गौ माता की सेवा से करें नौ ग्रह दोष का निवारण

धार्मिक परम्परा और हिन्दू धर्म के अनुसार गाय को माता का दर्जा दिया गया है शायद इसी कारण से गौ माता की पूजा करने से मानव जीवन की कुण्डली में उपस्थित कई सारे ग्रह दोषों का अंत होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना गया है कि गाय की नियमित रूप से पूजा करने से नौ ग्रह हमेशा शांत रहते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो एकमात्र गाय ही ऐसी प्राणी है जिसके जरिए हम हमारी कुण्डली में उपस्थित सभी ग्रहों का ज्योतिषीय उपचार कर सकते हैं।

देखा जाए तो इस पूरी सृष्टि पर गौवंश का आध्यात्मिक महत्व सांसारिक महत्व से कई गुना ज्यादा बड़ा हैं। गौ माता से जुड़े हुए इन उपचारों में कई उपचार तो ऐसे हैं जो कि हमारे द्वारा पहने गये लाखों करोड़ो रुपये के रत्न भी मदद न कर पायें। अतः वह मदद हम अपने गौ माता की विशिष्ट सेवा करके हासिल कर सकते हैं।

आजकल के आधुनिक युग में कुछ लोग आज भी गौ माता को माता मानते है परन्तु कुछ लोग गौ माता को भी कुछ नही समझते हैं। वास्तव में इस पूरी सृष्टि पर गाय को सभी जीवों में सबसे पवित्र जीव माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गौ माता के शरीर में पूरे 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है और यह वास्तव में सत्य है इसी कारण से गौ माता की पूजा और सेवा करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी परेशान नहीं रहता है साथ ही अपने जीवन में आई हुई सभी परेशानियों से भी दूर रहता है

यदि कभी किसी जातक के जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ऐसे जातकों को गौ माता का पूजन करने से सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है क्योंकि गौ माता हमारे जीवन में आने वाली सारी परेशानियों को अपने ऊपर ले लेती है।

गौ माता से आशीर्वाद प्राप्त करने के कुछ अन्य तथ्य

☸ यदि आप अपने जीवन में गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं और अपनी सारी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको प्रतिदिन रोटी बनाते समय सबसे पहली रोटी गौ माता के लिए अवश्य निकालना चाहिए।

☸ अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में से थोड़ा समय निकालकर माह में एक बार अपने पूरे परिवार के साथ गौशाला अवश्य जायें और वहाँ जाकर गाय की सेवा अवश्य करें, शास्त्रों के अनुसार गौ माता की नियमित पूजा करने से नौ ग्रह हमेशा शांत रहते हैं।

☸ अपने घर में हो रहे किसी भी मांगलिक कामों के लिए गौ माता को अवश्य शामिल करें अपने घर के मांगलिक कार्यक्रमों में गाय के लिए एक हिस्सा अवश्य निकालें, इसके अलावा घर की किसी भी छोटी या बड़ी पूजा या फिर हवन में गाय के पंचगव्यों यानि (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) अवश्य शामिल करें इन सभी के बिना आपकी पूजा हमेशा अधूरी रहती है।

☸ ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गाय के पंचगव्य का घर के पूजा-पाठ में इस्तेमाल करने से जातक के बहुत से रोगों का निवारण होता है इसके अलावा इन पंचगव्यों का सेवन करने से जातक अपने कई प्रकार के असाध्य रोगों से भी पूरी तरह से छुटकारा पा लेता है।

☸ गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गर्मी के दिनों में गाय के लिए पीने का पानी अवश्य रखे इसके अलावा सर्दियों के मौसम में गौ माता को गुड़ अवश्य खिलाएं ऐसा करने से गौ माता प्रसन्न होकर आपको खूब आशीर्वाद देतें है।

ब्रह्माण्ड में स्थित सभी नवग्रहों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय एवं चमत्कारिक उपाय

हमारे ब्रह्माण्ड में स्थित सभी नव ग्रहों के अशुभ प्रभाव और ग्रहों के दोषों को दूर करने के लिए हम गौ माता की सेवा करके ऐसे कौन से उपाय अपना सकते हैं आइए इसे हम हमारे योग्य ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के द्वारा समझते हैं।

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सूर्य ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में सूर्य ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहे हों या फिर जन्मकुण्डली में सूर्य चाहे अनुकूल या फिर प्रतिकूल अवस्था में हो तो ऐसी स्थिति में गौ माता को नियमित रूप से साबूत गेहूँ खिलाएं ऐसा करने से कुण्डली में सूर्य बलवान होता है जिससे जातक का समाज में बहुत ज्यादा प्रभाव रहता है साथ ही ऐसा जातक सूर्य के शुभ प्रभाव से किसी के ऊपर आधिपत्य स्थापित करने में तेजी से वृद्धि होती है।

चन्द्रमा से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में चन्द्रमा से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा है या फिर जन्मकुण्डली में चन्द्रमा कमजोर स्थिति में हो तो ऐसे जातकों को रात में सोने से पहले गुनगुना दूध पीयें और सुबह जगते ही खाली पेट गौ माता के दूध से बने हुए मक्खन का सेवन करें तो, ऐसा करने से जातक के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है। इसके अलावा राहु और शनि जैसे खतरनाक ग्रहों से कमजोर हुए चंद्रमा वाला जातक भी एकदम स्वस्थ होकर खिलखिलाने लगता है।

मंगल ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में मंगल ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या फिर कुण्डली में मंगल ग्रह कमजोर स्थिति में हो तो ऐसे जातक को प्रतिदिन गाय को मूंग की दाल अवश्य खिलानी चाहिए ऐसा करने से जातक की कुण्डली में मंगल दोष पूरी तरह से समाप्त हो जायेंगे।

इसके अलावा यदि किसी जातक के बारहवें भाव में मंगल हो और ऐसा व्यक्ति रात के समय में चैंककर या डरकर बार-बार उठ जाते हों तो ऐसे जातकों को प्रतिदिन सुबह का कुछ समय नियमित रूप से गौवंश अर्थात गायों के बीच अवश्य बिताना चाहिए साथ ही गौ माता की परिक्रमा करनी चाहिए। ऐसा नियमित रूप से करने से कुण्डली में स्थित मंगल दोष बहुत हद तक कम होकर समाप्त हो जाते हैं।

बुध ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में बुध ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या फिर कुण्डली में बुध ग्रह विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो ऐसी स्थिति में जातक को हरे पत्तेदार सब्जियाँ गौ माता को खिलाने से कुण्डली में उपस्थित बुध ग्रह के द्वारा उत्पन्न दोष या आने वाली बाधाएं शीघ्र ही दूर हो जाती है। यदि व्यापारी जातक इन दिये हुए उपायों को निरन्तर कर रहे हैं तो ऐसे जातकों हो जाती हैं। के व्यापार क्षेत्र में कभी भी कोई पैसा फँसकर रुकेगा नही बल्कि व्यापार क्षेत्र में तरक्की होगी।

गुरू ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में गुरु ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या फिर जातक की कुण्डली में गुरु आपको प्रतिकूल प्रभाव दे रहे हो तो ऐसे जातक को केवल गौशाला में गौ माता का दर्शन मात्र कर लेने से गुरु ग्रह से सम्बन्धित दोष दूर हो जाते है। इसलिए शुक्र ग्रह से सम्बन्धित दोषों को दूर करने के लिए जातक को गौ माता के बाड़े अथवा गौशाला में दिन का कुछ समय गायों के साथ अवश्य बिताना चाहिए।

शुक्र ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या फिर जातक की कुण्डली में शुक्र ग्रह आपको प्रतिकूल प्रभाव दे रहा हो तो ऐसे जातक को सुबह के ठण्डे समय में जब गाय बैठकर अपने निगले हुए चारे को थोड़ा-थोड़ा निकालकर चबा रही हो यानि जुगाली कर रहा हो तो उस समय जातक को उस गौ माता को नियमित रूप से गुड़ यानि भेली खिलानी चाहिए ऐसा करने से शुक्र ग्रह बलवान होता है। इसके अलावा अपने घर के सामने गौ माता के बैठने का स्थान बनायें और जब आपके बनाये गये स्थान पर आकर गौ माता बैठने लगे तो ऐसा होने से आपके घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है साथ ही आपकी कुण्डली में शुक्र ग्रह से सम्बन्धित सभी दोष समाप्त हो जायेंगे।

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शनि ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में शनि ग्रह से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या फिर आपकी कुण्डली में शनि ग्रह आपको विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो ऐसे में जातक को गाय जहाँ खड़ी है उसके नीचे के भाग से थोड़ी सी मिट्टी लेकर उसके भाल पर तिलक करने से शनि ग्रह से सम्बन्धित दोष दूर हो जाते हैं साथ ही शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव समाप्त होकर लाभ प्राप्ति के नये मार्ग स्वतः ही खुलते जाते हैं।

राहु ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में राहु से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या राहु आपकी कुण्डली में कोई अशुभ या प्रतिकूल प्रभाव दे रहा हो तो ऐसे में इन जातकों को गौ माता को नियमित रूप से जौ और ज्वार मिलाकर खिलायें साथ ही गाय की पूँछ को अपने आँख और मुंह पर भी फेरें ऐसा करने से राहु के अशुभ प्रभाव और दोष जल्द ही समाप्त हो जाते हैं, और उन्हें इससे सम्बन्धित सभी समस्याओं से छुटकारा भी मिल जाता है।

केतु ग्रह से सम्बन्धित दोषों के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय

यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में केतु से सम्बन्धित कोई दोष उत्पन्न हो रहा हो या केतु का कोई अशुभ या प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हो तो ऐसी स्थिति में जातक को दो रंग की खाद्य वस्तुओं को मिलाकर या सफेद और काला दोनो रंग का तिल गुड़ में मिलाकर गौ माता को शाम के समय खिलाना चाहिए ऐसा करने से केतु से सम्बन्धित सभी प्रकार के दोष और बाधाएं समाप्त हो जाती है।

कुछ अन्य ग्रहों के मेल द्वारा उत्पन्न दोष से गौ सेवा द्वारा दोष निवारण उपाय

☸ प्राचीन धर्म ग्रन्थों और धार्मिक परम्परा के अनुसार गौ सेवा करना पुण्य प्राप्ति और ग्रहों से उत्पन्न दोष निवारण का सीधा और सर्वोत्तम उपाय है। अतः ज्योतिष में गौ माता को शुक्र ग्रह के अन्तर्गत माना गया है साथ ही गौ माता को माता का दर्जा दिया गया है जो कि साक्षात माँ लक्ष्मी के समान हैं। इसके अलावा गौ सेवा और भी कई अन्य दोषों का निवारण करती है जो निम्न है-

☸ यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में शुक्र ग्रह नीच स्थिति या कुण्डली में त्रिक भाव में हो तो ऐसी स्थिति में जातक के दाम्पत्य जीवन में कलह होता हैं जिसके कारण वैवाहिक जीवन में आये हुए सुखों का नाश हो जाता है ऐसे में जातक को प्रतिदिन अपने भोजन में से एक रोटी गौ माता को खिलाने से शुक्र ग्रह का नीचत्व खत्म होने के साथ-साथ उसकी कुण्डली में निर्बलता भी समाप्त हो जाती है।

☸ गाय की पीठ पर बना हुआ कूबड़ बृहस्पति ग्रह होता है अतः यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली में गुरु ग्रह नीच या चित्र अवस्था में हो या फिर गुरु अपने किसी शत्रु राशि के स्थान पर हो ऐसी स्थिति में जातक को गााय के कूबड़ वाले भाग का दर्शन करके गौमाता को रोटी पर गुड़ और चने की दाल रखकर खिलाएं ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह से उत्पन्न दोष और बाधा पूरी तरह से समाप्त हो जायेगी।

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☸ यदि किसी जातक की जन्मकुण्डली में सूर्य और चंद्रमा निर्बल अवस्था में हो तो ऐसी स्थिति में गाय के नेत्रों का प्रतिदिन दर्शन करके प्रणाम करने से सूर्य और चन्द्रमा से सम्बन्धित कुण्डली में निर्बलता और बाधा दूर हो जायेगी।

☸ यदि किसी जातक के घर में कौ माता है तो ऐसे जातकों के घर में वास्तु दोष कभी भी उत्पन्न नहीं होते हैं। इसके अलावा यदि जातक की हथेली में स्थित आयु रेखा टूटी हुई हो तो ऐसी स्थिति में गौ माता का पूजन करके गौघृत का सेवन करने से सारी बाधाएं दूर हो जाती है।

☸ यदि किसी जातक की कुण्डली में सूर्य नीच या त्रिक भाव में हो या किसी शत्रु राशि में स्थित हो या केतु से युति कर रहा हो या फिर केतु किसी प्रकार से जातक को कष्ट दे रहा हो तो ऐसी स्थिति में गौ माता कि नियमित रूप से अष्टमी तिथि को पूजन करने से इस प्रकार के सभी दोष पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं।

☸ किसी जातक की जन्मकुण्डली में सूर्य यदि शनि ग्रह राहु या केतु से युति कर रहा हो या सूर्य पर राहु केतु की दृष्टि पड़ रही हो तथा मंगल ग्रह की राहु या केतु से युति हो रही हो तो ऐसी स्थिति में पितृ दोष उत्पन्न होता हैं ऐसे में गौ माता को नियमित रूप से या फिर अमावस्या के दिन रोटी, गुड़ और चारा खिलाने से पितृ दोष समाप्त हो जाते हैं।

गौ माता में बसे हुए सभी देवी-देवताओं के नाम

☸ गौ माता के सींग वाले भाग में भगवान शिव शंकर विराजमान है।
☸ गौ माता के उदर भाग में शिव जी के पुत्र कार्तिकेय विराजमान हैं।
☸ गौ माता के मस्तक वाले भाग में ब्रह्मा जी विराजमान हैं।
☸ गौ माता के ललाट वाले हिस्से में भगवान रूद्र विराजमान हैं।
☸ गौ माता के सींग के शीर्ष वाले भाग पर इंद्र भगवान विराजमान हैं।
☸ गौ माता के कानों में भगवान अश्विनी कुमार विराजमान हैं।
☸ गौ माता के आँखों में सूर्य और चन्द्रमा विराजमान हैं।
☸ गौ माता के दाँत वाले भाग में भगवान गरुड़ विराजमान हैं ।
☸ गौ माता के जिहृवा वाले भाग में मां सरस्वती विराजमान है।
☸ गौ माता के अपान (श्वास) में पूरा तीर्थ विराजमान है।
☸ गौ माता के मूत्र वाले स्थान में गंगाजी विराजमान हैं।
☸ गौ मात्रा के दक्षिण पार्श्व वाले भाग में भगवान वरुण और कुबेर विराजमान हैं।
☸ गौ मात्रा के वाम पार्श्व वाले भाग में महाबली यक्ष विराजमान हैं।
☸ गौ माता के रोमकूपों में सभी ऋषिगण विराजमान हैं।
☸ गौ माता के पृष्ठ भाग में भगवान यमराज विराजमान हैं।
☸ गौ माता के खुरो यानि पैर के नीचले भाग में अप्सराएं विराजमान हैं।
☸ गौ माता के मुख के भीतरी भाग में भगवान गंधर्व विराजमान हैं।
☸ गौ माता के नासिक यानि अग्र भाग में सर्प विराजमान हैं।
☸ गौ माता के गोबर में माँ लक्ष्मी विराजमान हैं।
☸ गौ माता के गौमूत्र में माँ भवानी विराजमान हैं।
☸ गौ माता के थन वाले हिस्से में पूरा समुंद्र समाया हुआ है।
☸गौ माता के पूँछ वाले भाग में भगवान हनुमान विराजमान है।

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