रत्न धारण के ज्योतिषीय आधार मकर लग्न  के लिए

माणिकः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली सूर्य आठवें भाव का स्वामी होता है। तथा लग्नेश शनि का शत्रु भी है। इसलिए मकर लग्न के जातकों को माणिक नही धारण करना चाहिए।

मोतीः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली में चन्द्रमा सप्तम भाव का होने के साथ-साथ मारकेश भी है। इसके अलावा लग्नेश शनि का शत्रु भी है। इस कारणवश मकर लग्न के जातकों को मोती नही धारण करना चाहिए।

मूंगाः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली में मंगल चतुर्थ एवं एकादश भाव का मालिक होता है। मंगल की महादशा में मूंगा पहनने से लाभ प्राप्त होगा। माता, भूमि, वाहन, मकान से सुख की अनुभूति करेंगे। साथ ही आपको धन के क्षेत्र मे भी लाभ प्राप्त होगा।

पन्नाः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली मे बुध छठवे एवं नवम भाव का मालिक होता है। तथा नवम त्रिकोण में उसकी मूल त्रिकोण राशि में पड़ती है। इस कारण बुध इस  लग्न के लिए शुभ माना जाता है। बुध लग्नेश शनि का मित्र भी है। पन्ना के साथ नीलम धारण करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। बुध की महादशा मे आपको पन्ना धारण करने से लाभ प्राप्त होगा।

पुखराजः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली में बृहस्पति तृतीय और द्वादश भाव का स्वामी होता है। इसलिए बृहस्पति इस ग्रह के लिए अशुभ माना जाता है। अतः आपको पुखराज नही धारण करना चाहिए।

हीराः- मकर लग्न में शुक्र पाचवे एवं दसवे भाव का स्वामी होता है। शुक्र इस लग्न के लिए शुभ माना जाता है और योगकारक भी। शुक्र की महादशा में हीरा धारण करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। यदि हीरा के साथ नीलम भी धारण किया जाए तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे।

नीलमः- मकर लग्न के जातकों की कुण्डली में शनि लग्न और धनभाव का स्वामी होता है। नीलम इस लग्न के लिए शुभ माना जाता है अर्थात नीलम पहनने से आपको लाभ की प्राप्ति होगी।

नोटः- यह रत्नों को पहनने का एक सामान्य परिचय दिया गया है इसलिए कोई भी रत्न कुण्डली के विश्लेषण के पश्चात ही पहने ।

169 Views

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?