ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सभी रत्नों का हमारे जीवन में विशेष महत्व होता है तथा कुण्डली में उपस्थित प्रत्येक ग्रहों का सम्बन्ध किसी न किसी रत्नों से होता ही है। हमारे ब्रह्माण्ड में उपस्थित 9 ग्रह होते है और सभी ग्रहों का अपना एक अलग रत्न होता है जिसे पहन लेने से ग्रहों की शक्ति मजबूत हो जाती है। कहा जाता है कि रत्न जातकों के जीवन को भी काफी ज्यादा प्रभावित करते है। मोती एक ऐसा रत्न होता है जो व्यक्ति के जीवन में अमृत का काम करता है और उनकी सभी इच्छाओं को पूर्ण करने की क्षमता भी रखता है। शास्त्रों के अनुसार कुण्डली में यदि कोई ग्रह दोष उत्पन्न हो रहे हो तो उससे सम्बन्धित रत्न जातक को ज्योतिष की सलाह से ही धारण करना चाहिए। मोती नक्षत्र राज चन्द्रमा का रत्न है। चन्द्रमा को माता भी माना जाता है इसलिए चन्द्रमा के अशुभ अवस्था को दूर करने के प्रतिदिन माता के पैर छूए तथा भगवान शिव को सोमवार के दिन जल अर्पित करें।
मोती धारण करने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती रत्न गोल और सफेद रंग का होता है जो कि समुन्द्र में सीपियों से प्राप्त किया जाता है इस रत्न का स्वामी ग्रह चन्द्रमा होता है। यह रत्न जातक का मन शांत करने तथा तनाव कम करने के लिए अति लाभदायक होता है जो की बहुत ही दुर्लभता से मिलता है। यह रत्न दूध के समान सफेद रंग का होता है जो नींद को दुरुस्त करता है साथ ही किसी भी तरह के भय को दूर करता है। कभी-कभी मोती जातक के आर्थिक पक्ष को भी बहुत अच्छा करता है साथ ही हार्मोंस को संतुलित करने में भी मदद करता है। चन्द्रमा का प्रभाव जातक के मस्तिष्क पर सबसे ज्यादा होता है। जिसके कारण तनाव को कम करने में यह रत्न हमारी मदद करता है। कुण्डली में चन्द्रमा से सम्बन्धित सभी दोषों को दूर करने के लिए मोती रत्न धारण करना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है परन्तु किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व एक बार ज्योतिष की सलाह अवश्य रुप से ले लेनी चाहिए। आँखों तथा हृदय के रोगो से बचने के लिए भी यह रत्न धारण करना चाहिए।
मोती धारण करने के नुकसान
जितने फायदे मोती रत्न को पहनने से होते है उतने ही इसके नुकसान के बारे में भी बताया गया है। यदि कोई जातक बहुत ज्यादा भावुक है और उन्हें गुस्सा भी बहुत ज्यादा आता है तो उन्हें मोती कभी भी धारण नही करना चाहिए क्योंकि धारण कर लेने के बाद यह उनकी भावनाओं को बहुत ज्यादा उत्तेजित कर सकता है।
मोती धारण करने के नियम
यदि आप मोती रत्न धारण करने जो रहे है तो यहाँ दिये गये नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़कर ही धारण करें।
☸ मोती धारण करने से पहले उसे गंगाजल से धोकर शिव जी को अर्पित करें। उसके बाद ही उंगुली में धारण करें।
☸ मोती धारण करते समय इसे चाँदी की अंगूठी में जड़वाकर कनिष्ठा अंगुली में शुक्ल पक्ष तिथि में सोमवार की रात्रि में ही धारण करना चाहिए।
☸ यदि किसी जातक ने पुखराज और मूँगा धारण कर रखा है तो उसे मोती धारण कर लेना चाहिए।
☸ चन्द्रमा के रत्न मोती को सोमवार के दिन धारण करना चाहिए। शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को मोती रत्न पहनना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है।
☸ सोमवार के दिन सुबह साफ-सुथरे होकर स्नान करने के बाद अपने घर में स्थापित मंदिर के पास स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
☸ ताँबे का एक पात्र लेकर उसमे गंगाजल या दूध डालकर मोती को उसमें डुबों दें उसके बाद 108 बार चन्द्रमा के बीज मंत्र ‘¬ सोमाय नमः ’ का जाप करें।
☸ जाप पूरा हो जाने के बाद धूप और दीपक जलाएं उसके बाद रत्न को उस पात्र से निकालकर साफ करने के बाद ही धारण करें।
मोती धारण करने की सावधानियाँ
☸यदि आपकी शीत वाली प्रकृति है यानि आपके शरीर में जल तत्व और कफ अधिक रहता है तो ऐसे में मोती पहनना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
☸यदि कोई जातक भावुक और क्रोधी स्वभाव के है तो उन्हें चाँदी या मोती नही पहनना चाहिए इससे जातक के इस स्वभाव में और ज्यादा बढ़ोत्तरी होती है।
☸पन्ना, हीरा, नीलम और गोमेद धारण करना जातक के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
☸किसी जातक की कुण्डली में चन्द्रमा यदि अशुभ प्रभाव दे रहा है तो ऐसे में चाँदी या मोती को धारण करने से बचें।
☸वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि वाले जातक को मोती धारण नही करना चाहिए।
मोती के स्वामी ग्रह का जातक के जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चन्द्रमा को मोती का स्वामी ग्रह माना गया है। इसे मन का कारक माना गया है जिसके कारण चन्द्रमा के प्रभाव से जातक का मन संतुलित और भटक सकता है सूर्य के बाद चन्द्रमा को सबसे चमकीला ग्रह माना गया है। यदि कुण्डली में चन्द्रमा जातक के लग्न भाव में बैठा हो तो ऐसा जातक सुन्दर और अत्यधिक आकर्षित होता है साथ ही साहस और धैर्य के साथ वह अपने जीवन में आये अन्य सिद्धान्तों को भी महत्व देता है। कुण्डली मे चन्द्रमा यदि मजबूत स्थिति में है तो इससे मिलने वाले परिणाम जातक के अच्छे होते है। यह जातक को मानसिक शक्ति प्रदान करता है जिसके कारण मानसिक स्थिति ठीक रहती है साथ ही वह जातक अपने मार्ग से नही भटकता है। चन्द्रमा के मजबूत हेाने पर घर-परिवार में माता से अच्छे सम्बन्ध होते है साथ ही जातक अपने लिये गये किसी भी निर्णय पर शक नही करता है। इसके अलावा यदि जातक की कुण्डली में चन्द्रमा यदि कमजोर स्थिति में जातक के मानसिक तनाव और आत्म विश्वास में कमी आती है। माता से सम्बन्ध अच्छे नही होते है। वैवाहिक जीवन में अशांति रहती है। चन्द्रमा के कमजोर होने पर व्यक्ति को ज्यादा गुस्सा आता है जिसके कारण जातक के जुबान पर कंट्रोल नही रहता है साथ ही माता के स्वास्थ्य में कोई न कोई समस्याएँ आती रहती है।
मोती किस दिन और किस अंगुली में धारण करें
देखा जाए तो चन्द्रमा का स्वामी भगवान शिव जी को माना जाता है। इस कारण से शिव जी को सोमवार का दिन समर्पित होता है। चन्द्रमा के रत्न यानि मोती को सोमवार के दिन ही धारण करना चाहिए। सप्ताह के दूसरे दिन यानि सोमवार को मोती धारण करने के लिए शुभ माना जाता है। शास्त्रों मे पाये जाने वाले सभी रत्नों को धारण करने का लाभ तभी मिलता है जब उसे विधि और नियम के अनुसार पहना जाए शास्त्रों और योग्य ज्योतिषीयों के अनुसार मोती रत्न को अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका उंगली में धारण करना चाहिए। इसके अलावा आप मोती रत्न को लाॅकेट के रुप में भी पहन सकते है परन्तु धारण करने से पहले अपने विश्वासपात्र ज्योतिष की सलाह लेकर ही नियम और विधिनुसार ही धारण करें अन्यथा उससे मिलने वाले फल आपको पूर्ण रुप से प्राप्त नही हो पायेंगे।
मोती के उपरत्न
यदि कोई जातक किसी कारणवश चन्द्रमा के रत्न यानि मोती धारण नही कर सकते तो वह चन्द्रमा के उपरत्न मूनस्टोन को पहन सकते है। यह भी जातक के भाग्य को बढ़ाने और सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को खत्म करने के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। मूनस्टोन को पहनने से जातक की छठी इंद्रियों के जागृत होने के साथ-साथ प्रेम जीवन और व्यापार से सम्बन्धित परेशानियाँ भी दूर हो जाती है। यदि आप अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहते है तो चन्द्रमा के उपरत्न मूनस्टोन को पहन सकते है। यह भी मोती की तरह ही अपना प्रभाव और लाभ देते है।
मोती रत्न की कीमत
आजकल मोती रत्न को प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो गया है क्योंकि बाजार में ऐसी बहुत सी मोतीयां मिलती है जिसे देखकर शुद्ध और अशुद्ध मोती की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। असली और शुद्ध मोती के बारे में बात की जाये तो 3 रत्ती का मोती एक हजारे रुपये से लेकर तीन हजार रुपये के बीच मिल जाती है। वहीं 5 रत्ती का मोती चार से पांच हजार रुपये तक तथा 7 रत्ती के मोती की कीमत छः हजार रुपये तक में मिल जाती है। इसी तरह से औसत गुणवत्ता वाले रत्न की कीमत इसकी गुणवत्ता के आधार पर बढ़ती जाती है। भारत में इसकी शुरुआती कीमत 1000रु रत्ती से लेकर 2 लाख रुपये प्रति रत्ती या इससे ज्यादा भी हो सकती है।
चन्द्रमा के रत्न मोती का इन 12 राशियों पर प्रभावः-
मेष राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल और कुण्डली के चैथे भाव के स्वामी यानि चन्द्रमा के बीच मित्रता का सम्बन्ध होता है। इसलिए मेष राशि के जातक चन्द्रमा का रत्न मोती धारण कर सकते है यह रत्न जातक के जीवन में सुख-समृद्धि तथा अच्छे मित्र की प्राप्ति कराता है साथ ही इस रत्न को पहनने वाले जातक के माता की सेहत काफी ज्यादा अच्छी रहती है।
वृष राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
वृष राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा स्वयं अपनी राशि या उच्च राशि में बैठा हो तथा चन्द्रमा की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो वृष राशि के जातक चन्द्रमा के रत्न यानि मोती को धारण कर सकते है। यह रत्न जातक के जीवन में साहस, बल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी करता है साथ ही भाई-बहनों के साथ शांतिपूर्ण सम्बन्ध रखने में मदद करता है।
मिथुन राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
मिथुन राशि के जातक की कुण्डली में स्वयं अपनी राशि या उच्च राशि में हो साथ ही चन्द्रमा की महादशा और अंतरदशा चल रही हो तो ऐसे में मिथुन राशि के जातक मोती धारण कर सकते है। यह जातक की कुण्डली में आये चन्द्रमा के नकारात्मक प्रभाव को खत्म कर सकता है। इस रत्न को धारण करने से जातक का अपने परिवार के साथ अच्छे सम्बन्ध रहते है साथ ही यह रत्न जातक के आय के स्त्रोत को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है।
कर्क राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
कर्क राशि के जातक की कुण्डली मेें चन्द्रमा उसके लग्न भाव का स्वामी ग्रह है साथ ही शुभ स्थिति में है जिस कारण से कर्क राशि के जातक मोती धारण कर सकते है। इस रत्न को धारण करने से चन्द्रमा से सम्बन्धित क्षेत्रों मे अत्यधिक लाभ की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यदि कर्क राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो मोती रत्न धारण करना और भी अत्यधिक फल देने वाला होता है।
सिंह राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
सिंह राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा कर्क राशि में हो साथ ही चन्द्रमा की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में सिंह राशि के जातक चन्द्रमा के रत्न मोती को धारण कर सकते है। यह जातक को कहीं दूर विदेश की यात्रा करने का अवसर देते है साथ ही अत्यधिक लाभ की प्राप्ति कराते है।
कन्या राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
कन्या राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा स्वयं अपनी राशि कर्क राशि में स्थित हो तो ऐसे में कन्या राशि के जातक मोती धारण कर सकते है। यह रत्न धारण करने से जातक के आय में वृद्धि होती है साथ ही जातक का अपने मामा पक्ष के तरफ से अच्छे सम्बन्ध बनते है इसके अलावा जातक के व्यापार और व्यवसाय जैसे अन्य क्षेत्रों से भी लाभ की प्राप्ति होती है।
तुला राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
तुला राशि के जातक की कुण्डली में यदि चन्द्रमा अशुभ स्थिति में हो और जातक को अशुभ फल दे रहा हो साथ ही चन्द्रमा की महादशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में तुला राशि के जातक मोती धारण कर सकते है। इस रत्न को धारण करन लेने से चन्द्रमा के नकारात्मक प्रभावों से बचने और इन प्रभावों को पूरी तरह से खत्म करने में सहायता मिलती है।
वृश्चिक राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
वृश्चिक राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा नवम भाव में उपस्थित होकर नवम भाव का स्वामी होने के कारण वृश्चिक राशि के जातक मोती रत्न धारण कर सकते है। चन्द्रमा भाग्य और सुख का कारक होता है। इसलिए मोती धारण करने से जातक को मान-सम्मान और भाग्य की प्राप्ति होती है।
धनु राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
धनु राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा की उपस्थिति कर्क या वृषभ राशि में हो साथ ही चन्द्रमा की महादशा चलने के दौरान धनु राशि के जातक मोती रत्न धारण कर सकते है। इस स्थिति में धनु राशि के जातक को मोती धारण करना शुभ फलदायी माना जाता है।
मकर राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
मकर राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा स्वयं अपनी राशि में हो या उच्च राशि में स्थित हो साथ ही चन्द्रमा की महादशा और अंतरदशा चल रही हो तो ऐसी स्थिति में मकर राशि के जातक मोती धारण कर सकते है। इस रत्न को धारण करने से जातक के वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
कुंभ राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
कुंभ राशि के जातक की कुण्डली में यदि चन्द्रमा की महादशा या अंतरदशा चल ही हो तो इस दौरान कुंभ राशि के जातक चन्द्रमा का रत्न मोती धारण कर सकते है। यह रत्न धारण करने से जातक के जीवन मे आए अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते है।
मीन राशि के जातक पर मोती का प्रभाव
मीन राशि के जातक की कुण्डली में चन्द्रमा पंचम भाव में उपस्थित होकर पंचम भाव का स्वामी होने के कारण मीन राशि के जातक को अत्यधिक लाभ देने वाला होता है। इस स्थिति में मीन राशि के जातक जीवनभर सफेद मोती धारण कर सकते है और यदि आपने पुखराज के साथ मोती धारण किया हुआ है तो यह आपको दोगुना लाभ प्राप्त करा सकता है। इसके अलावा यदि कुण्डली में चन्द्रमा की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो मीन राशि के जातक को मोती धारण करना अत्यधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।