श्री भुवनेश्वरी जयंती 2024

श्री भुवनेश्वरी जयंती 2024

गायत्री मंत्र में भुवनेश्वरी देवी को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। देवी भुवनेश्वरी सृष्टि की रचनाकार और सम्पूर्ण ब्रह्मांड की रानी हैं। भगवान शिव की अभिव्यक्ति और देवी के दस महाविद्या रूपों में चौथी देवी भुवनेश्वरी के रूप अत्यंत प्रकाशमान और सौम्य हैं। एक कुंडली विशेषज्ञ के अनुसार, इस वर्ष भुवनेश्वरी जयंती 15 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी।

भुवनेश्वरी देवी का स्वरूप और महत्व

भुवनेश्वरी देवी एक मुख और चार हाथों वाली हैं। उनके दो हाथ भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और अन्य दो हाथों में पाश और अंगुष्ठधारक होते हैं। उनके स्वरूप का वर्णन करते हुए प्रसिद्ध कुंडली विशेषज्ञ K.M. Sinha ने बताया कि देवी का रंग काला है और उनके नाखून पर पूरे ब्रह्मांड का चित्रण है। उनके चेहरे पर तेज है और वे चंद्रमा को अपने मुकुट के रूप में धारण करती हैं। उनके तीन नेत्र और चार हाथ हैं, जो वरद मुद्रा, अंगुष्ठ मुद्रा, पाश मुद्रा और अभय मुद्रा में हैं।

भुवनेश्वरी देवी का मंत्र और पूजा विधियाँ

भुवनेश्वरी देवी के मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है। Astrologer K.M. Sinha के अनुसार इन मंत्रों में “ॐ ऐं ह्लीं श्रीं नमः” (मूल मंत्र), “हृं ॐ क्लीं” (त्रैयक्षरी मंत्र) और “ऐं हृं श्रीं ऐं हृं” (पंचाक्षरी मंत्र) शामिल हैं। इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को बुद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है।
भुवनेश्वरी देवी की पूजा विशेष अवसरों जैसे कालरात्रि, ग्रहण, होली, दीपावली, महाशिवरात्रि, कृष्ण पक्ष और अष्टमी पर की जाती है। पूजा के दौरान लाल फूल, चावल, चंदन, रुद्राक्ष आदि अर्पित करने चाहिए। पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर देवी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी चाहिए।

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भुवनेश्वरी जयंती का महत्व

भक्त को पूजा करते समय त्रेयोलोक्य मंगल कवच, भुवनेश्वरी कवच, और श्री भुवनेश्वरी पंजर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। हवन, तर्पण करें और कन्याओं को भोजन अर्पित करें। जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा से भुवनेश्वरी देवी की पूजा करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं और वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त करता है।

AstrologerK.M. Sinha के अनुसार, भुवनेश्वरी देवी सृष्टि की नियंत्रक हैं और सभी प्राणियों की माता और पोषक हैं। उनकी बीज मंत्र सृष्टि की रचनाकार है, इसलिए उन्हें राजेश्वरी परमबा भी कहा जाता है। देवी अपने भक्तों के प्रति स्नेहपूर्ण और सहानुभूति रखने वाली हैं। वे भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति में सहायता करती हैं।

इस विशेष दिन को मनाते हुए भुवनेश्वरी देवी की उपासना से एक अद्वितीय ऊर्जा और शांति प्राप्त होती है, जो जीवन को एक नई दिशा प्रदान करती है।

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