हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन माँ दुगा की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। हर माह में दुर्गाष्टमी तिथि आने के दौरान इसे मासिक दुर्गाष्टमी भी कहते हैं इस शुभ अवसर पर माँ दुर्गा की आराधना करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी के अवसर पर व्रत और पूजा-पाठ का बहुत ही खास महत्व होता है। मान्यता के अनुसार माँ दुर्गा के जो भी भक्त इस दिन सच्चे मन से उपवास रखकर जो भी मनोकामनाएँ माँगता है वह अवश्य पूरा होता है। मान्यता के अनुसार मासिक दुर्गाष्टमी पर देवी दुर्गा की मूर्ति पूजा कर मंत्रों का जाप करने से माँ दुर्गा अत्यधिक प्रसन्न होती हैं। इस विशेष दिन में माँ दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन पूजा करने वाले जातक को कभी झूठ नही बोलना चाहिए। इससे माँ दुर्गा जल्द ही प्रसन्न होती है और अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि
☸ इस दिन सुबह के समय सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ हो जायें।
☸ इसके बाद स्वच्छ लाल वस्त्र धारण करके एक ताँबे के पात्र में लाल रंग का तिलक लगाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
☸ इसके बाद दुर्गाष्टमी के व्रत का संकल्प लें।
☸ घर की साफ-सफाई करें और पूजा स्थल के साथ-साथ पूरे घर में गंगाजल छिड़क दें।
☸ उसके बाद एक लकड़ी के पाट पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर माँ दुर्गा की प्रतिमा या फिर चित्र स्थापित करें।
☸ उसके बाद माँ दुर्गा को अक्षत, सिन्दुर और लाल पुष्प अर्पित करके माँ दुर्गा को फल, फूल, मिठाई इत्यादि का भोग लगायें।
☸ उसके बाद धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
☸ पूजा की समाप्ति हो जाने के बाद आरती करें और अंत में प्रसाद वितरित करें।
मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी 18 जनवरी 2024 बृहस्पतिवार के दिन मनायी जायेगी।
शुक्ल अष्टमी प्रारम्भः- 17 जनवरी रात्रि 10ः06 मिनट से,
शुक्ल अष्टमी समाप्तः- 18 जनवरी रात्रि 08ः44 मिनट तक।