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जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को नाराज करने वाली गलतियां

जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को नाराज करने वाली गलतियां

जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को नाराज करने वाली गलतियां

जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का पावन पर्व, भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष, जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को है। यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भगवान श्री कृष्ण के धरती पर आगमन की स्मृति को चिह्नित करता है। इस दिन की पूजा और व्रत के साथ-साथ कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। यदि इस दिन कुछ गलतियाँ हो जाती हैं, तो इससे भगवान श्री कृष्ण की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है और भक्तों को दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं जन्माष्टमी के दिन कौन सी बातें विशेष रूप से ध्यान में रखें और कौन सी गलतियों से बचें।

 जन्माष्टमी के दिन क्या करें

  1. स्नान और पूजा

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्नान के बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। यह दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और स्नान करने से आपके मन और शरीर की शुद्धता सुनिश्चित होती है। पूजा में विशेष ध्यान दें कि हर एक वस्तु और क्रिया शुद्ध हो।

  1. भोग तैयार करें

भगवान श्री कृष्ण के लिए उनके प्रिय भोग तैयार करें, जैसे कि माखन, मीठे, लड्डू और दूध-रोटी। यह भोग न केवल भगवान की विशेष कृपा प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि यह उनके प्रति आपकी भक्ति को भी दर्शाता है। इन खाद्य पदार्थों को भगवान को अर्पित करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।

  1. तुलसी की माला

तुलसी की माला बनाना एक महत्वपूर्ण विधि है, लेकिन ध्यान रखें कि सूई और धागे का प्रयोग न करें। तुलसी की माला को हाथ से ही तैयार करना चाहिए, जिससे यह पूजा के लिए पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र रहे। तुलसी के पत्ते भगवान श्री कृष्ण के प्रिय हैं और उनकी पूजा में इनका योगदान विशेष माना जाता है।


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  1. श्रृंगार और झूला

भगवान श्री कृष्ण का सुंदर श्रृंगार करें और उन्हें झूला झुलाएं। यह परंपरा इस दिन को खास बनाती है और भगवान की विशेष आराधना को दर्शाती है। झूला झुलाने से भगवान के साथ एक अनोखा संबंध स्थापित होता है और यह पूजा के अनुभव को और भी विशेष बना देता है।

  1. दान और प्रसाद

गरीबों को दान दें और प्रसाद को बच्चों में बांटें। यह पुण्यकारी कार्य भगवान को प्रसन्न करता है और आपके जीवन में खुशहाली लाता है। प्रसाद का वितरण समाज में अच्छाई और भलाई को बढ़ावा देता है और दान से आपके पुण्य का संग्रह होता है।

  1. मंदिर की स्वच्छता

पूजा से पहले मंदिर या घर की साफ-सफाई अवश्य करें। गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा के लिए पवित्र वस्त्र और सामग्री का ही प्रयोग करें। स्वच्छता से पूजा का वातावरण पवित्र और प्रभावशाली बनता है, जिससे पूजा की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।

  1. व्रत का पालन

यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो उसके नियमों का पालन पूरी तरह से करें। व्रत के दौरान शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है और इसके नियमों का उल्लंघन भगवान की नाराजगी का कारण बन सकता है। व्रत के नियमों का पालन न करने से पूजा का उद्देश्य पूरा नहीं होता।

  1. रात को भोजन और सोना

जन्माष्टमी की रात को विशेष रूप से रात्रि 12 बजे के बाद भोजन करने से बचें। इस समय भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और भोजन तथा सोना इस समय गलत माना जाता है। इस समय का सम्मान करना और जागरूक रहना इस दिन की विशेषता है।

  1. मांसाहार और नशा

इस दिन मांसाहार, तामसिक और राजसिक भोजन का सेवन न करें। नशे से भी बचें और केवल सात्विक भोजन और फलाहार का सेवन करें। सात्विक भोजन भगवान की पूजा के लिए उपयुक्त होता है और आपके शरीर और मन को शुद्ध करता है।

  1. झगड़ा और विवाद

इस पावन दिन पर किसी भी प्रकार का झगड़ा या विवाद करने से बचें। शांति और सौहार्द बनाए रखें, ताकि आपकी पूजा सफल और प्रभावशाली हो सके। विवाद और झगड़े पूजा के सकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं और भगवान की कृपा को प्रभावित कर सकते हैं।


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  1. स्वच्छता बनाए रखें

घर और मंदिर की स्वच्छता बनाए रखें। गंदगी और अशुद्धता से बचें। पूजा-पाठ के दौरान शुद्ध कपड़े पहनें और पूजा के लिए पवित्र वस्त्र और सामग्री का उपयोग करें। स्वच्छता पूजा की सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।

  1. बच्चों पर हाथ उठाएं

बच्चों पर हाथ उठाना या बड़ों का अपमान करना भी गलत माना जाता है। इससे भगवान नाराज हो सकते हैं और व्रत का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। बच्चों के प्रति प्यार और सम्मान बनाए रखें और बड़ों की इज्जत करें।

जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा का पर्व है। इस दिन के पावन अवसर पर ध्यानपूर्वक पूजा और व्रत का पालन करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। उपर्युक्त सुझावों और निर्देशों का पालन करके आप इस पावन दिन को सफल और सुखमय बना सकते हैं। भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप पर सदा बनी रहे और आपके जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन हो।

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