ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अज्ञात जन्म तिथि को कैसे ज्ञात करें ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आज भी इस सृष्टि पर स्थित ऐसे कई लोग हैं जिनकी जन्म कुण्डली आज तक नही बन पाई है जिसका कारण यह है कि उन्हें अपनी जन्म तिथि और जन्म समय याद ही नही है। देखा जाए तो एक सही जन्म कुण्डली का निर्माण करने के लिए जातक को अपनी सही जन्म तिथि, जन्म समय तथा जन्म स्थान का पता अवश्य होना चाहिए, तभी उस जातक की एक सही तथा सटीक जन्म कुण्डली योग्य ज्योतिषी के अनुसार बनाई जा सकती है।
वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों को उनकी जन्म तिथि और उनका जन्म समय ज्ञात नही होता है जिसके कारण उन्हें अपनी जन्म कुण्डली प्राप्त नही हो पाती है साथ ही उन्हें किसी भी तरह का ज्योतिषीय परामर्श भी नही मिल पाता है जिससे वे अत्यधिक परेशान होते हैं ऐसे में यदि जातक को अपना जन्म समय, जन्मतिथि तथा जन्म स्थान जानने का कोई आधार या सूत्र मिल जाये तो जातक उसके सहारे ही अपने जीवन को प्रशस्त बना सकते हैं।
अंक ज्योतिष एक ऐसी विद्या है जिसके आधार पर यदि जातक की जन्म तिथि का पता न हो तो भी जातक के कुण्डली का निर्माण किया जा सकता है, इसके अलावा कुछ अक्षरों का मूल्यांकन करके उनके जीवन को नियंत्रित करने वाले ग्रहों का भी पता लगा सकते हंै साथ ही इन्हीं अक्षरों के मूल्यांकन द्वारा शुभ और अशुभ रत्नों तथा रंगों का निर्धारण भी कर सकते हैं, तो आइए ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार अज्ञात जन्मतिथि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अज्ञात जन्मतिथि कैसे ज्ञात करें ?
उदाहरण स्वरूप यदि हम मान लें अमित यादव जी को अपनी जन्म तारीख याद नही है, परन्तु उनका पुकारा जाने वाला नाम अमित यादव है तो आइए इन्हीं शब्दों को अंकों में परिवर्तित करते हैं।

A   M    I    T         Y   A    D    A    V

1 ++ 9 + 2           7 + 1 +  4 +  1 + 4

16 = 1+ 6 = 7    17 = 1 +7 = 8

दिये गये नाम के दोनों भागों से प्राप्त अंकांे को जोड़ने से (7 + 8) संयुक्त अंक (15) प्राप्त हुआ जिसका मूल अंक 1 +5 = 6 हुआ। अतः इन्हीं प्राप्त हुए अंकों के आधार पर हम जातक के जीवन को प्रभावित करने वाले ग्रहों का पता लगा सकते हैं।
अंक 6 के प्रभाव के अनुसार जहाँ जातक के कुण्डली का परिचय प्राप्त हो सकता है वहीं उस जातक के संपूर्ण जीवन के बारे में भी जानकारी प्राप्त हो सकती है जिससे वे अपने जीवन में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
यदि अमित यादव का जन्म किसी ऐसी तिथि को पड़ता है जिनके योग से 6 अंक प्राप्त हो जैसे महीने की 6, 15 और 24 तारीखंे, तो ऐसी स्थिति में नाम और जन्म तारीख में पूरी समानता होगी। यदि अमित यादव किसी ऐसी तारीख को कोई काम करें जिसका योग 6 प्राप्त हो तो वह अवश्य रूप से सफल होगा तथा उसको अपने जीवन में ऐसा प्रतीत होगा कि भाग्य उसका साथ दे रहा है और वह केवल अच्छाई की ओर ही अग्रसर होता जा रहा है।
इसके अलावा यदि अमित के नाम के अक्षरों से प्राप्त हुए अंक और जन्म तिथि में बिल्कुल भी समानता न हो जैसे उसका जन्म तारीख 5, 17 या 19 को पड़ता हो तो दोनों में समानता नही होगी। ऐसी स्थिति में उसका जीवन अस्त-व्यस्त रहेगा तथा वह सदैव इस असमंजस में पड़ा रहेगा कि उसे कौन सा कार्य किस दिन करना चाहिए। ऐसे में उसकेे भाग्य को सीधे रास्ते पर लाने का एक उपाय बताया जा रहा है जिसे भली-भाँति समझना उसके लिए अति आवश्यक है।
उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति अंग्रेजी में VISHWAMITTRA  लिखता है और इन अक्षरों का मूल्यांकन उसके जन्मतिथि और मूलांक से मेल नही खा रहा हो तो उसमंे से सुविधानुसार किसी एक अक्षर जैसे ज् को निकाल कर उसकी गणना करनी चाहिए, इसके अलावा यदि जातक यादव हांे तो उसमें से एक अन्य नाम जोड़कर लिखना आरम्भ कर देना चाहिए जो कि उनकी जन्म की तिथि से मेल खाये। उस समय जातक को किसी कार्य के लिए दिन और तारीख भी वही चुनना चाहिए जो जातक के नाम के अंक और जन्म तारीख के अंक से मेल खाये। यदि वे ऐसा करते हैं तो उनको सफलता प्राप्त होगी ऐसे में नाम के हिस्से में परिवर्तन करने की कोई आवश्यकता नही है।
इस बात से यह स्पष्ट हो गया कि नाम और जन्म तारीख के मेल से सामंजस्य, एकता और समानता कैसे स्थापित की जा सकती है यह सब संभव है।
यदि नाम और जन्म तारीख के अंकों की समानता में बहुत ज्यादा अंतर ना हो तो नाम के हिस्से में अक्षरों का इस प्रकार परिवर्तन किया जाना चाहिए कि दोनों अंकों में समानधर्मिता स्थापित की जा सके, अर्थात ऐसे अंक निकल आयें जिनमें परस्पर सहानुभूति हो। इस सामान धर्मिता से अनेक निराश और मंद भाग्य व्यक्तियों के जीवन में नई प्रेरणा, नहीं आशा और नए उत्साह का संचार होगा। अतः उनका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहेगा।
यदि जातक के नाम के अक्षरों का अंक क्रमशः 4 और 8 आता हो और जन्म तारीख का अंक भी 8 या 4 हो तो जातक के नाम के अक्षरों में परिवर्तन करके 1, 3, 6 या 9 में से कोई भी अंक प्राप्त कर लेना चाहिए जिससे उनके अनुसार रंगों और रत्नों का चुनाव किया जा सके, इसके अलावा जातक को अपने घर का भी नामकरण करना हो तो उन्हें ऐसा नाम रखना चाहिए जिसका अंक, नाम और जन्म तारीख के अंकों के अनुकूल हो।
यदि किसी जातक के नाम के अक्षरों और जन्म की तारीख का अंक 4 और 8 या 8 और 4 हो तो ऐसी स्थिति में घर का नाम कभी ऐसा नही रखना चाहिए जिसके अक्षरों का मूल अंक 4 या 8 अथवा 8 या 4 बनता हो। यहाँ पर मुख्य बात यह है कि नाम और जन्म तारीख के अंक में 4 और 8 अंक नही आने चाहिए।

यदि किसी जातक को अपना आने वाला अच्छा और बुरा दिन ज्ञात करना हो तो उसके लिए भी नाम के संयुक्त अंक व जन्म तारीख के मूल अंक के सहयोग से ही ज्ञात करना चाहिए।
यहां पर पाठकों की सुविधा के लिए परस्पर मित्र और विरोधी अंकों के विवरण से संबंधित एक सारणी प्रस्तुत किया जा रहा है जो निम्न है-
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इस तरह से आप अपने नाम और अक्षरों को अंकों में परिवर्तित करके तथा जन्म तारीख के अंकों का मिलान करके साथ ही आवश्यकतानुसार नाम के हिस्से में परिवर्तन करके आप अपने जीवन में आगे बढ़ने तथा सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

 

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