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सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में मनाई जायेगी निर्जला एकादशी

Vijaya Ekadashi, विजया एकादशी 06 मार्च 2024

निर्जला एकादशी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष को पड़ती है। इस एकादशी का महत्व सभी एकादशी में सबसे अधिक होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय हैं।

इस दिन श्री हरि की विधि-विधान से पूजन करने तथा व्रत करने से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इस एकादशी को भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है, इस वर्ष निर्जला एकादशी 31 मई 2023 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने व व्रत रखने से जातकों को इसके पुण्य प्रभाव से दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

निर्जला एकादशी 31 मई 2023 शुभ मुहूर्त

हिन्दू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 30 मई को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर प्रारम्भ होगी और अगले दिन इसका समापन 31 मई 2023 को दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर होगा।

निर्जला एकादशी के दिन बन रहा यह शुभ संयोग

शास्त्रो में निर्जला एकादशी का व्रत सभी मनोकामनाओें को पूरा करने वाला माना गया है, भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होने वाली सभी एकादशियों में निर्जला एकादशी का व्रत सबसे कठिन होता है।

इस वर्ष निर्जला एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहा है। 31 मई को सुबह 5 बजकर 25 मिनट से सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है जो प्रातः 06 बजे तक रहेगा। उसके बाद रवि योग भी सुबह 05 बजकर 24 मिनट से प्रातः 06 बजे तक रहेगा।

निर्जला एकादशी व्रत पारण का समय

निर्जला एकादशी व्रत पारण का प्रारम्भ 1 जून को प्रातः 05 बजकर 24 मिनट से प्रातः 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

निर्जला एकादशी का महत्व

एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप कर पूर विधि-विधान के साथ पूजा आराधना करनी चाहिए। इस दिन महिलाएं अखण्ड सौभाग्य की कामना के लिए जल से भरे मटके का दान करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है इस व्रत को करने वाले व्यक्ति के लिए स्वर्ग के द्वार खुल जाते है।

निर्जला एकादशी की पूजा विधि

☸स्नान करने के उपरान्त सर्वप्रथम घर के मन्दिर मे दीप प्रज्वलित करना चाहिए
☸ भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें उसके बाद फूल और तुलसी पत्ता चढ़ाना चाहिए।
☸ भगवान विष्णु जी को सात्विक भोजन का भोग लगाना चाहिए।
☸ आरती करें एवं निर्जला एकादशी व्रत कथा पढ़नी चाहिए।
☸ भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

☸ भगवान विष्णु को पीतांवर धरी माना जाता है इसलिए उनकी पूजा में पीले रंग का फूल पीले फल व पीले वस्त्र पहनकर ही पूजा प्रारम्भ करें।

निर्जला एकादशी पर भूलकर भी न करें यह काम

☸ निर्जला एकादशी के दिन देर तक न सोयें और सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और पूजा-पाठ करके अपने दिन की शुरुआत करें।
☸ निर्जला एकादशी के दिन भूलकर भी काले वस्त्र धारण न करें पीले वस्त्र ही धारण करें यह अत्यन्त शुभ होता है।
☸ इस दिन बाल कटवाना सेविंग करवाना और नाखून काटना वर्जित माना गया है अतः यह न करें।
☸ निर्जला एकादशी के दिन लहसुन प्याज का सेवन न करें

 

 

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