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श्रावण पूर्णिमा 2022

प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। पूर्णिमा वह रात होती है जब चन्द्रमा पूर्ण रुप से दिखाई देता है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा महीने मे एक बार आती है। चन्द्रमा के बढ़ते पक्ष को शुक्ल पक्ष तथा घटते पक्ष को कृष्णपक्ष कहते है। पूर्णिमा को पूर्णमासी एवं पूनम के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक रुप से यह तिथि अत्यधिक शुभ मानी जाती है। इस दिन देश भर मे मुख्य रुप से उत्तर भारत मे रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाता है। श्रावण पूर्णिमा को चन्द्रमा श्रवण नक्षत्र मे गोचर करता है। इसलिए इस पूर्णिमा का नाम श्रावण रखा गया और यह पूर्णिमा श्रावण पूर्णिमा कहलाती है। इस दिन कई लोग सत्यनारायण भगवान की पूजा करते है तथा व्रत भी रखते है।

श्रावण पूर्णिमा की पूजा विधिः-

☸ इस दिन स्नान आदि करने के पश्चात गाय को चारा, चीटियों एवं मछलियों को आटा खिलाना चाहिए। जिससे आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
☸ इसके पश्चात एक चैकी पर गंगाजल छिड़क कर उस पर भगवान सत्य नारायण की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित की जाती है।
☸ मूर्ति स्थापित करने के बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र, पीले फूल, पीसे रंग के पुष्प अर्पित करें।
☸ उसके बाद सत्यनारायण भगवान की कथा सुने या पढ़े।
☸ कथा सुनने के पश्चात चरणामृत और पंजीरी का भोग लगाएं एवं इस प्रसाद को स्वयं भी ग्रहण करें और लोगों के बीच बाटें।
☸ ऐसा माना जाता है कि श्रावण पूर्णिमा व्रत का पालन किया जाए तो एक वर्ष भर वैदिक काम न करने की भूल भी हो जाती है।

श्रावण पूर्णिमा का शुभ मुहूर्तः-

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भः- 11 अगस्त 2022 सुबह 10ः38 से
पूर्णिमा तिथि समापनः- 12 अगस्त 2022 को सुबह 07ः00 बजे तक

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