Ganesh Chaturthi 2024 Best Vastu Tips: गणपति मूर्ति की ऊंचाई और दिशा का रखें ध्यान
गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे देश में धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभता का प्रतीक माना जाता है, उनके आगमन से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है। इस पावन अवसर पर अगर आप कुछ वास्तु उपाय अपनाते हैं, तो आपके घर में सदैव खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का वास रहेगा। आइए जानें प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य K.M. Sinha जी से गणेश चतुर्थी के अवसर पर किए जाने वाले कुछ विशेष वास्तु उपायों के बारे में।
-
गणपति की मूर्ति के लिए सही स्थान चुनें
वास्तु शास्त्र के अनुसारभगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना के लिए सही स्थान का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। गणपति की मूर्ति की स्थापना के लिए उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह दिशा आध्यात्मिक विकास और सकारात्मक ऊर्जा के लिए उत्तम होती है। अगर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थान उपलब्ध नहीं है, तो आप पूर्व या पश्चिम दिशा में भी गणपति की मूर्ति रख सकते हैं।
ध्यान रखें कि गणपति की स्थापना सीढ़ियों के नीचे, बाथरूम के पास या अन्य अशुद्ध स्थानों पर न करें।
-
गणपति की सही मूर्ति का करें चयन
भगवान गणेश की मूर्ति का चयन करते समय इसकी सामग्री और मुद्रा पर विशेष ध्यान दें। गणेश चतुर्थी के दौरान मिट्टी की मूर्तियों को स्थापित करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इन्हें विसर्जन के बाद पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। घर में गणपति की बैठी हुई मूर्ति स्थापित करना शुभ माना जाता है। मूर्ति की सूंड का बाईं तरफ मुड़ा होना भी महत्वपूर्ण होता है, जिसे वामांगी गणेश मूर्ति कहा जाता है। यह मूर्ति घर में शांति और समृद्धि लाने के लिए मानी जाती है।
-
गणपति मूर्ति की ऊंचाई और दिशा का रखें ध्यान
गणपति की मूर्ति रखते समय यह सुनिश्चित करें कि उसका मुख उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर हो। उत्तर दिशा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह धन के देवता भगवान कुबेर की दिशा है और इस दिशा में गणपति की स्थापना से घर में समृद्धि आती है।
मूर्ति को हमेशा एक ऊंचे मंच पर रखें और उसके आस-पास का स्थान साफ-सुथरा और सजाया हुआ हो। लाल या पीले कपड़े से मंच को सजाना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये रंग भगवान गणेश के प्रिय रंग हैं।
-
प्रकाश एवं सही सजावट का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र में प्रकाश का विशेष महत्व है, क्योंकि यह ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। गणेश चतुर्थी के दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा में विशेष रूप से प्रकाश रखना चाहिए। घी के दीये जलाना भी शुभ होता है। इसके अलावा, भगवान गणेश की मूर्ति के आस-पास के स्थान को फूलों से सजाएं और हमेशा प्रकाशित रखें। पूजा स्थल पर रंगोली बनाना भी शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
-
स्वच्छता एवं पवित्रता बनाए रखें
गणपति की स्थापना के स्थान पर स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। पूजा स्थल को नियमित रूप से साफ करें और बासी फूल या प्रसाद को तुरंत हटा दें। स्थान की शुद्धता, ऊर्जा की शुद्धता को दर्शाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
अभी जॉइन करें हमारा WhatsApp चैनल और पाएं समाधान, बिल्कुल मुफ्त!
हमारे ऐप को डाउनलोड करें और तुरंत पाएं समाधान!
Download the KUNDALI EXPERT App
हमारी वेबसाइट पर विजिट करें और अधिक जानकारी पाएं
संपर्क करें: 9818318303
-
मुख्य द्वार पर तोरण लगाएं
गणेश चतुर्थी के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों या ताजे फूलों का तोरण लगाना शुभ माना जाता है। यह तोरण नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करता है। इससे घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।
-
सही रंगों के कपड़े पहनें
गणेश चतुर्थी के दिन लाल, पीला और हरा रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये रंग शुभता और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। काले रंग का प्रयोग इस दिन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह रंग नकारात्मकता से जुड़ा हुआ है।
गणेश चतुर्थी पर इन वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं। उम्मीद है कि ये सुझाव आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और गणेश चतुर्थी की खुशियों को और बढ़ाएं!