क्या घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र में घर के मंदिर से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी माना जाता है। इनमें से एक सवाल है: क्या घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखनी चाहिए? इस विषय पर ज्योतिषाचार्य K.M. Sinha ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। आइए जानते हैं कि क्या पितरों की तस्वीर घर के मंदिर में रखना सही है या नहीं।
क्या घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखना उचित है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से देवीदेवता नाराज हो सकते हैं। पितरों का स्थान देवीदेवताओं से नीचे माना जाता है और उनकी तस्वीर को मंदिर में रखना अनुचित है। इससे पितरों के प्रति सम्मान कम हो सकता है।
इसके अतिरिक्त मंदिर में पितरों की तस्वीर रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में समस्याएं आ सकती हैं। इस प्रकार की स्थिति पितृ दोष का कारण बन सकती है, जिससे पितृ भी परिवार से नाराज हो सकते हैं।
क्या घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखनी चाहिए?
पितरों की तस्वीर रखने का सही स्थान
पितरों की तस्वीर को घर के मंदिर में रखने के बजाय, इसे किसी अन्य स्थान पर रखना उचित होता है। आप इसे घर के किसी विशेष कोने या दीवार पर रख सकते हैं, ताकि उनका स्मरण किया जा सके लेकिन उन्हें देवी-देवताओं के समकक्ष नहीं रखना चाहिए।
घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखना वास्तु के अनुसार सही नहीं है। यह नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन सकता है और पितृ दोष उत्पन्न कर सकता है। इसलिए इस मामले में सतर्क रहना आवश्यक है।
यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे साझा करें।
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क्या घर के मंदिर में पितरों की तस्वीर रखनी चाहिए?
श्राद्ध पक्ष के दौरान क्या करें?
श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान अवश्य करें।
इस समय गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
गाय, कौवे और कुत्ते को खाना खिलाना चाहिए।
घर पर ब्राह्मणों को आमंत्रित करें और उन्हें भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दें।
पितरों की शांति के लिए गीता पाठ का आयोजन करें।
घर आए किसी भी मेहमान का अपमान न करें।
मन और घर की सात्विकता बनाए रखें।
ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करें।
श्राद्ध पक्ष के दौरान क्या न करें?
इस दौरान कोई भी तामसिक भोजन न करें।
इन दिनों ब्रह्मचर्य बनाए रखें, क्योंकि पितृ पृथ्वी पर आते हैं।
इस दौरान नए कपड़े, सोना-चांदी, जेवर आदि नहीं खरीदें।
इस अवधि में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
इस दौरान शराब और जुआ से भी दूर रहें।
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