4 जनवरी 2025 बुध का धनु राशि में गोचर

4 जनवरी 2025 बुध का धनु राशि में गोचर

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार, मंगल का गोचर 04 जनवरी 2025 को सुबह 12ः05 मिनट पर होने वाला है। इस गोचर के दौरान मंगलदेव वृृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इस गोचर के साथ बुध और सूर्य की युति होने से बुधादित्य राजयोग का भी निर्माण होगा, जो कई राशियों के लिए लाभकारी साबित होगा। इस शुभ संयोग के कारण वर्ष के पहले महीने में कई राशियों को करियर में महत्वपूर्ण सफलता और उन्नति प्राप्त होगी। साथ ही व्यापारी वर्ग के लिए भी यह समय बेहद शुभ रहेगा, क्योंकि बुध की मजबूत स्थिति उनके व्यापार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगी। बुध का यह गोचर सभी राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगा, क्योंकि इस दौरान ये जातक अधिक ज्ञान अर्जित करने और उसे लाभ में बदलने में सफल होंगे। आइए, जानते हैं कि बुध के इस गोचर का किस राशि पर क्या असर पड़ेगा और कौन सी राशियाँ साल 2025 के पहले महीने में लाभ और उन्नति की प्राप्ति करेंगी।

ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से बुध की विषेशताः

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध को ज्योतिष शास्त्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बुध की कृृपा से जातक में तीव्र बुद्धि, मजबूत तर्क क्षमता और उत्कृृष्ट संचार कौशल विकसित होते हैं। कन्या राशि में बुध को उच्च का स्थान प्राप्त है, जबकि मीन राशि में यह नीच के माने जाते हैं। बुध सूर्य, शुक्र और राहू के साथ मित्रता रखते हैं, जबकि चंद्रमा को ये अपना शत्रु मानते हैं। शनि, मंगल, बृहस्पति और केतु के साथ बुध का संबंध तटस्थ रहता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बुध चंद्रमा और बृहस्पति की पत्नी तारा के पुत्र माने जाते हैं, जिसके कारण इनकी विशेषताएँ चंद्रमा और बृहस्पति दोनों से मिलती हैं। बुध बुद्धि, वाणी, शिक्षा, गणित, तर्क, यांत्रिकी, ज्योतिष, लेखांकन, आयुर्वेद, लेखन, रंगमंच और निजी व्यवसाय जैसे क्षेत्रों के कारक ग्रह माने जाते हैं, इसके अलावा बुध मातृपक्ष के रिश्तों का भी प्रतिनिधित्व करते हंै और यह मस्तिष्क, जिह्वा, स्नायु तंत्र, कंठ-ग्रंथी, त्वचा और गर्दन के स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है।
यदि बुध के नकारात्मक प्रभाव होते हैं, तो यह स्मरण शक्ति का क्षय, सिर दर्द और त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। ज्योतिष में बुध को एक पुरुष ग्रह माना जाता है, लेकिन इसे नपुंसक ग्रह भी कहा जाता है। बुध उत्तर दिशा के साथ जुड़े होते हैं और यह 27 नक्षत्रों में से अश्लेषा, ज्येष्ठ, और रेवती के स्वामी माने जाते हैं। बुध का राशि परिवर्तन जातक की कुंडली के भाव स्थान के अनुसार शुभ और अशुभ प्रभाव डाल सकता है।

ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से धनु राशि की विषेशताः

धनु राशि की ज्योतिषीय विशेषताओं के बारे में बात करें तो, धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति है, जिसे ज्योतिष में सबसे शुभ और कल्याणकारी ग्रह माना जाता है। बृहस्पति ज्ञान, समृद्धि और धार्मिकता का प्रतीक है और इसके प्रभाव से धनु राशि के जातक अक्सर दार्शनिक, आदर्शवादी और महान विचारक होते हैं। धनु राशि को अग्नि तत्व से संबंधित माना जाता है, जो इसके जातकों को ऊर्जा, उत्साह और साहस प्रदान करता है। रशि चक्र में धनु राशि का स्थान नौवें भाव में होता है, जो यात्रा, उच्च शिक्षा, और धर्म से संबंधित होता है। धनु राशि के जातकों में स्वतंत्रता की बहुत अधिक चाहत होती है और वे अपनी जिंदगी को खुद के ढंग से जीने में विश्वास रखते हैं। बृहस्पति के प्रभाव के कारण, ये लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने, नई-नई जगहों की यात्रा करने और जीवन के उद्देश्य को समझने में रुचि रखते हैं। हालांकि, धनु राशि के जातक कभी-कभी अत्यधिक साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं, जो उन्हें अनुशासन में कमी का सामना करवा सकते हैं।

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ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार बुध के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः

मेष राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के तृृतीय और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, आपका अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित होगा और आप तरक्की की दिशा में आगे बढ़ेंगे। हालांकि, करियर में काम का दबाव बढ़ सकता है, जिससे थकावट महसूस होगी। व्यापारियों के लिए यह समय लाभ में कमी का हो सकता है, इसलिए योजना बनाकर चलना जरूरी है। आर्थिक जीवन में लाभ और हानि की स्थिति बन सकती है, जो आपकी लापरवाही का परिणाम हो सकता है। निजी जीवन में रिश्तों में आपसी समझ की कमी के कारण विवाद हो सकता है। स्वास्थ्य, जोड़ों और पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है, जो आपकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण हो सकती है।

उपायः भगवान गणेश और विष्णु जी की आराधना करें।

वृृष राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, निजी और आर्थिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, हालांकि अचानक धन लाभ भी हो सकता है। करियर में कार्यों को सही तरीके से पूरा करने में कठिनाई आ सकती है, इसलिए योजना बनाकर चलना आवश्यक होगा। व्यापार में नुकसान होने की संभावना है और कुछ अच्छे मौके भी हाथ से निकल सकते हैं। आर्थिक जीवन में लापरवाही के कारण हानि हो सकती है, साथ ही यात्रा के दौरान भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम जीवन में सामंजस्य की कमी से रिश्तों में खुशियाँ कम हो सकती हैं। स्वास्थ्य संबंधी, दांतों में समस्या और एलर्जी की आशंका बनी रह सकती है, इसलिए चिकित्सक से परामर्श लेना अच्छा रहेगा।

उपायः बुध से जुड़ी वस्तुओं का दान करें।

मिथुन राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के लग्न और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, दोस्तों और रिश्तों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही, बेकार की यात्राएं हो सकती हैं। करियर में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं और नौकरी में बदलाव या नौकरी जाने की संभावना हो सकती है। व्यापारियों को अपनी नीतियों में बदलाव करने की जरूरत होगी, अन्यथा लाभ में कमी हो सकती है। व्यापार पार्टनर के साथ भी समस्याएं हो सकती हैं। आर्थिक जीवन में धन खर्च को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बेकार की चीजों पर खर्च बढ़ सकता है। प्रेम जीवन में नकारात्मक विचारों के कारण रिश्ते में खुशियां कम हो सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से, आपको आंखों में संक्रमण की समस्या हो सकती है, जो आपकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी हो सकती है।

उपायः बुधवार के दिन बहनों या भांजियों को गिफ़्ट दें।

कर्क राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के द्वादश और तृृतीय भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और लोन चुकाने में दिक्कत हो सकती है। करियर में लापरवाही के कारण काम का बोझ बढ़ सकता है, जिससे कार्यस्थल पर दबाव महसूस होगा। व्यापारी जातकों के लिए यह समय नुकसान का हो सकता है, जो परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। आर्थिक जीवन में नुकसान होने की संभावना है और धन की बचत में कठिनाई हो सकती है। प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं, जिससे रिश्ते में खुशियाँ घट सकती हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से, पैरों में दर्द और तनाव की समस्या हो सकती है, जो बुध के गोचर के कारण हो सकती है।
उपायः तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन उसकी पूजा करें।

सिंह राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के एकादश और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, संतान की प्रगति से खुशी मिल सकती है और आप उनका अधिक ध्यान रखेंगे। करियर में आपको काम से संतुष्टि मिलेगी और नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं। व्यापारी जातकों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा, खासकर ट्रेड और शेयर के क्षेत्र में। आर्थिक दृृष्टि से भी यह गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा और आप अच्छा पैसा कमा पाएंगे। प्रेम जीवन में आप अपने पार्टनर के साथ खुशी और मजबूत संबंधों का अनुभव करेंगे। स्वास्थ्य के लिहाज से, इस अवधि में आप फिट और स्वस्थ रहेंगे।
उपायः गाय को हरी घास खिलाएं।

कन्या राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के दशम और लग्न भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों में वृद्धि होगी। करियर में इस समय नौकरी में लाभ मिलेगा और नए अवसर मिल सकते हैं, अगर आप मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह समय लाभकारी रहेगा। आर्थिक जीवन में हालांकि आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है और आप बचत करने में सफल नहीं होंगे, हालांकि धन कमाने में सक्षम रहेंगे। प्रेम जीवन में जीवनसाथी के साथ खुशहाल पल बिताएंगे जिससे आपका रिश्ता मजबूत होगा। स्वास्थ्य के लिहाज से, इस अवधि में आपकी सेहत अच्छी रहेगी और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।
उपायः गौ माता को चारा दान करें।

तुला राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के तृृतीय भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के नवम और द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, आपके संचार कौशल में सुधार होगा और आप अपने विरोधियों को प्रभावी तरीके से हरा सकेंगे। इस दौरान यात्रा करने के अच्छे अवसर मिलेंगे। करियर में आपको वरिष्ठों से सराहना मिलेगी और कार्यस्थल पर आपके मेहनत की सराहना होगी। व्यापार से जुड़े जातकों को इस समय लाभ मिलेगा और वे अपना बिज़नेस बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकेंगे। प्रेम जीवन में आपके रिश्ते में नजदीकी और सामंजस्य बढ़ेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से, इस अवधि में आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे और साहस से भरपूर महसूस करेंगे।
उपायः तांबे का सिक्का या टुकड़ा बहते हुए जल में प्रवाहित करें।

वृृश्चिक राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, आर्थिक संकट और परिवारिक सामंजस्य में कमी हो सकती है। हालांकि, आपको पैतृक संपत्ति से लाभ भी हो सकता है। करियर में यह गोचर नौकरी में प्रगति धीमी कर सकता है जिससे आपको असंतोष महसूस हो सकता है, इसलिए बेहतर योजना बनाकर काम करना जरूरी होगा। व्यापारियों को इस दौरान पार्टनर से समस्याएं हो सकती हैं। आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा, इसलिए धन कमाने के लिए सावधानी बरतनी होगी। प्रेम जीवन में भी रिश्ते में तालमेल की कमी और विवाद हो सकते हैं। स्वास्थ्य के लिहाज से, आपको पैरों में दर्द और तनाव की समस्याएं हो सकती हैं।
उपायः मिट्टी का खाली घड़ा बहते जल में प्रवाहित करें।

धनु राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, दोस्तों के साथ कुछ समस्याएं और यात्रा के दौरान उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। करियर में काम का दबाव बढ़ सकता है, जिससे आप व्यस्त रह सकते हैं। व्यापारियों को इस अवधि में सफलता मिलने की संभावना है, साथ ही व्यापारिक यात्रा लाभकारी हो सकती है। आर्थिक जीवन में लाभ और खर्च दोनों में उतार-चढ़ाव रहेगा, इसलिए धन की योजना बनाकर चलना जरूरी होगा। प्रेम जीवन में आपसी तालमेल की कमी से समस्याएं आ सकती हैं। स्वास्थ्य में कमर दर्द और तनाव से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
उपायः ¬ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप करें।

मकर राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम और नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, अप्रत्याशित लाभ प्राप्त हो सकता है, विशेषकर लोन के माध्यम से। करियर में, लंबी दूरी की यात्रा की संभावना है, जो आर्थिक लाभ के बजाय थकान का कारण बन सकती है। व्यापार में यात्रा से लाभ हो सकता है और यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। आर्थिक जीवन में खर्चों में वृद्धि हो सकती है, जिससे बचत में कमी आ सकती है। प्रेम जीवन में आपसी तालमेल की कमी से रिश्ते में समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य के मामले में, चिकनी चीजों के सेवन से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए ध्यान रखें।
उपायः बुध के बुरे प्रभाव से बचने के लिए ¬ बुद्धाय नमः मंत्र का जाप करें।

कुंभ राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के पंचम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, सट्टेबाजी और अन्य स्रोतों से धन लाभ हो सकता है, साथ ही संतान से आशीर्वाद भी मिलेगा। करियर में सफलता मिलने की संभावना है और नौकरी के नए अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। व्यापार में खासकर ट्रेड से जुड़े जातकों को अच्छे लाभ की प्राप्ति होगी। आर्थिक जीवन में यह गोचर आपको अच्छा लाभ और बचत की सुविधा देगा, साथ ही धन निवेश के लिए भी अच्छा समय रहेगा। प्रेम जीवन में पार्टनर के साथ रिश्ते में आपसी समझ और भावनाओं का आदान-प्रदान बढ़ेगा। स्वास्थ्य में छोटे-मोटे रोग जैसे सर्दी, बुखार हो सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा परेशानी नहीं होगी।
उपायः गणेशजी को दुर्वा अर्पित करें।

मीन राशि

बुध का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। बुधदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ और सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान, यात्रा के अवसर मिल सकते हैं और परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं। करियर में नौकरी में बदलाव के योग बन रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। व्यापार में आपको पार्टनर से लाभ मिल सकता है। आर्थिक जीवन में अच्छा लाभ होने की संभावना है और दोस्तों का समर्थन भी मिलेगा। लोन से भी धन लाभ संभव है। निजी जीवन के रिश्ते में सुख-शांति और सहयोग रहेगा। स्वास्थ्य के मामले में इस अवधि में कोई बड़ी समस्या नहीं होगी, आप स्वस्थ और फिट रहेंगे।
उपायः गणेश स्तोत्र का पाठ करें।

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