2021-2026 में शनि देव की साढ़े साती और ढैय्या का असर एवं शनि देव की स्थिति

शनिदेव की नीच दृष्टि से हर व्यक्ति कष्ट भोगता है। जिस जातक की जन्म कुण्डली में शनि देव उच्च एवं शुभ स्थान पर विराजमान होते है तो उन्हें इस महादशा में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार शनि की साढे़ साती, ढैय्या और महादशा का बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी की कुण्डली में शनि के अशुभ घर में बैठने से उस जातक पर कई तरह के कष्ट होते है। जातक के जीवन में शनि की साढ़े साती चलने पर उसके ज्यादातर कामों में बाधाएं उत्पन्न होती है। शनिदेव को न्याय प्रिय देवता माना जाता है शनि देव लोेगो को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते है इसलिए शास्त्रों मे वर्णित है कि व्यक्ति को बुरी संगति और कुकर्मों से दूर रहना चाहिए।
आइए जानते है प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी से पांच वर्षों में शनि की किस लग्न पर होगी दृष्टि।

वर्ष 2021ः- वर्तमान समय में तुला, मिथुन राशि वालों पर शनि की ढैय्या और मकर, धनु और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। इन पांच राशियों में किसी भी राशि वाले जातक को शनि के प्रकोप से मुक्ति नही मिलेगी।

वर्ष 2022ः- यह वर्ष धनु राशि वालों के लिए अहम होगा इस वर्ष धनु राशि वालो को शनि देव की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा। जबकि कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरु होगी। शनि की महादशा के तीन चरण होते है।

वर्ष 2023ः- इस वर्ष शनि देव का राशि परिवर्तन नही होगा इसलिए कर्क, वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या और मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़े साती का असर रहेगा।

वर्ष 2024ः- इस साल भी शनि का कोई राशि परिवर्तन नही होगा। शनि करीब ढ़ाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है। शनि अन्य ग्रहों की तुलना में धीमी गति से चलता है जिसके कारण इसका प्रभाव राशि पर ज्यादा दिनों तक रहता है।

कुंभ राशि वाले जातकों को कब मिलेगी शनि देव की साढ़े साती से मुक्तिः-

वर्ष 2025- इस वर्ष 29 मार्च को शनि देव मीन राशि में गोचर करेंगे जिससे मकर राशि वाले जातकों को शनि की साढ़े साती से छुटकारा प्राप्त होगा वहीं मेष राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती आरम्भ होगी। कुंभ और मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती बनी रहेगी। इस साल सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या आरम्भ होगी। कर्क व वृश्चिक राशि वाले शनि की ढ़ैय्या से मुक्ति पायेंगे।

वर्ष 2026ः- इस साल शनि का कोई राशि नही होगा।

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है कहते है कि शनिदेव व्यक्ति के अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब रखते है और उसी के मुकाबले व्यक्ति को फल देते है। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल तथा बुरे कर्म करने वाले को दण्ड़ देते है। शनिदेव के प्रकोप से सिर्फ इंसान ही नही बल्कि देवता भी भयभीत होते है।

शनिदेव की साढ़े साती के उपायः-

☸ शनिदोष से मुक्ति पाने और शनिदेव की कृपा पाने के लिए घर में शमी का पेड़ लगा लें नियमित रुप से पेड़ की सुबह-शाम पूजा करें ऐसी मान्यता है की शमी के पेड़ में शनिदेव विराजमान रहते है इनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन से संकट दूर होते है।
☸ दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है इसलिए सामर्थ्य के अनुसार काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उड़द की दाल का दान करें इससे शनिदेव प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करते है।
☸ बन्दरों को गुड़ व चना खिलाने से हनुमान जी प्रसन्न होते है।
☸ प्रत्येक शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें हनुमान जी का पूजन करने से व्यक्ति को शनि दोषों का सामना नही करना पड़ता है।

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