन, आत्मा, पिता, शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक माना जाता है। वह हमारे व्यक्तित्व, प्रतिष्ठा, सामाजिक स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। सूर्य अग्नि तत्व के स्वामी होते हुए, ऊर्जा और जीवन शक्ति के स्रोत माने जाते हैं। यदि सूर्य का गोचर शुभ होता है, तो वह व्यक्ति को प्रसिद्धि, सम्मान और समृद्धि प्रदान करता है। वहीं, यदि सूर्य कमजोर हो, तो यह आत्मविश्वास की कमी, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
सूर्य का स्थान व्यक्ति के जीवन में सफलता, नेतृत्व, और सरकारी कार्यों से जुड़ा होता है। सूर्य का प्रभाव करियर, राजनीति और समाज में स्थान प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। 5वें घर में सूर्य संतान सुख और शिक्षा में सफलता का प्रतीक होता है, जबकि 10वें घर में सूर्य का प्रभाव करियर में उच्च पद की प्राप्ति का संकेत देता है। सूर्य का मकर राशि में गोचर व्यक्ति को मानसिक दृृढ़ता और सफलता का अवसर प्रदान करता है। सूर्य के अन्य ग्रहों के साथ होने से व्यक्ति में कार्यक्षमता और उत्साह में वृद्धि होती है। सूर्य की पूजा से व्यक्ति का आत्मविश्वास और स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है, और उसका जीवन सकारात्मक दिशा में अग्रसर हो सकता है।
India’s Most Popular Astrologer.
ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से मकर राशि की विषेशताः
मकर राशि की ज्योतिषीय विशेषताएँ काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। यह राशि शनि द्वारा शासित होती है, जो कर्म, मेहनत, और जिम्मेदारी के कारक ग्रह हैं। मकर राशि वाले लोग सामान्यतः मेहनती, संजीदा, और अनुशासित होते हैं। इनका जीवन व्यवस्थित और लक्ष्य केंद्रित होता है। मकर राशि को पृथ्वी तत्व की राशि माना जाता है, जो जातक को यथार्थवादी और व्यवहारिक बनाता है।
मकर राशि का प्रतीक चिह्न बकरी है, जो इसके स्वभाव को दर्शाता है। मकर का दृृष्टिकोण पहाड़ी बकरे की तरह होता है, जो जीवन में उच्चतम शिखर तक पहुंचने का इच्छुक होता है। राशिचक्र में यह 271 से 300 डिग्री तक फैली होती है और यह दसवीं राशि होती है। मकर राशि पृथ्वी तत्व की तीसरी राशि है और इसका स्वामी ग्रह शनि है, जो यह संकेत करता है कि मेहनत का फल मिलता है। Genuine Astrologer in Delhi
अभी जॉइन करें हमारा WhatsApp चैनल और पाएं समाधान, बिल्कुल मुफ्त!
हमारे ऐप को डाउनलोड करें और तुरंत पाएं समाधान!
Download the KUNDALI EXPERT App
हमारी वेबसाइट पर विजिट करें और अधिक जानकारी पाएं
संपर्क करें: 9818318303
ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार सूर्य के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश लगभग हर महीने होता है, और पूरे 12 राशियों का चक्र पूरा करने में उन्हें एक साल का समय लगता है। सूर्य को आत्मा, पिता, सफलता, प्रतिष्ठा, समाज में स्थान, नेतृत्व और शासन-प्रशासन से संबंधित माना जाता है। सूर्य हमारे व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण कारक होते हैं, जो हमारे नाम, प्रतिष्ठा और मान्यता का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। सूर्य अग्नि तत्व का प्रतीक है और पूर्व दिशा के स्वामी माने जाते हैं। सूर्य का गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 08ः55 मिनट पर होने वाला है। इस गोचर के दौरान सूर्यदेव कुंभ राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और लगभग पूरे एक माह तक रहेंगे।
मेष राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के पंचम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, आपकेे करियर और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगा। यह समय उनके सामाजिक स्थिति में सुधार लाने का है। हालांकि, इन जातकों को अपने मेहनत और संघर्ष के साथ आगे बढ़ने की जरूरत होगी। सूर्य के प्रभाव से ये अपने कार्यस्थल पर नेतृत्व का गुण दिखाएंगे, लेकिन मानसिक दबाव भी महसूस कर सकते हैं। इनको कार्यों में स्थिरता बनाए रखनी होगी और किसी भी नई परियोजना को शुरू करने से पहले पूरी तैयारी रखनी होगी। स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए आत्म-देखभाल पर ध्यान दें।
उपायः सूर्य देव की उपासना करें और नारियल का दान करें।
वृषभ राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर आपके, वित्तीय स्थिति में सुधार लाने का संकेत देगा। आपके आत्मविश्वास और कार्यक्षमता में बढ़ोत्त्तरी होगी। इस समय इन्हें अपने कार्यों में स्थिरता और सफलता मिलेगी। हालांकि, वे अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों में व्यस्त हो सकते हैं और इसके कारण मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं। सूर्य के प्रभाव से ये अपनी शिक्षा, यात्रा या अधिकारिक कागजी कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे। पारिवारिक मामलों में संतुलन बनाए रखने के लिए इनको थोड़ा धैर्य रखना होगा। इस समय आपके जीवन में कुछ नए अवसर भी आ सकते हैं, जो आपकी सफलता में सहायक होंगे।
उपायः सूर्यदेव को तांबे के पात्र में जल चढ़ाएं और उबले हुए चने का दान करें। Vedic Astrologer in Delhi
मिथुन राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के तृृतीय भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र में सुधार ला सकता है। यह समय किसी नए कौशल को सीखने या अपनी पेशेवर क्षमता को बढ़ाने के लिए उपयुक्त है। सूर्य का प्रभाव आपके मानसिक विचारों को सशक्त करेगा, लेकिन पारिवारिक मामलों में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आपको अपने कार्यों और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होगी। सूर्य का गोचर आपकी सामाजिक स्थिति और मान-प्रतिष्ठा में सुधार करेगा, जिससे आपको अपने पुराने संपर्कों से मदद मिल सकती है। इस समय यात्रा करने का भी योग बन सकता है, जो आपके लिए लाभकारी होगा। स्वास्थ्य के मामले में आपको सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सूर्य का प्रभाव कभी-कभी शारीरिक थकान भी ला सकता है।
उपायः सूर्य मंत्र ॐ सूर्याय नमः का 108 बार जाप करें।
कर्क राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, करियर और कार्यस्थल पर विकास के संकेत देता है। यह समय आपके आत्मविश्वास को मजबूत करने का है। सूर्य के प्रभाव से आप अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग करेंगे और बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। हालांकि, इस दौरान पारिवारिक और निजी जीवन में संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी, क्योंकि सूर्य का प्रभाव आपको अधिक गंभीर और जिम्मेदार बना सकता है। इस समय आपकी मेहनत का फल आपको दीर्घकालिक सफलता दिलाएंगे, लेकिन मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। स्वास्थ्य के मामले में ध्यान रखने की आवश्यकता होगी, क्योंकि मानसिक तनाव का असर शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।
उपायः सूर्यदेव को तांबे की वस्तएं दान करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
सिंह राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के लग्न भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, पेशेवर जीवन और कार्यस्थल पर सशक्त परिणाम लाता है। यह समय आपकी रचनात्मकता और कार्यशक्ति को बढ़ाने का है। इस समय आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेंगे जिससे आपके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी। सूर्य का प्रभाव आपको नई परियोजनाओं और कार्यों में सफलता दिलाएगा। हालांकि, आपको अपनी जिम्मेदारियों और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होगी। इस दौरान आपके लिए किसी यात्रा का योग भी बन सकता है, जो आपके करियर को ऊंचाई तक ले जाने में मददगार साबित होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना जरूरी है, क्योंकि मानसिक दबाव से बचने के लिए ध्यान और आराम की आवश्यकता होगी।
उपायः सूर्याेदय के समय जल अर्पित करें और पीले रंग का वस्त्र पहनें।
कन्या राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के द्वादश भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, वित्तीय स्थिति और करियर में स्थिरता लाएगा। यह समय आपके लिए आत्म-संवर्धन और मानसिक शांति का है। इस समय आप अपनी कार्यक्षमता को अधिकतम करेंगे और अपने आत्मविश्वास में भी वृद्धि करेंगे। हालांकि, इस समय आपको अपने व्यक्तिगत जीवन पर भी ध्यान देना होगा। आपको अपनी जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देनी होगी और दूसरों के साथ सामंजस्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी। सूर्य के प्रभाव से यह समय आपके लिए स्थिरता और दीर्घकालिक सफलता लाने का है, लेकिन मानसिक शांति बनाए रखने के लिए समय-समय पर विश्राम की आवश्यकता होगी। स्वास्थ्य के मामले में भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि शारीरिक थकान का सामना हो सकता है।
उपायः सूर्यदेव को जल अर्पित करें और केले का दान करें।
तुला राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के एकादश भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, भाग्य, संतान सुख और शिक्षा के मामले में लाभकारी होता है। यह समय आपकी मान-प्रतिष्ठा को बढ़ाने और नए अवसरों का स्वागत करने का है। सूर्य के प्रभाव से यह समय आपके लिए शैक्षिक और पेशेवर जीवन में सुधार का है। हालांकि, आपको पारिवारिक जिम्मेदारियों और अपने निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना होगा। इस समय आपको कड़ी मेहनत के साथ अपने लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता होगी। सूर्य के प्रभाव से आपके करियर में भी लाभ मिल सकता है, लेकिन मानसिक शांति बनाए रखना जरूरी है। स्वास्थ्य के मामले में आपको सतर्क रहना चाहिए और अपनी दिनचर्या में सुधार करना चाहिए।
उपायः सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्य देव को तांबे की वस्तएंु दान करें।
वृश्चिक राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के तृृतीय भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के दशम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, कार्यस्थल पर सफलता और वित्तीय लाभ लाता है। इस समय आप अपनी मेहनत से कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे और अपने लक्ष्यों को साकार करेंगे। हालांकि, सूर्य का प्रभाव आपको कुछ मानसिक दबाव भी दे सकता है, इसलिए अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है। सूर्य के गोचर से यह समय आपके लिए आत्म-संवर्धन और अपने व्यक्तिगत जीवन को मजबूत करने का है। आपको पारिवारिक मामलों में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता होगी। स्वास्थ्य के मामले में आपको थकान और चिंता से बचने के लिए पर्याप्त आराम और ध्यान की आवश्यकता होगी।
उपायः सुबह सूर्य को जल अर्पित करें और पीले फूल चढ़ाएं।
धनु राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के नवम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, करियर और सामाजिक स्थिति में सुधार का है। इस समय आप अपनी मेहनत के द्वारा सफलता प्राप्त करेंगे और अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाएंगे। यह समय आपके लिए पेशेवर जीवन में बदलाव और प्रगति का है। हालांकि, आपको अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन पर भी ध्यान देना होगा। सूर्य के प्रभाव से यह समय आपके लिए वित्तीय दृृष्टिकोण से भी लाभकारी होगा, लेकिन मानसिक शांति बनाए रखने के लिए समय-समय पर आराम की आवश्यकता होगी। स्वास्थ्य के मामले में सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि कार्य के दबाव से थकान हो सकती है।
उपायः सूर्यदेव के समक्ष दीपक जलाएं और उबले हुए चने का दान करें।
India’s Most Popular Astrologer.
मकर राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के अष्टम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, अपने ही घर में होगा, जो इन जातकों के लिए विशेष लाभकारी होता है। यह समय आत्म-संवर्धन, करियर और सामाजिक स्थिति में सुधार का है। सूर्य का प्रभाव आपको अपनी क्षमताओं को पहचानने और उनका उपयोग करने का अवसर देगा। इस दौरान आपके लिए कार्यस्थल पर सफलता और सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। हालांकि, आपको अपनी मानसिक स्थिति और भावनाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी, ताकि आप किसी भी प्रकार के मानसिक तनाव से बच सकें। स्वास्थ्य के मामले में भी ध्यान रखने की आवश्यकता होगी, क्योंकि सूर्य का प्रभाव कभी-कभी शारीरिक थकान भी ला सकता है।
उपायः सूर्य देव को अघ्र्य दें और तांबे के बर्तन का दान करें।
कुम्भ राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के सप्तम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, आंतरिक शांति और मानसिक स्थिति में सुधार लाने वाला है। यह समय आपके लिए व्यक्तिगत विकास और आत्मनिरीक्षण का है। सूर्य का प्रभाव आपको अपने जीवन के उद्देश्य को समझने में मदद करेगा जिससे आप मानसिक रूप से मजबूत बनेंगे। हालांकि, इस समय आपको स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना होगा और अपनी दिनचर्या में संतुलन बनाए रखना होगा। यह समय आपके लिए आध्यात्मिक उन्नति और जीवन के गहरे उद्देश्य को समझने का है।
उपायः सूर्याेदय के समय गाय का दूध सूर्यदेव को अर्पित करें।
मीन राशि
सूर्य का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। सूर्यदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव के स्वामी हैं। सूर्य का होने वाला गोचर, समाजिक संबंधों और साझेदारी के मामलों में सुधार लाने वाला है। इस समय आपको अपने काम में नई दिशा और प्रेरणा मिलेगी, जो आपके लिए वित्तीय लाभ भी लाएगी। हालांकि, पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में कुछ तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिसे आपको धैर्य से संभालना होगा। सूर्य का प्रभाव आपको अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक समर्पित बनाएगा, लेकिन मानसिक शांति बनाए रखने के लिए समय-समय पर विश्राम की आवश्यकता होगी।
उपायः सूर्य के मंत्र का 108 बार जाप करें और पीले रंग का कपड़ा पहनें।