वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध का गोचर 4 सितम्बर 2024 को सुबह 11ः 41 मिनट पर होने वाला है। इस दौरान बुध देव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में 12 राशियों में कुछ राशि वाले जातकों को इस गोचर के शुभ फल मिलेंगे तो कुछ राशि वाले जातकों को अशुभ परिणाम मिलने की संभावना हो सकती है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बुध ग्रह को एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जो जातक को ज्ञान-बुद्धि तथा एकाग्रता प्रदान कराने वाला होता है। यदि बुध के गोचर के दौरान किसी जातक की कुण्डली में बुध की स्थिति मजबूत हो तो जातक को गणित तथा आर्थिक मामलों में सफलता प्राप्त होती है, इसके अलावा यदि गोचर के दौरान कुण्डली में बुध की स्थिति कमजोर हो तो ऐसी स्थिति में जातक को बहन, बुआ और बेटी का सुख नही मिल पाता है साथ ही व्यापार क्षेत्र में लगाया गया पैसा भी तुरंत फंस जाता है।
ज्योतिष में बुध का महत्वः-
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। सौरमण्डल में बुध एक सर्वाधिक छोटा ग्रह है जो कि सूर्य के एकदम निकट होता है। बुध ग्रह को बुद्धि के देवता के रूप में भी जाना जाता है। यह एक द्विस्वभावक ग्रह है, इसके अलावा कालपुरूष की कुण्डली में बुध को मिथुन तथा कन्या राशि का स्वामी ग्रह कहा जाता है। बुध देव कन्या राशि में उच्च के तथा मीन राशि में नीच के हो जाते हैं। अंश की बात करें तो बुधदेव 15 अंश पर परम उच्च और नीच के हो जाते हैं। बुधदेव को सभी दिशाओं में उत्तर दिशा का स्वामी माना जाता है, इसके अलावा शुक्र इसके मित्र ग्रह होते हैं परन्तु मंगल और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। बृहस्पति और शनि ग्रह बुध के उदासीन ग्रह होते हैं। बुध की महादशा पूरे 17 वर्ष की होती है। बुध ग्रह को बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा, सौंदर्य तथा त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। यदि कोई जातक बुध से प्रभावित होता है तो जातक को हंसना, बोलना तथा मजाक करना अत्यधिक पसंद होता है। बुधदेव जातक को व्यापार क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करते हैं। ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से बुध देव को आश्लेषा, ज्येष्ठा तथा रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त होता है। बुध के बलवान होने से जातक संवाद तथा संचार क्षेत्र में अत्यधिक कुशल होता है। बुध के प्रभाव से जातक अत्यधिक बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ तथा राजनीति में अत्यधिक कुशल होते हैं साथ ही इनके शरीर में नसें एकदम साफ झलकती हुई दिखाई देती हैं। यदि बुधदेव स्वगृही हो तो जातक श्रेष्ठ कवि होते हैं, यदि मूल त्रिकोण राशि में हो तो जातक ऐश्वर्य सम्पन्न होते हैं, यदि बुधदेव अपने मित्र ग्रह की राशि में हो तो जातक अत्यधिक उन्नतिशील होते हैं, इसके अलावा यदि नीच राशि में स्थित हों तो जातक अपने मित्र रिश्तेदारों का अत्यधिक विरोधी होता है, इसके अलावा यदि बुधदेव शत्रु राशि में स्थित हो तो जातक अत्यधिक व्याभिचारी तथा मानसिक रूप से अत्यधिक दुखी होता है।
ज्योतिष में सिंह राशि का महत्वः
ज्योतिष में सिंह राशि के महत्व के बारे में बात करंे तो ज्योतिष के 12 राशियों में से सिंह राशि पाँचवा राशि चिन्ह है। सिंह राशि का विस्तार राशि चक्र में 121 डिग्री से 150 डिग्री तक है। सिंह राशि अग्नि तत्व की दूसरी राशि होती है। सिंह राशि के राशि स्वामी सूर्यदेव होते हैं। सिंह राशि को दिशाओं में पूर्व दिशा का स्वामित्व प्राप्त है। इस राशि का स्वरूप शेर की आकृति के समान होता है। इस राशि का वर्ण श्वेत रंग का होता है। देखा जाये तो काल पुरूष की कुण्डली में सिंह राशि को उदर वाला स्थान प्राप्त है। सिंह राशि से प्रभावित जातकों में एक गजब सी शक्ति और महिमा होती है। इससे प्रभावित जातक महत्वकांक्षी स्वभाव के होते हैं। अग्नि तत्व की राशि होने के कारण जातक के अन्दर से ऊर्जा खत्म नहीं होती है बल्कि स्वयं अत्यधिक ऊर्जावान होने के साथ-साथ जातक दूसरों को भी पूरी तरह से ऊर्जावान बना देते हैं।
बुध के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः
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मेष राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः
4 सितम्बर 2024 को बुध का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा षष्ठम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको व्यवसायिक क्षेत्रों में पूर्ण लाभ मिलेगा। वित्तीय स्थिरता बनी रहेगी साथ ही आपके व्यक्तिगत संबंध मजबूत होंगे। इस समय आपको व्यवसाय में किये गये परिश्रम का लाभ बहुत देर से मिलेगा जिससे आप निराश रहेंगे। इस गोचर के दौरान आपके अत्यधिक खर्च हो सकते हैं जिससे आप निराश रहेंगे। आपका स्वास्थ्य पहले से ज्यादा उत्तम रहेगा साथ ही व्यवसायिक क्षेत्रों में समृद्धि मिलेगी। बुध के गोचर के दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में अच्छी उपलब्धियाँ प्राप्त होंगी साथ ही कार्यस्थल पर आपके काम की सराहना की जायेगी। इस समय प्रेम जीवन में व्यक्तिगत संबंध अच्छे रहेंगे साथ ही आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ गुणवत्तापूर्वक समय व्यतीत करेंगे जिससे आप पूरी तरह से संतुष्ट होंगे। इस गोचर के दौरान आपके आस-पास के वातावरण में भम्र की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसके कारण आप अपनी ऊर्जा में थोड़ी कमी महसूस कर सकते हैं। ऐसे में धैर्य बनाये रखें और संचार के लिए एक शांत दृष्टिकोण अपनायें।
उपायः- मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करेें।
वृष राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा पंचम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको व्यवसायिक क्षेत्रों में लाभ मिलेगा। इस समय आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। माता को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिसके कारण अस्पतालों में खर्च हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में मध्यम लाभ प्राप्त होगा जिससे आप परेशान रहेंगे। विद्यार्थी जातकों का शिक्षा क्षेत्र में इस गोचर के दौरान उतार-चढ़ाव लगा रहेगा। ऐसे में धैर्य और शांति से काम लेना आपके लिए उचित होगा। इस गोचर के दौरान आपकी वाणी प्रभावशाली रहेगी जिसके कारण बहुत आसानी से लोग आपके द्वारा दिये गये आदेशों का पालन करेंगे। सरकारी क्षेत्र से जुड़े जातकों को पदोन्नति मिलने की संभावना होगी। दाम्पत्य जीवन में जीवनसाथी के समक्ष संतान प्राप्ति की इच्छा जाहिर कर सकते हैं।
उपायः- शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की आराधना करें।
मिथुन राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के तृतीय भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के लग्न तथा चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको पढ़ाई में ध्यान केन्द्रित करने का अच्छा अवसर प्राप्त हो सकता है। इस समय आपके पेशेवर जीवन में अच्छी वृद्धि होगी। इस समय पारिवारिक जीवन में अशांति उत्पन्न हो सकती है जिससे आप अत्यधिक चिंतित रहेंगे। इस गोचर के दौरान नौकरी में पदोन्नति होगी साथ ही वेतन में वृद्धि होने की संभावना भी हो सकती है। इस समय भाई-बहनों के साथ आपके रिश्तों में मजबूती आयेगी। सामान्य जीवन जीने वाले जातकों को इस गोचर के दौरान भौतिक सुख-सुविधायें प्राप्त होंगी। इस समय आप अपने करियर क्षेत्र में अच्छी सफलता प्राप्त कर पाने में सफल होंगे। इस गोचर के दौरान आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक ध्यान केन्द्रित करेंगे साथ ही विद्यार्थी जातक इस समय शिक्षा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपका स्वास्थ्य किसी कारणवश प्रभावित हो सकता है, ऐसे में आप अपना विशेष ध्यान रखें। अविवाहित जातकों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है।
उपायः- बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करें।
कर्क राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने पेशेवर जीवन में प्रगतिशील परिणाम प्राप्त करेंगे। इस समय आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ सोच-विचारकर बात करें अन्यथा आपकी कठोर वाणी के कारण आपके परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकता है। नौकरी कर रहे जातकों का कार्यक्षेत्र में काम का बोझ अत्यधिक बढ़ सकता है जिससे मन परेशान रहेगा। इस समय आपके खर्चे पहले की अपेक्षा बढ़ते हुए दिखाई देंगे साथ ही धन हानि होने की संभावना भी हो सकती है। इस गोचर के दौरान आप अपने जीवनसाथी के साथ कुछ यादगार पल बीता सकते हैं। व्यापार क्षेत्र में इस समय आपको अत्यधिक मुनाफा होगा साथ ही कार्यालय के सहकर्मियों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे जिससे आप अत्यधिक प्रसन्न रहेंगे।
उपायः- सोमवार के दिन नियमित रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
सिंह राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको कई अलग-अलग अवसरों से धन लाभ की प्राप्ति होगी। परिवार के सदस्यों के साथ व्यक्तिगत संबंध अच्छे होंगे जिससे आपको नाम और प्रसिद्धि मिलेगी। इस समय वित्तीय क्षेत्रों में कोई गलत निर्णय लेने से आपको वित्तीय नुकसान हो सकता है। व्यवसायिक क्षेत्रों में इस गोचर के दौरान आपको धन लाभ हो सकता है। यदि आप अविवाहित हैं तो इस समय आपको कोई अच्छा रिश्ता मिल सकता है साथ ही आप दोनों के मध्य सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित हो सकता है। इस गोचर के दौरान आप अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास कर सकते हैं। जीवन में आने वाली कई चुनौतियों से इस गोचर के दौरान आप छुटकारा पा सकते हंै साथ ही इस समय आप अपने स्वास्थ्य का भी विशेष ख्याल रख सकते हैं।
उपायः- बुधवार के दिन घर में तुलसी का पौधा लगायें।
कन्या राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के लग्न तथा दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने व्यापारिक क्षेत्रों में बहुत कम लाभ की प्राप्ति होगी। समाज में आपके व्यक्तिगत संबंध बहुत कम समृद्ध होंगे। कुछ परिस्थिति में आपकी वित्तीय स्थिति अस्थिर हो सकती है जिससे आप परेशान रहेंगे। इस गोचर के दौरान स्वास्थ्य संबंधित कुछ परेशानियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में इस समय आप अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। नौकरी में स्थान परिवर्तन होने की संभावना हो सकती है। पारिवारिक जीवन में आपसी समझ न होने के कारण परिवार के सदस्यों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में आप उनके बीच आपसी समझ बढ़ाने का निरंतर प्रयास करें। कुछ परिस्थिति में बुध का गोचर आपके लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है जिससे आप प्रसन्न रहेंगे।
उपायः- नियमित रूप से बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।
तुला राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के नवम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में लाभ प्राप्त होगा। आर्थिक स्थिति उत्तम रहेगी साथ ही आप अपने मेहनत से अत्यधिक लाभ और प्रतिष्ठा प्राप्त करेंगे। इस गोचर के दौरान धन कहीं निवेश करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए इस समय किसी भी परिस्थिति में आप अपना धन निवेश करने से बचें। कार्य-व्यवसाय में पहले की अपेक्षा आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा। भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते मजबूत होंगे साथ ही आपको अपने सभी कार्यों में भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा। इस गोचर के दौरान परिवार के सभी सदस्यों के साथ धार्मिक स्थल की यात्रा भी हो सकती है जिससे मन प्रसन्न रहेगा। विदेश जाकर अपना करियर बनाने के लिए यह समय अच्छा है। अपने करियर क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए आप अपने घर के वरिष्ठ सदस्यों से सलाह ले सकते हैं जिसमें आपको सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
उपायः- मंदिर जाकर माँ दुर्गा को हरी चूड़ियाँ चढ़ायें।
वृश्चिक राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के अष्टम तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके पेशेवर जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कार्य-व्यवसाय में अत्यधिक प्रयासों के बाद भी आपको सफलता नही मिलेगी जिससे आप निराश रहेंगे। इस गोचर के दौरान शेयर-सट्टा से बचने का प्रयास करें अन्यथा आपका अत्यधिक नुकसान हो सकता है। प्रेम और पारिवारिक जीवन में छोटी-मोटी समस्याएँ बनी रहेंगी। ऐसे में आप अपने अहंकार को अपने ऊपर हावी होने देने से बचें। दाम्पत्य जीवन के रिश्तों पर नकारात्मक असर पडे़गा जिससे आप दोनों के मध्य किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। बुध के गोचर के दौरान कुछ परिस्थिति में भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है जिससे आपका मन चिंतित रहेगा। मित्र-रिश्तेदारों के मध्य तर्क करने में आपकी सामान्य बुद्धि में कमी आ सकती है जिससे आप निराश रहेंगे। इस गोचर के दौरान आप जुनूनी स्वभाव के हो सकते हैं जिससे आपके मन में रचनात्मक कार्यों को सीखने की इच्छा उत्पन्न हो सकती है।
उपायः- बुधवार के दिन नियमित रूप से गणेश जी की पूजा करते समय उन्हें दुर्वा अर्पित करें।
धनु राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के सप्तम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। बुध के गोचर के दौरान आपको अपने पेशेवर जीवन में कुछ चुनौतियाँ प्राप्त हो सकती हैं जिसमें आपको अपने सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। नौकरी क्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नौकरी में पदोन्नति मिल सकती है जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। पारिवारिक जीवन में रिश्ते मधुर होंगे साथ ही प्रेम और स्नेह के साथ आपसी समझ में वृद्धि होगी। इस गोचर के दौरान आपको अपने शिक्षकों से किसी विशेष विषय के बारे में अत्यधिक ज्ञान की प्राप्ति होगी। प्रेम जीवन में साथी के साथ किसी बात को लेकर बहस हो सकती है जिससे आपका रिश्ता टूटता नजर आयेगा। ऐसे में आप अपने साथी के मध्य हुए आपसी तनाव को दूर करने का प्रयास करें।
उपायः- गरीब तथा बुजुर्ग व्यक्तियों का सम्मान करें।
मकर राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान साथी के साथ वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। परिवार में होने वाले तनाव के कारण स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है जिससे आप चिंतित रहेंगे। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको अत्यधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है जिसमें आप सफल होंगे। इस गोचर के दौरान शिक्षा क्षेत्र में अत्यधिक प्रयासों के बावजूद भी आपको कम परिणाम मिलेंगे जिससे निराशा की स्थिति उत्पन्न होगी। इस समय व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नये अवसर प्राप्त हो सकते हैं जिसमें आप सफल होंगे। इस गोचर के दौरान आप अत्यधिक ऊर्जावान होंगे जिससे आप अपने मनचाहे विषयों में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस समय अत्यधिक काम और भागदौड़ के कारण शारीरिक थकान हो सकती है साथ ही बाहर का खान-पान करने के कारण आपका स्वास्थ्य भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आप अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
उपायः- बुधवार के दिन जरूरतमंद लोगों को हरा वस्त्र, घी, पुष्प, कपूर तथा मिश्री इत्यादि का दान करें।
कुंभ राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभावः-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के पंचम तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके एकाग्रता में कमी आ सकती है। इस समय आपको अपने पेशेवर जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है जिससे आप चिंतित रहेंगे। पारिवारिक जीवन में रिश्ता सामान्य रहेगा तथा आपको अपने परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्यों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस गोचर के दौरान आपके व्यक्तिगत रिश्ते मजबूत होंगे साथ ही जीवनसाथी के साथ प्रेम में बढ़ोत्तरी होगी। अविवाहित जातकों के विवाह में थोड़ा और विलम्ब हो सकता है। ऐसे में अच्छा रिश्ता मिलने की प्रतिक्षा करना आपके लिए ज्यादा उत्तम रहेगा। इस गोचर के दौरान आपको शिक्षा क्षेत्र में सफल परिणाम मिलेंगे जिससे आप संतुष्ट होंगे। इस समय आपका स्वास्थ्य उत्तम रहेगा जिससे आपको मानसिक शांति की अनुभूति होगी। ऐसे में स्वयं को पूरी तरह से स्वस्थ रखने का प्रयास करें।
उपायः- नियमित रूप से बुधवार के दिन पूजा करते समय बुध गायत्री मंत्र ओम सौम्यरूपाय विभहे वाणेशाय धीमहि, तन्नो सौम्यः प्रचोदयात् ।। का जाप करें।
मीन राशि के जातकों पर बुध के गोचर का प्रभाव:-
बुध का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ तथा सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान प्रेम जीवन मेें कुछ गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं जिसे दूर करने का आप पूरा प्रयास करेंगे। अपने रिश्तों में शांति बनाये रखना आपके लिए उत्तम रहेगा। इस गोचर के दौरान दाम्पत्य जीवन में उतार-चढ़ाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, इसके अलावा आपके स्वास्थ्य पर भी अत्यधिक धन खर्च हो सकता है। ऐसे में आप अपने स्वास्थ्य को उत्तम बनाये रखने का प्रयास करें। कार्यस्थल पर आपको अपने सहकर्मियों द्वारा धोखा मिल सकता है जिससे आप निराश रहेंगे। बुध के गोचर के दौरान व्यापारिक क्षेत्र में आपको अच्छा मुनाफा प्राप्त हो सकता है साथ ही साझेदारी में किये गये व्यापार में भी आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा जिससे आप प्रसन्न रहेंगे। इस समय नई वस्तुएं खरीदना तथा भूमि में निवेश करना आपके लिए लाभदायक रहेगा। इस गोचर के दौरान आप अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें अन्यथा पाचन से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।