नाग पंचमी पर कालसर्प दोष पूजा का समय

नाग पंचमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो नागों या सर्पों को समर्पित है। इस दिन विशेष रूप से नागों की पूजा की जाती है, क्योंकि वे हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। भारत और नेपाल में यह त्योहार बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त 2024 यानि कल मनाया जाएगा। सावन शुक्ल पंचमी तिथि 9 अगस्त को 12:36 एएम से 10 अगस्त को 03:14 एएम तक है। पंचमी तिथि के सूर्योदय के समय की मान्यता के अनुसार नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त को मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन सूर्योदय 05:47 एएम पर होगा। 10 अगस्त को पंचमी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो रही है।

 

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नाग पंचमी पर कालसर्प दोष पूजा का समय 1नाग पंचमी पर कालसर्प दोष पूजा का समय 2

नाग पंचमी पर कालसर्प दोष पूजा का समय

कुंडली में कालसर्प दोष राहु और केतु के कारण होता है। कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए नाग पंचमी के दिन आप किसी भी शिव मंदिर में राहुकाल के समय भगवान भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं। नाग पंचमी के दिन राहुकाल सुबह 10:47 एएम से दोपहर 12:26 पीएम तक रहेगा। इस समय में कालसर्प दोष निवारण की पूजा की जा सकती है।

नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन से कालसर्प दोष दूर होगा

उज्जैन का प्रसिद्ध नागचंद्रेश्वर मंदिर पूरे साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही खोला जाता है। नागचंद्रेश्वर मंदिर में नाग पंचमी के दिन दर्शन और पूजा करने से कुंडली का कालसर्प दोष दूर हो सकता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है।

नाग पंचमी पर शिववास

नाग पंचमी सावन का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन शिववास कैलाश पर रहेगा। शिववास कैलाश पर 10 अगस्त को भी 03:14 एएम तक रहेगा। रुद्राभिषेक कराने के लिए शिववास जरूरी होता है। हालांकि, सावन में आप किसी भी दिन रुद्राभिषेक करा सकते हैं।

नाग पंचमी पर पूजा का मुहूर्त

9 अगस्त को नाग पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 5:47 एएम से सुबह 8:27 एएम तक है। इस बार नाग पंचमी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं: सिद्ध योग, साध्य योग और रवि योग। सिद्ध योग सुबह से दोपहर 1:46 पीएम तक रहेगा, उसके बाद साध्य योग बनेगा। रवि योग पंचमी तिथि में 10 अगस्त को 02:44 एएम से 05:48 एएम तक रहेगा।

नाग पंचमी पर कुछ कार्यों से बचना चाहिए ताकि नाग देवता की कृपा बनी रहे और उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके। नाग देवता का अभिषेक तांबे के पात्र से न करें। इस दिन तवे और कढ़ाई में खाना बनाने से बचें क्योंकि नाग पंचमी पर लोहे की चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से नाग देवता नाराज हो जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन नुकीली और धारदार चीजें जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का उपयोग न करें। इस दिन जमीन की खुदाई भी नहीं करनी चाहिए। इन बातों का ध्यान रखकर आप नाग पंचमी का पर्व सही ढंग से मना सकते हैं और नाग देवता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

 

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