कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में जब जगमगाते दीपो से घर और आंगन रोशन रहता है तब माँ लक्ष्मी धरती पर आती है।। प्रत्येक -व्यक्ति माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करता है। दिवाली का पावन पर्व धन और समृद्धि का पर्व माना जाता है। वेदों, उपनिषदों, पुराणों और संहिताओं के अनुसार गायत्री मंत्रकी कृपा से प्राप्त वरदनों में माँ लक्ष्मी भी शामिल है। जिसके फलस्वरूप व्यक्ति को निर्धनता एवं कई घन धन संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है
आईये दिवाली पर ये विशेष उपाय करके लाए अपने घर माता लक्ष्मी कों :-
🔯 दिवाली की रात्रि में पूजा करने के बाद नौ गोमती चक्र को हल्दी के साथ रखकर तिजोरी में स्थापित करे जिसके फलस्वरूप पूरे वर्ष सुख समृद्धि का आगमन होगा ।
🔯दिवाली के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल में दीपक जलाने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
🔯 लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्री यंत्र, कनकधारा यंत्र और कुबेर यंत्र के समन्वय से एक सम्पूर्ण क्रम स्थापित करें।
🔯 दिवाली की पांच रातों में कम से कम 5 दीपक अवश्य जलाएं दीपक को सीधे जमीन पर रखने के बजाय की ओर आसन दें।
🔯 लक्ष्मी जी को अपने हाथों को बना खीर अर्पित करें।
🔯 दिवाली से आरम्भ करें और प्रत्येक अमावस्या को भिखारी अथवा विकलांगों को भोजन खिलाएं।
🔯 श्री गणपति की स्थापना करने के बाद लक्ष्मी जी की स्थापना अवश्य करें क्योंकि गणपति भगवान के बिना लक्ष्मी साधना अधूरी रहती है।
🔯 दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के अलावा श्रीशुक्त का पाठ अवश्य करें।
🔯 दिवाली के पूजन के समय माता लक्ष्मी को कमल की माला अवश्य पहनाएं तथा अगले दिन लाल वस्त्र में बांधकर धन के बीच में रख दें और माँ लक्ष्मी नमः का तीन बार उच्चारण अवश्य करें।
🔯 दिवाली के दिन प्रातःकाल भगवान विष्णु की आराधना अवश्य करे क्योंकि जहां विष्णुजी होते हैं वहीं माता लक्ष्मी का वास होता है।