धनतेरस
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। पंचदिवसी पर्व दिवाली का पहला दिन धनतेरस है जिस दिन धन के देवता कुबेर और आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। सुख, समृद्धि और शुभ जीवन की प्राप्ति के लिए धनतेरस का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
यम की पूजा यम दीपक
धनतेरस की रात को यम की पूजा के अलावा, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने की भी परंपरा है। इस दिन रात्रि के समय, दक्षिण दिशा में चौमुखा दीपक जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहा जाता है। इस दिन यम देव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस परंपरा के अनुसार, जीवन की परेशानियों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए शाम के समय यम देव के नाम का दीपक जलाया जाता है।
धनतेरस क्यों मनाया जाता है
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। संसार में चिकित्सा विज्ञान के विकास और प्रसार के लिए भगवान विष्णु ने ही धन्वंतरि का अवतार लिया था। इसी के उपलक्ष्य में हम धनतेरस का पर्व मनाते हैं। धनतेरस से लेकर दीपावली तक घर के मुख्यद्वार के दोनों कोनों पर माँ लक्ष्मी जी के चरण बनाना अत्यधिक शुभ माना जाता है। ऐसा करने से माँ लक्ष्मीजी की कृपादृष्टि हमेशा आप पर बनी रहती है।
धनतेरस पर खरीदें कुछ विशेष वस्तुएं,
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने की परंपरा है इसे शुभ माना जाता है वहीं, घर के नए बर्तन खरीदने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है आप तांबे से बने बर्तन खरीदें और उन्हें पूर्व की दिशा में रखें धनतेरस में मिट्टी की मूर्ति की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है, इसलिए माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के लिए धनतेरस के दिन भगवान की मूर्ति खरीदकर लाई जाती है। आप लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति मिट्टी से बनाकर पूजा कर सकते हैं। इस मूर्ति का विसर्जन नहीं करना चाहिए।
झाड़ू
धनतेरस के दिन जब आप झाड़ू खरीदते हैं, मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और पूरे साल घर में बरकत बनी रहती है। हालांकि, ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि झाड़ू प्लास्टिक न होनी चाहिए। इस विशेष दिन पर सींक वाली झाड़ू को ही चुनना चाहिए।
धनिया
मां लक्ष्मी को धनिया अर्पित करें और थोड़ा सा धनिया अपने धन के स्थान पर भी छिड़कें। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
पान के पत्ते
पान के पत्ते मां लक्ष्मी के लिए विशेष रूप से प्रिय माने जाते हैं।
इसलिए धनतेरस के दिन, पान के 5 पत्ते जरूर खरीदें।
इन पत्तियों को लेकर मां लक्ष्मी की पूजा करें और अगले दिन जब दीपावाली का त्योहार पूरा हो जाए, तो आप इन पत्तियों को बहते जल में प्रवाहित कर सकते हैं।
नमक
धनतेरस के दिन नमक खरीद कर घर लाने से धन लाभ होता है घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है
धनतेरस पर कुछ विशेष वस्तुएं, की खरीदी से बचना चाहिए, अन्यथा घर में दरिद्रता का संकेत हो सकता है।
आइए उन विषयों को भी जानें जिन्हें धनतेरस पर खरीदने से बचना चाहिए।
धनतेरस के दिन, काले कपड़े, लोहे का सामान, प्लास्टिक की वस्तुएं, और शीशे का सामान जैसी चीज़ों से दूर रहना चाहिए।
धनतेरस पूजा शुक्रवार, नवम्बर 10, 2023 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त – शाम 05:47 से शाम 07:43
अवधि – 01 घण्टा 56 मिनट्स
यम दीपम शुक्रवार, नवम्बर 10, 2023 को
प्रदोष काल – शाम 05:30 से रात्रि 08:08
वृषभ काल – शाम 05:47 से शाम 07:43
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 10, 2023 को दोपहर 12:35
त्रयोदशी तिथि समाप्त – नवम्बर 11, 2023 को दोपहर 01:57