Shardiya Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurat: शारदीय नवरात्रि 2024 घटस्थापना मुहूर्त

पंचांग के अनुसार:

अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि: 3 अक्टूबर 2024 को प्रातः 12:18 बजे से 4 अक्टूबर 2024 को प्रातः 02:58 बजे तक।

घटस्थापना मुहूर्त:

समय: 3 अक्टूबर 2024, सुबह 06:15 से 07:22 तक (अवधि 1 घंटा 6 मिनट)

कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त:

समय: 3 अक्टूबर 2024, सुबह 11:46 से दोपहर 12:33 तक (अवधि 47 मिनट)

कन्या लग्न:

प्रारम्भ: 3 अक्टूबर 2024, सुबह 06:15

समाप्त: 3 अक्टूबर 2024, सुबह 07:22

शारदीय नवरात्रि 2024 तिथियां और माता की सवारी

शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ:

तिथि: 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार

इस बार माता डोली या पालकी में सवार होकर पृथ्वी पर आएंगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां का डोली पर सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा, महामारी और देश में शासन व्यवस्था में अस्थिरता का संकेत देता है।

शारदीय नवरात्रि का महत्व

Shardiya Navratri 2024 Ghatsthapana Muhurat: शारदीय नवरात्रि 2024 घटस्थापना मुहूर्त 1

शारदीय नवरात्रि का त्योहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। यह नवरात्रि चन्द्र मास आश्विन में शरद ऋतु के समय आती है। पौराणिक मान्यता अनुसार, देवी दुर्गा ने संसार के कल्याण के खातिर शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में महिषासुर से युद्ध किया और विजयादशमी पर उसका वध कर भक्तों की रक्षा की।

नवरात्रि पूजा सामग्री

नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री का उपयोग किया जाता है:

  • लाल चुनरी
  • लाल वस्त्र
  • मौली
  • श्रृंगार सामग्री
  • दीपक
  • घी या तेल
  • धूप
  • नारियल
  • साफ चावल
  • कुमकुम
  • फूल

नवरात्रि 2024: तिथियां, महत्व, और पूजाविधि

नवरात्रि तिथियां और देवी पूजन:

1. 3 अक्टूबर: मां शैलपुत्री की पूजा

2. 4 अक्टूबर: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

3. 5 अक्टूबर: मां चंद्रघंटा की पूजा

4. 6 अक्टूबर: मां कुष्मांडा की पूजा

5. 7 अक्टूबर: मां स्कंदमाता की पूजा

6. 8 अक्टूबर: मां कात्यायनी की पूजा

7. 9 अक्टूबर: मां कालरात्रि की पूजा

8. 10 अक्टूबर: मां महागौरी की पूजा

9. 11 अक्टूबर: मां सिद्धिदात्री की पूजा

 

पूजाविधि

1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें।

2. दीप प्रज्वलन: मंदिर में दीप जलाएं।

3. अभिषेक: मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।

4. अर्पण: मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें।

5. धूप और दीप: धूप और दीप जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और आरती करें। मां को भोग लगाएं।

 

महत्वपूर्ण बातें

1. सात्विक भोजन: नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करें। लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन करें।

2. घर की शुद्धता: अगर आपने कलश स्थापना या अखंड ज्योति जलाई है, तो घर को खाली छोड़ें।

3. साधना नियम: व्रत रखने वालों को नवरात्रि के दौरान दाढ़ीमूंछ, बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए।

4. मां दुर्गा की उपस्थिति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर आती हैं। इन दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए रोजाना दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

नवरात्रि के इस पावन पर्व पर मां दुर्गा की आराधना से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो। जय माता दी!

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