मूंगे के गणेश जीः-
मूंगा सिंदूरी रंग का रत्न होता है। मूंगे से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा की नित्य पूजा करने से शत्रुओ का भय समाप्त हो जाता है।
चंदन के गणेश जीः-
अगर आप के पास चंदन से निर्मित गणेश जी की प्रतिमा है तो आप उसे अपने मंदिर मे स्थापित कर के उसकी पूजा अर्चना करें। इससे घर में किसी प्रकार की विपदा नहीं आती है साथ ही परिवार के सदस्यों मे सामंजस्य बना रहता है और पारिवारिक माहौल खुशहाल रहता है।
पंचमुखी गणेश जीः-
तंत्र क्रिया को सिद्धि के लिए पंचमुखी गणेश जी की पूजा की जाता है। इससे किसी भी प्रकार के तंत्र किया या किसी भी बाधा या विपदा को दूर किया जा सकता है।
नृत्य करते हुए गणेश जीः-
अगर आप के पास नृत्य करते हुए गणेश जी की मूर्ति है तो अवश्य ही उसकी पूजा कर ऐसा करने से मन को शांति का अनुभव होता है और यदि आप को किसी भी प्रकार का तनाव या चिंता हो तो आप को प्रतिदिन नृत्य करते हुए गणेश जी की पूजा अवश्य करें।
हाथी पर बैठे गणेश जीः-
यदि आप धन की इच्छा रखते है तो आप को हाथी पर बैठे गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। हाथी पर विराजित श्री गणेश की पूजा करने से पैसा, इज्जत व सम्मान तीनों की प्राप्ति होती है।
हरे रंग के गणेश जीः-
हरे रंग की गणेश जी की पूजा करने से ज्ञान व बुद्धि मे वृद्धि होती है और अगर आप विद्यार्थी है तो आप को विशेष रुप से हरे रंग की गणेश जी की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। तथा बुध का रत्न पन्ना हरे रंग का होता है|
पारद गणेश जीः-
पारद (पारे से निर्मित) गणेश जी की प्रतिमा की पूजा धन सम्पत्ति प्राप्ति के लिए करनी चाहिए और यदि किसी ने आपके घर पर तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया है तो पारद के गणेश जी की पूजा अवश्य करें।
बांसुरी बजाते गणेशजीः-
यदि आपके घर मे रोज विवाद होते है तो आपको अवश्य ही बांसुरी बजाते हुए श्री गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। बांसुरी बजाते हुए गणेश जी की पूजा करने से घर मे सुख-शांति का वातावरण रहता है।
चांदी के गणेश जीः-
चांदी के बने श्री गणेश जी की प्रतिमा की पूजा करने से धन की इच्छा पूरी होती है। चांदी से बने गणेश जी को दूर्वा अवश्य चढ़ाए क्योंकि गणेश जी को दूर्वा अत्यन्त प्रिय है दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी प्रसन्न होगें और आपके धन सम्पत्ति में वृद्धि करेंगे और सम्पत्ति में वृद्धि होने से आपका जीवन खुशनुमा रहेंगा।
सफेद आंकड़े(आंक) के गणेश जीः-
सफदे आंकड़े(आंक) यह एक प्रकार के पौधे का जड़ है इस जड़ से गणेश जी की प्रतिमा को निर्मित करते है तथा इसकी पूजा-अर्चना करते है। तंत्र क्रिया में सफेद आंकड़े(आंक) के गणेश जी का बड़ा महत्व है। इसे श्वेतार्क गणपति भी कहते है। कई प्रकार के होने एवं टोटके में श्री गणेश के इस स्वरुप की पूजा अवश्य होती है। अगर आप श्वेतार्क गणपति की पूजा अपने घर मे करते है तो आपके घर में किसी भी प्रकार की ऊपरी बाधा पर कोई असर नहीं होता है।
आइये जानते है कि गणेश जी के विभिन्न रुपों की पूजा का क्या महत्व है?
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