शेयर बाजार में सफलता का ज्योतिषीय रहस्य
आज के इस लेख में हम शेयर बाजार पर ज्योतिष के प्रभाव की चर्चा करेंगे। जब कोई निवेशक या व्यक्ति शेयर बाजार में निवेश करता है, तो उसे लाभ या हानि की चिंता बनी रहती है।
क्या ज्योतिष शास्त्र की सहायता से निवेशकों का मार्गदर्शन किया जा सकता है?
हाँ, ज्योतिष शास्त्र न केवल शेयर बाजार में निवेश की सलाह देता है, बल्कि यह भी बताता है कि निवेशक को किन शेयरों में निवेश करना चाहिए और कौन सा क्षेत्र अधिक लाभप्रद होगा। ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, रसायन, या कमोडिटी—इनमें से कौन सा क्षेत्र अधिक मुनाफा दिला सकता है, इसकी भी जानकारी ज्योतिष शास्त्र से प्राप्त हो सकती है।
कुंडली में किन भावों पर ध्यान देना आवश्यक है?
सबसे पहले कुंडली में पंचम भाव का विश्लेषण करना चाहिए। यदि पंचम भाव पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं है, तो शेयर बाजार में किया गया निवेश लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही, एकादश भाव (11वां भाव) का भी अध्ययन आवश्यक है। साथ ही, धनभाव को भी शुभ प्रभाव में होना चाहिए, जिससे आर्थिक लाभ सुनिश्चित हो सके।
कौन लोग प्राप्त कर सकते हैं अधिकतम लाभ?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पंचम भाव का स्वामी (पंचमेश), एकादश भाव का स्वामी (लाभेश) और द्वितीय भाव का स्वामी (धनेश) शुभ एवं मजबूत स्थिति में होने चाहिए। साथ ही, यदि पंचम भाव, एकादश भाव और धन भाव के बीच कोई अंतर्संबंध बनता हो या फिर पंचम भाव और एकादश भाव के स्वामियों अथवा द्वादश भाव के स्वामियों की युति बन जाए, तो जातक को शेयर बाजार से लाभ प्राप्त हो सकता है।
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बुद्ध भाव का प्रभाव:
बुद्ध ग्रह व्यापार और कमीशन का कारक माना जाता है। शेयर बाजार से संबंधित ज्योतिषीय विश्लेषण के लिए बुद्ध ग्रह की स्थिति का आकलन करना आवश्यक है। यदि आपका बुद्ध ग्रह मजबूत और शुभ स्थिति में है, तो आप न केवल सफल निवेशक बन सकते हैं बल्कि एक अच्छे शेयर बाजार सलाहकार भी बन सकते हैं।
राहु का प्रभाव:
यदि राहु पंचम भाव पर दृष्टि डाल रहा हो, लाभ भाव को देख रहा हो या स्वयं लाभ स्थान में स्थित हो, तो भी लाभ प्राप्त होने की संभावना बनती है।
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले प्रत्येक जातक को अपनी कुंडली का गहन विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से अवश्य करवाना चाहिए, ताकि सही दिशा में कदम बढ़ाकर अधिक लाभ अर्जित किया जा सके।
यदि कुंडली में ग्रहों की दशा अनुकूल न हो, तो मंत्र शास्त्र या रत्न शास्त्र के माध्यम से ग्रहों की ऊर्जा को सही दिशा में संतुलित किया जा सकता है।
कौन सी ग्रह स्थिति आपको हानि पहुंचा सकती है?
यदि राहु द्वितीय भाव में स्थित हो तो निवेश से बचना चाहिए साथ ही, सूर्य–राहु, राहु–चंद्रमा और राहु–बृहस्पति की युति भी हानि का कारण बन सकती है। राहु के केंद्र में स्थित होने पर शेयर बाजार में सफलता संभव है लेकिन प्रारंभिक निवेश में नुकसान होने की संभावना रहती है।
सफलता प्राप्त करने के लिए कौन से ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं?
- राहु मंत्र: प्रतिदिन प्रातः और सायं **”ॐ रां राहवे नमः“** का जाप करें।
- गले में चांदी का सितारा धारण करें।
- बुधवार और शुक्रवार को मछलियों को आटे के गोल टुकड़े खिलाएं।