हिंदू धर्म में नागों को देवता स्वरूप मानकर पूजा जाता है। शिवजी के गले में भी नाग लिपटा रहता है, जिससे यह मान्यता है कि नाग देवता की पूजा से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, भगवान शिव की कृपा मिलती है और कालसर्प दोष से राहत मिलती है। नाग पंचमी का पर्व शिवजी के प्रिय सावन महीने में मनाया जाता है। इस वर्ष नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 को है।
Naag Panchami 2024
नाग पंचमी के दिन, भोलेनाथ के शिवलिंग पर सफेद चंदन से लेप करें और फिर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
पूजा के विशेष निर्देश:
राहु–केतु की महादशा
जिनकी कुंडली में राहु-केतु की महादशा, अंतर्दशा या गोचर चल रहा है, उन्हें नाग पंचमी के दिन शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा-आराधना करनी चाहिए।
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काल सर्प दोष या खराब चंद्रमा
जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष है या उनका चंद्रमा कमजोर है, उन्हें भी नाग पंचमी के दिन शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
दान और उपाय:
जौ से बनी चीजों का दान:
नाग पंचमी के दिन जौ से बनी चीजों का दान करें।
राहु के प्रभाव को कम करने के लिए गाय या पक्षियों को जौ के आटे की रोटियां बनाकर खिलाएं।
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रूद्राभिषेक:
भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कराने से राहु-केतु से संबंधित परेशानियाँ कम हो जाती हैं।
नाग पंचमी 2024: पूजा विधि
पूजा के लिए नाग देवता की मूर्ति या चित्र पर पहले गंगाजल छिड़ककर स्नान कराएं। इसके बाद, हल्दी, रोली, अक्षत, फूल, चंदन आदि अर्पित करते हुए पंचोपचार पूजन करें। कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें और फिर धूप-दीप जलाएं। नाग देवता को खीर का भोग लगाएं। नाग देवता के मंत्रों का जाप करें या नाग स्त्रोत का पाठ करें। इस दिन नाग पंचमी की कथा सुनना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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