सामान्य तौर पर आखों का फड़कना एक सामान्य घटना मानी जाती है परन्तु सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शरीर के अंगों के अलावा आंख के फड़कने का भी महत्व है। दायें एवं बायें आख के फड़कने का अर्थ अलग-अलग होता है। आखों का फड़कना सदैव अशुभ या शुभ नही होता है। आज हम प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी द्वारा जानेंगे कि पुरुषों एवं महिलाओं के दाई एवं बाई आंख के फड़कने का क्या अर्थ है।
किसी पुरुष की बाई आंख का फड़कना
यदि किसी पुरुष की बाई आंख फड़क रही हो तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है। इसका अर्थ है किसी विपक्षी से लड़ाई-झगड़ा हो सकता है या आने वाले समय में किसी समस्या का सामना कर सकते है। इसके अलावा बाई आंख का फड़कना चिंता, डर, दुःख, विपरीत परिस्थिति की ओर ईशारा करता है। इसलिए सावधान रहें परन्तु कई बार बाई आंख का फड़कना शुभ होता है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
किसी महिला की बाई आँख का फड़कना
जब किसी महिला की बाई आंख फड़कती है तो इसको शुभ संकेत माना गया है यह संकेत शुभ स्थिति की ओर इशारा करते है तथा धन लाभ प्राप्ति के संकेत बनते है। इसके साथ कहीं से शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
किसी पुरुष की दाई आंख का फड़कना
यदि किसी पुरुष की दाई आंख फड़क रही है तो यह शुभ संकेत देती है। इसका तात्पर्य हैं उनके जीवन में कुछ शुभ होने वाला है। यदि उनकी कोई मनोकामना है तो शीघ्र पूर्ण होगी। धन लाभ के अच्छे अवसर मिलेंगे।
किसी महिला की दाई आंख का फड़कना
जब किसी महिला की दाई आँख फड़कती है तो यह अशुभ स्थिति को बताती है। अतः आपको सावधान रहना चाहिए क्योंकि इसका अर्थ है परिवार में वाद-विवाद हो सकता है। साथ ही किसी काम में असफलता मिल सकती है।
एक साथ दोनो आखों का फड़कना
यदि किसी पुरुष की एक साथ दोनों आखें फड़क रही हो तो इसका अर्थ है किसी पुराने मित्र या रिश्तेदार से मुलाकात हो सकती है। आखों की यह स्थिति पुरुषों एवं महिलाओं के लिए एक समान होती है।