गुरु चरणामृत; गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं, क्या है इसका महत्व?

गुरु पूर्णिमा

गुरु पूर्णिमा का त्योहार गुरुओं और उनके दिव्य ज्ञान को समर्पित है। इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, जिन्होंने प्राचीन काल में वेदों की शिक्षा दी थी, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरु पूर्णिमा का उत्सव शिक्षा और आध्यात्मिक विकास के महत्वपूर्ण अवसर के रूप में माना जाता है, शिष्य अपने गुरु को गुरुदक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उनकी सेवा में समर्पित होते हैं।

गुरु पूर्णिमा पर कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए 

हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है, जिसे हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को उत्तम परिणाम प्राप्त हो सकते हैं और जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।

इस साल गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन गुरु पूजन का विशेष महत्व है। इस अवसर पर कुछ मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सभी परेशानियों से मुक्ति और कार्यक्षेत्र में तरक्की मिल सकती है। 

गुरु गायत्री मंत्र का जाप

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु गायत्री मंत्र का 21 बार जाप करने से शुभ फल मिल सकते हैं।

ॐ गुरुर्देवो द्विजदेवो त्रयीमूर्तेरगुरुर्गुर्वान्। 

शांतिकरो हि नो भवत्।

गुरु स्तोत्र का जाप

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु स्तोत्र का जाप करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल सकती है।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। 

गुरुर्देवो परमेश्वरः गुरुर्देवो भवः।

गुरु चरणामृत मंत्र का जाप

गुरु चरणामृत मंत्र का जाप करने से कार्यक्षेत्र में तरक्की और सुख-समृद्धि प्राप्त हो सकती है।

गुरु चरणामृतं तृप्तिं करोतु नः। 

ज्ञानं धर्मं च यशः प्रदेहि नः।

गुरु वंदना मंत्र का जाप

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु वंदना मंत्र का विशेष जाप करें। इससे सभी देवताओं के आशीर्वाद की प्राप्ति हो सकती है।

ॐ वंदे गुरुं देवतं सर्वलोकनमस्कृतम्। 

ज्ञानप्रदं ब्रह्मणं गुरुं ब्रह्मविद्याप्रदम्।

गुरु मंत्र का जाप

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु मंत्र का जाप करने से लाभ और मान-सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।

ॐ गुरु नमः


अभी जॉइन करें हमारा WhatsApp चैनल और पाएं समाधान, बिल्कुल मुफ्त!

गुरु चरणामृत; गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं, क्या है इसका महत्व? 1

Join WhatsApp Channel

हमारे ऐप को डाउनलोड करें और तुरंत पाएं समाधान!

Download the KUNDALI EXPERT App

गुरु चरणामृत; गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं, क्या है इसका महत्व? 2गुरु चरणामृत; गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं, क्या है इसका महत्व? 3

हमारी वेबसाइट पर विजिट करें और अधिक जानकारी पाएं

Visit Website

संपर्क करें: 9818318303


गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

सर्वप्रथम प्रातः काल उठे, उसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
इसके बाद व्यास जी की प्रतिमा को सुगन्धित फूलों की माला चढ़ाकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस दिन व्रत रखकर पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें।

गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि का आरम्भ – 20 जुलाई 2024 को सायं 05ः 58 से,
पूर्णिमा तिथि का आरम्भ – 21 जुलाई 2024 को दोपहर 03ः 45 तक।

 

241 Views