लक्ष्मी जयंती 14 मार्च 2025: महत्व, शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान

लक्ष्मी जयंती 14 मार्च 2025: महत्व, शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान

लक्ष्मी जयंती हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह दिन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है, जो 2025 में 14 मार्च को है। देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी माना जाता है। लक्ष्मी जयंती का दिन भक्तों के लिए दिव्य आशीर्वाद पाने, आर्थिक उन्नति का संकल्प लेने, और आध्यात्मिक विकास के लिए अत्यंत शुभ होता है।

लक्ष्मी जयंती का महत्व

देवी लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान हुआ था, जिसे पुराणों में वर्णित किया गया है। लक्ष्मी जयंती के दिन देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त होता है। यह दिन न केवल आर्थिक समृद्धि के लिए बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन किए गए पूजा-पाठ, दान, और साधना को विशेष फलदायी माना जाता है। लक्ष्मी जयंती का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और शांति का आगमन होता है।

लक्ष्मी जयंती 2025 के शुभ मुहूर्त

  • लक्ष्मी जयन्ती शुक्रवार, मार्च 14, 2025 को है।

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 13, 2025 को 10:35 ए एम बजे से,

पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 14, 2025 को 12:23 पी एम बजे

लक्ष्मी जयंती के मुख्य अनुष्ठान

  1. प्रातःकालीन स्नान
    लक्ष्मी जयंती के दिन की शुरुआत पवित्र स्नान से की जाती है। स्नान के लिए पानी में गंगाजल, हल्दी, और चंदन मिलाना शुभ माना जाता है। इसे शारीरिक और मानसिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  2. देवी लक्ष्मी की पूजा
    • घर के पूजा स्थल को फूलों, दीपों और तोरण से सजाया जाता है।
    • देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्थापित कर उनके समक्ष दीपक और धूप जलाया जाता है।
    • विशेष रूप से कमल के फूल और सप्तधान्य देवी को अर्पित किए जाते हैं।
    • लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र या श्रीसूक्त का पाठ किया जाता है।
    • “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
  3. व्रत और ध्यान
    लक्ष्मी जयंती पर भक्त व्रत रखते हैं और दिनभर देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हैं। यह व्रत आर्थिक समस्याओं को समाप्त करने और जीवन में धनागमन के लिए किया जाता है।
  4. दान और सेवा
    • इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करना विशेष फलदायी होता है।
    • गौ सेवा (गाय को चारा और गुड़ खिलाना) और पक्षियों को अनाज देना भी पुण्यकारी माना जाता है।
  5. चांदनी में ध्यान
    • लक्ष्मी जयंती की रात को चंद्रमा की रोशनी में ध्यान लगाना मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होता है।
    • तांबे के पात्र में जल और चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना शुभ होता है।
  6. भोग और प्रसाद
    • देवी लक्ष्मी को खीर, मालपुआ, और सूखे मेवों का भोग अर्पित करें।
    • भोग को परिवार और पड़ोसियों में बांटना देवी की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है।

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लक्ष्मी जयंती के ज्योतिषीय महत्व

लक्ष्मी जयंती का दिन पूर्णिमा तिथि पर आता है, जब चंद्रमा अपनी उच्चतम स्थिति में होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा का प्रभाव मानसिक स्थिरता और धनागमन में मदद करता है।

  • इस दिन शुभ ग्रहों की स्थिति का उपयोग कर धन संबंधित समस्याओं का निवारण किया जा सकता है।
  • कुंडली में चंद्रमा और शुक्र की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष उपाय करें।
  • देवी लक्ष्मी की पूजा से दुर्भाग्य और ऋण के योग समाप्त होते हैं।

लक्ष्मी जयंती पर करने वाले विशेष उपाय

  1. पीले वस्त्र धारण करें: यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और समृद्धि का प्रतीक है।
  2. लक्ष्मी यंत्र स्थापना: घर के पूजा स्थल में लक्ष्मी यंत्र स्थापित करें और उसकी नियमित पूजा करें।
  3. कोई नया कार्य आरंभ करें: लक्ष्मी जयंती के दिन नया व्यापार या निवेश करना शुभ होता है।
  4. वास्तु दोष निवारण: इस दिन घर की सफाई करें और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक है।

पौराणिक कथा

लक्ष्मी जयंती 14 मार्च 2025: महत्व, शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान
लक्ष्मी जयंती 14 मार्च 2025: महत्व, शुभ मुहूर्त और अनुष्ठान

पुराणों में वर्णित समुद्र मंथन की कथा के अनुसार, देवी लक्ष्मी का जन्म क्षीर सागर (समुद्र) से हुआ। देवता और असुर जब अमृत की खोज में समुद्र मंथन कर रहे थे, तब देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं। यह कथा धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि के महत्व को दर्शाती है। लक्ष्मी जयंती हमें यह सिखाती है कि निष्ठा और परिश्रम से ही वास्तविक सफलता प्राप्त होती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

आधुनिक विज्ञान के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की ऊर्जा मन और शरीर पर प्रभाव डालती है। लक्ष्मी जयंती पर ध्यान और साधना करने से मानसिक शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है।

निष्कर्ष

लक्ष्मी जयंती का पर्व न केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता और पारिवारिक सुख का संदेश भी देता है। इस पावन दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और उनके गुणों को आत्मसात कर जीवन में स्थिरता और समृद्धि लाई जा सकती है।
इस लक्ष्मी जयंती पर देवी लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन हो।
शुभ लक्ष्मी जयंती!

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