Venus Transit: प्रत्येक राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभाव

18 सितम्बर शुक्र का तुला राशि में गोचर

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र का गोचर 18 सितम्बर 2024 को दोपहर 01: 57 मिनट पर होने वाला है। इस दौरान शुक्र देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में पूरे 12 राशियों में से कुछ राशि वाले जातकों को इस गोचर के दौरान शुभ फल मिलेंगे तो कुछ राशि वाले जातकों को इसके अशुभ परिणाम मिलने की संभावना हो सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रदेव को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जो जातक को सुख-समृद्धि तथा एश्वर्य की प्र्राप्ति कराने वाला ग्रह है। यदि किसी जातक की कुण्डली में शुक्र की स्थिति मजबूत हो तो जातक को सभी कार्यों में विशेष सफलता प्राप्त होती है परन्तु कुण्डली में शुक्र कमजोर अवस्था में हो तो जातक को अपने जीवन में असफलताओं का सामना करने के साथ-साथ बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

Highlight

ज्योतिष में शुक्र का महत्वः-

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सभी शुभ ग्रहों में से एक माना जाता है जिसके प्रभाव से जातक को भौतिक, शारीरिक तथा दाम्पत्य जीवन के सुख की प्राप्ति होती है। शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामी ग्रह कहा जाता है, इसके अलावा मीन शुक्र की उच्च राशि तथा कन्या इसकी नीच राशि मानी जाती है। ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से शुक्र देव को भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, तथा पूर्वाषाढा़ नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों की बात करें तो बुध और शनि शुक्र के शत्रु ग्रह तथा सूर्य और चंद्रमा को शुक्र का मित्र ग्रह माना जाता है। आपको बात दें किसी भी एक राशि में शुक्र का गोचर लगभग 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्रदेव किसी एक राशि में करीब 23 दिन तक ही उपस्थित होते हैं। शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, कला, प्रतिभा, रचनात्मक कार्य, भोग-विलास, शौहरत, सौन्दर्य, रोमांस, काम वासना, तथा फैशन-डिजाइनिंग इत्यादि का कारक माना जाता है।  शुक्र देव आकार व द्रव्यमान में पृथ्वी के समान ही हैं, इसके अलावा शुक्र ग्रह को पृथ्वी की बहन या जुड़वा बहन के तौर पर भी सौरमंडल में वर्णित किया जाता है।

ज्योतिष में तुला राशि का महत्वः-

तुला राशि ज्योतिष में सातवीं राशि मानी जाती है और इसका प्रतीक एक तराजू होता है जो संतुलन और न्याय का प्रतिनिधित्व करता है। यह राशि वायु तत्व के अंतर्गत आती है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है जो प्रेम, सौंदर्य और कला का प्रतीक है। तुला राशि में शनि उच्च का और सूर्य नीच का होता है। तुला के मित्र ग्रह शुक्र, शनि, और बुध हैं जबकि शत्रु ग्रह सूर्य और मंगल हैं। चंद्रमा और बृहस्पति तटस्थ ग्रह माने जाते हैं। तुला का संतुलन और न्यायप्रियता इनमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तुला राशि के जातक संतुलित, न्यायप्रिय और कूटनीतिज्ञ होते हैं। वे सामाजिक और मिलनसार स्वभाव के होते हैं और अक्सर अच्छे श्रोता बनते हैं। इनके व्यक्तित्व में आकर्षण होता है और वे दूसरों को अपनी ओर खींचने में सक्षम होते हैं। वे सौंदर्य और कला के प्रेमी होते हैं जिसके कारण इनके सौंदर्य और संतुलन की सराहना होती है। तुला राशि के लोग संघर्षों से बचने और शांति बनाए रखने की कोशिश करते हैं। वे सामंजस्य और सहयोग में विश्वास रखते हैं और अक्सर मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। हालांकि कभी-कभी वे निर्णय लेने में धीमे और असमंजस में पड़ सकते हैं। करियर के मामले में तुला राशि के जातक वकालत, न्यायपालिका, कला, फैशन और डिज़ाइन के क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं। प्रेम और रिश्तों में ये लोग वफादार और समर्पित होते हैं, लेकिन इन्हें कभी-कभी संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। तुला राशि के जातकों के लिए सबसे अच्छा रंग नीला और गुलाबी माना जाता है।


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प्रत्येक राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

मेष राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

18 सितम्बर 2024 को शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके करियर क्षेत्र में तरक्की होगी साथ ही आपकी नौकरी में पदोन्नति के भी योग बन रहे हैं। कार्यस्थल पर वाद-विवाद करने से बचें अन्यथा आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है। पुरुषों को अपने जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए महिलाओं का सम्मान करने की आवश्यकता होगी। इस गोचर के दौरान आप अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। विवाहित दंपत्ति को सुखद और दुखद दोनों समाचार प्राप्त हो सकते हैं। साथी के साथ प्रेम बना रहेगा परन्तु कुछ परिस्थिति में वाद-विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। भावनात्मक समझ इस गोचर के दौरान बहुत जरूरी है अन्यथा प्रेम विवाह सफल नहीं होगा।

उपायः- गरीब तथा जरूरतमंदों की सेवा करें।

वृष राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के लग्न तथा षष्ठम भाव के स्वामी हैं। कुण्डली का छठा भाव विरोधियों, बीमारियों, करियर, परीक्षा, रोग प्रतिरोधक क्षमता, वैवाहिक जीवन और वैधता का भाव होता है। इस गोचर के दौरान आप अपने स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने में प्राथमिकता दें। इस समय थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है अन्यथा आपके दुश्मन आपको धोखा देने की कोशिश कर सकते हैं। विवाहित जातकों को कठिनाइयों और विवादों का सामना करना पड़ सकता है। अहंकार के कारण परिवार के सदस्यों से टकराव होने की संभावना हो सकती है। इस गोचर के दौरान व्यवसाय कर रहे जातकों  का साझेदारों के साथ संबंध खराब हो सकते हैं। अनावश्यक खर्च से बचें और बचत करने पर विशेष ध्यान दें। वित्तीय समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय किसी भी तरह की यात्रा स्थगित करना उचित होगा। कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ वाद-विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

उपायः- नियमित रूप से ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः मंत्र का जाप करें।

मिथुन राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के पंचम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय अपने विरोधियों को परास्त करने के लिए उत्तम है। आर्थिक दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए अनुकूल है। इस समय आपकी वित्तीय समस्याएँ दूर होंगी साथ ही आप स्वयं को शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस करेंगे। विद्यार्थी जातकों के लिए यह समय उपलब्धियों से भरा होगा। इस गोचर के दौरान आपका प्रेम जीवन संतोषजनक और रोमांस से भरपूर रहेगा। कुल मिलाकर आपका प्रेम और वैवाहिक जीवन खुशियों और संतान के सुख से भरपूर रहेगा।

उपायः- प्रत्येक शुक्रवार के दिन माँ वैभवलक्ष्मी की आराधना करें।

कर्क राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के चतुर्थ तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपका पारिवारिक जीवन खुशियों और मानसिक शांति से भरा रहेगा। इस समय परिवार में किसी शुभ कार्यों का आयोजन हो सकता है जिसमें आपका अत्यधिक धन खर्च होगा। इस गोचर के दौरान आपकी सारी इच्छाएं पूरी होंगी साथ ही धन की कोई कमी महसूस नही होगी। घर की साज-सज्जा तथा नया वाहन खरीदने में आपका धन खर्च हो सकता है। वित्तीय स्थिरता अच्छी रहेगी। इस समय पेशेवर लोगों को सावधान रहने और सहकर्मियों पर नजर रखने की आवश्यकता होगी। कार्यस्थल पर किसी से बहस हो सकती है। कुछ सहकर्मी आपसे मदद की पेशकश कर सकते हैं, इसके अलावा कर्क राशि के जातकों को इस समय अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

उपायः- शुक्र से संबंधित वस्तुओं का दान करें।

सिंह राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के तृतीय भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के तृतीय तथा दशम भाव के स्वामी हैं। कुण्डली का यह भाव साहस, दृृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस गोचर के दौरान आपके शत्रु परास्त होंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक माहौल शांति, समृद्धि, खुशी और सौहार्द से भरा रहेगा। इस समय नौकरी बदलने से पहले आपको गहराई से सोचना होगा अन्यथा नौकरी से सम्बन्धित समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस गोचर के दौरान सरकारी क्षेत्र में कार्यरत जातकों को भारी मुनाफा हो सकता है। इस समय आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा साथ ही आपको प्रसिद्धि मिलेगी। शुक्र के गोचर के दौरान सिंह राशि वाले जातकों का भाग्य अच्छा रहेगा जिससे हर काम में सफलता मिलेगी। अविवाहित जातकों को विवाह के लिए कोई नया साथी मिलने की संभावना हो सकती है।

उपायः- पूजा स्थल के पास शुक्रवार के दिन शुक्र यंत्र स्थापित करें।

कन्या राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के द्वितीय तथा नवम भाव के स्वामी हैं। शुक्र का यह गोचर आपके लिए वित्तीय लाभ, आकर्षक, विदेशी तथा अचल संपत्ति के सौदों से भरा रहेगा। पारिवारिक जीवन खुशियों और संतुष्टि से भरा रहेगा। इस समय घर में धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े कई शुभ कार्य होने की संभावना हो सकती है। इस गोचर के दौरान गर्भवती महिलाओं को सुंदर संतान की प्राप्ति होगी। महिला मित्रों से लाभ प्राप्त करने में इस समय आपको मदद मिलेगी। खाने-पीने के शौकीन जातकों को इस गोचर के दौरान अपनी मनपसंद की वस्तुएं खाने का अवसर प्राप्त होगा। इस समय आपके बातचीत करने के कौशल में सुधार होगा जिससे दूसरों को प्रभावित करने में आपको मदद मिलेगी। विद्यार्थी जातकों को प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। इस समय आपको अपने पिता का सहयोग और आशीर्वाद दोनों मिलेगा। रचनात्मक कार्यों में आपकी पहले से ज्यादा रुचि बढ़ेगी।

उपायः- महिलाओं तथा बड़े-बुजुर्गांे का नियमित सम्मान करें।

तुला राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी कुण्डली के लग्न तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा परन्तु किसी भी तरह की स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से आपको बचने की आवश्यकता होगी। इस समय आपका आत्म-सुधार होगा जो आपके भविष्य के लिए सहायक होगा। तुला राशि के जातक शुक्र के गोचर के दौरान अपने प्रतिद्वंदियों को सफलतापूर्वक चुनौती देंगे। ध्यान भटकाने वाली वस्तुएं आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकती है। विवाहित जातकों को इस समय संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त हो सकता है। धार्मिक आयोजनों में भागीदारी बढ़ेगी जिससे मानसिक सुख-शांति बनी रहेगी। व्यवसाय से जुड़े जातकों को अच्छा लाभ प्राप्त होगा। इस गोचर के दौरान विद्यार्थी जातकों को बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए पढ़ाई पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

उपायः- पूजा के दौरान भगवान शिव को सफेद पुष्प अर्पित करें।

वृश्चिक राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के सप्तम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको आर्थिक लाभ मिलने की संभावना है। बाहरी स्त्रोतों से आपके पसंदीदा जगहों पर यात्राएं हो सकती हैं। इस समय खर्च और मौज-मस्ती के बीच संतुलन बनाए रखें। कई तरह के आकस्मिक खर्चों के बावजूद भी इस समय आपको अधिक से अधिक धन की प्राप्ति होगी। इस गोचर के दौरान व्यवसाय में सफलता मिलेगी और घर में सकारात्मकता बनी रहेगी। व्यवसाय में विस्तार लाने के लिए विदेशी यात्राएं भी हो सकती हैं। दाम्पत्य जीवन में खुशियाँ आ सकती हैं परन्तु जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर इस समय विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी अन्यथा उन्हंे कोई गंभीर बीमारी उत्पन्न हो सकती है। समय-समय पर होने वाले वाद-विवाद के कारण प्रेम जीवन में कुछ परेशानीयाँ आ सकती हंै।

उपायः- शुक्रवार के दिन नियमित उपवास रखें।

धनु राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के षष्ठम तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। इस समय आप अत्यधिक खुश, संतुष्ट और शांत वातावरण में रह सकते हैं। कार्य-व्यवसाय में किये गये मेहनत का फल आपको अवश्य मिलेगा। कार्यस्थल में आपके वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से अत्यधिक संतुष्ट रहेंगे। प्रेम जीवन में एक-दूसरे के साथ खूबसूरत समय बिताएंगे और उनका जीवन रोमांस और आत्मीयता से भरपूर रहेगा। इस गोचर के दौरान प्रेम विवाह सफल होगा। वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्ति होगी। इस गोचर के दौरान धनु राशि वाले जातकों के जीवन में नए दोस्त बन सकते हैं। कुल मिलाकर धनु राशि वाले जातकों को इस गोचर के दौरान मिले-जुले परिणाम मिलेंगे।

उपायः- गरीब बच्चों को पढ़ने-लिखने की वस्तुएं दान करें।

मकर राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के पंचम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। यह गोचर मकर राशि वाले जातकों के लिए शुभ फलदायी नही रहने वाला है। इस गोचर के दौरान करियर में समस्या आ सकती है। ऐसे में धैर्य रखें और अपने काम को अच्छे तरीके से करने का प्रयास करें। पिछले काम में असंतोष की स्थिति उत्पन्न होने के कारण नौकरी में बदलाव होने की संभावना हो सकती है। परिवार में बच्चों के साथ थोड़ी बहस हो सकती है। ऐसे में घर में शांति बनाए रखें तथा परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बहस करने से बचें। इस गोचर के दौरान मकर राशि के जातक महिलाओं का विशेष सम्मान करें। इस समय परिवार के सदस्यों के साथ धार्मिक यात्राएं भी हो सकती हैं जिससे मन प्रसन्न रहेगा। प्रेम जीवन में कुछ परेशानियाँ उत्पन्न होंगी साथ ही वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यवसाय से जुड़े जातकों को व्यवसाय चलाने में परेशानी हो सकती है। सरकारी अधिकारियों का व्यवसाय करने वाले जातकों से वाद-विवाद हो सकता है।

उपायः- गोचर के दौरान नियमित रूप से चंदन का लेप लगाएं।

कुंभ राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के चतुर्थ तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान पारिवारिक रिश्ते, सामाजिक छवि और धार्मिक आस्था में सुधार होगा। इस समय आप अपने परिवार के सदस्य और मित्रों के साथ दूर की यात्रा पर जा सकते हैं। कुंभ राशि वाले जातकों को अपने कार्यस्थल पर महिला सहकर्मियों के मदद की आवश्यकता हो सकती है। शुक्र के गोचर का समय सरकारी अधिकारियों के लिए लाभदायक रहेगा। विवाहित जातक इस गोचर के दौरान अच्छा समय बिताएंगे साथ ही दोनों एक-दूसरे का सहयोग प्राप्त करेंगे।

उपायः- गौ माता की नियमित सेवा करें।

मीन राशि के जातकों पर शुक्र के गोचर का प्रभावः-

शुक्र का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। शुक्र देव आपकी  कुण्डली के तृृतीय तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपनी सभी इच्छाओं पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी। इस समय धन प्राप्ति के बहुत से अवसर प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। छोटे भाई-बहनों के साथ संबंध अच्छे रहेंगे परन्तु कुछ समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इस गोचर के दौरान अविवाहित जातकों को अपने साथी से मिलने का अवसर प्राप्त हो सकता है। पेशेवर जीवन में सफलता मिलने से मीन राशि वाले जातकों का आत्मविश्वास बढ़ सकता है। नौकरी में पदोन्नति होने की संभावना भी हो सकती है। सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है।

उपायः- अपना कुछ धन गरीबों में दान करें।

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