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जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की विशेष पूजा विधि और सिद्ध उपाय

Maasik Krishna Janmashtami, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 01 अप्रैल 2024

Special worship method and proven remedies for Laddu Gopal on Janmashtami

जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप, जिन्हें लड्डू गोपाल के नाम से जाना जाता है, की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन मंदिरों को सुंदर ढंग से सजाया जाता है, और भगवान को नए वस्त्र धारण कराए जाते हैं। लड्डू गोपाल का पंचामृत से अभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करने के लिए विशेष पकवान अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद भगवान को झूले में झुलाया जाता है, और रात 12 बजे भगवान कृष्ण के जन्म के उपरांत पूजा कर व्रत का पारण किया जाता है।

श्रीकृष्ण जयंती योग: 5251वाँ जन्मोत्सव

कृष्ण जन्माष्टमी: सोमवार 26 अगस्त 2024

निशिता पूजा का समय: 27 अगस्त को 00:01 से 00:45 तक (अवधि: 45 मिनट)

दही हांडी उत्सव: मंगलवार, 27 अगस्त 2024

धर्म शास्त्र के अनुसार पारण समय:

पारण का समय: 27 अगस्त, 15:38 बजे के बाद

रोहिणी नक्षत्र समाप्ति: 27 अगस्त, 15:38 बजे

अष्टमी तिथि: 27 अगस्त को सूर्योदय से पहले समाप्त

वैकल्पिक पारण समय:

पारण का समय: 27 अगस्त, 05:57 बजे के बाद

अगले दिन पारण: देव पूजा और विसर्जन के बाद, सूर्योदय पर किया जा सकता है

समाज में प्रचलित पारण समय:

पारण का समय: 27 अगस्त, 00:45 बजे के बाद (निशिता के बाद)

मध्यरात्रि का क्षण: 27 अगस्त 00:23 पर

चंद्रोदय समय: 26 अगस्त, 23:20 बजे

तिथियाँ और नक्षत्र:

अष्टमी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2024, 03:39 से

अष्टमी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2024, 02:19 पर

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 26 अगस्त 2024, 15:55 से

रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 27 अगस्त 2024, 15:38 पर


मखाने और मिश्री का भोग

जन्माष्टमी की रात जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म होता है, तब उन्हें माखन और मिश्री का भोग अवश्य लगाएं। कान्हा को माखन और मिश्री अत्यंत प्रिय है। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होगा और भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी। इसके साथ ही, यह उपाय दांपत्य जीवन को भी खुशहाल बनाए रखने में सहायक है।

दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक

जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल का अभिषेक दक्षिणावर्ती शंख से करना अत्यंत शुभ माना जाता है। अभिषेक के बाद कृष्ण चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें। यह उपाय आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होता है और जीवन में संपन्नता को बनाए रखता है।


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पान का पत्ता अर्पित करें

यदि आपके अनेक प्रयासों के बावजूद आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा हो, तो श्री कृष्ण के जन्म के बाद भगवान को पान का पत्ता अर्पित करें। अगले दिन इस पान के पत्ते पर रोली से श्रीयंत्र लिखकर इसे धन स्थान, जैसे अलमारी या तिजोरी में रख दें। इस उपाय से आर्थिक तंगी दूर होगी और धन में वृद्धि होगी।

बांसुरी का अर्पण

जन्माष्टमी के दिन एक चांदी की बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को अर्पित करें। बांसुरी भगवान श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है। इस दिन ‘क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरिः परमात्मने प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदय नमो नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने और जीवन के कष्टों से मुक्ति पाने में सहायक होगा। साथ ही, धन-समृद्धि के लिए भगवान कृष्ण को इस दिन पीले वस्त्र धारण कराएं।

इन उपायों को अपनाकर आप भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि को बनाए रख सकते हैं। जन्माष्टमी के पावन पर्व पर इन सिद्ध उपायों का पालन करके भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करें और अपने जीवन को धन-धान्य से भरपूर करें।

 

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