कुंभ संक्रान्ति एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस दिन सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं। कुंभ संक्रान्ति पर दान-दक्षिणा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है। इसके अलावा कुंभ संक्रान्ति के दिन गौ माता का दान करना सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में अनेक त्योहारों और पर्वों का उल्लेख होता है जिसमें से कुंभ संक्रान्ति का अत्यधिक महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ संक्रान्ति का महत्व अमावस्या और एकादशी तिथि के दिन ज्यादा माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। कुंभ संक्रान्ति के दिन सभी भक्तों के द्वारा दान-दक्षिणा करने से सभी भक्तों को दो गुना फलों की प्राप्ति होती है तथा कुंभ संक्रान्ति के दिन श्रद्धापूर्वक सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से जीवन के हर क्षेत्र में जातक को सफलता की प्राप्ति होती है।
कुंभ संक्रान्ति पूजा विधि
☸ कुंभ संक्रान्ति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके पूरी तरह से स्वच्छ होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
☸ कुंभ संक्रान्ति के दिन आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही उत्तम माना जाता है यह पाठ करने से जातक को जीवन के हर क्षेत्र में सुख और सफलता की प्राप्ति होती है। उसके बाद भगवान सूर्यदेव के 108 नामों का जाप करें।
☸ कुंभ संक्रान्ति के दिन सूरज कवच, चालीसा, मंत्र, आरती तथा सूरज नामावली इत्यादि का विधिपूर्वक जाप किया जाता है।
☸ इस दिन दान-दक्षिणा करने का बहुत ज्यादा महत्व होता है इस दिन खासकर के गरीबों को दान देना तथा जरूरतमंदों को शुद्ध घी का दान करना सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
☸ इस दिन धातुओं का दान करना तथा गंगा जैसे पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।
☸ इसके अलावा इस दिन पुराने कपड़े त्यागकर नये वस्त्र धारण किये जाते हैं।
कुंभ संक्रानित शुभ मुहूर्त
कुंभ संक्रान्ति 13 फरवरी 2024 मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।
कुंभ संक्रान्ति पुण्य कालः- सुबह 09ः57 मिनट से, दोपहर 03ः54 मिनट तक।
कुंभ संक्रान्ति महापुण्य कालः- दोपहर 02ः02 मिनट से, दोपहर 03ः54 मिनट तक।