विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी? Vighnaraj Sankashti Chaturthi 2024: (When will it be celebrated in Pitru Paksha?)
सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी अश्विन मास में मनाई जाती है और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुखसमृद्धि में वृद्धि होती है। चतुर्थी तिथि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है और इसी दिन संकष्टी और विनायक चतुर्थी जैसे पर्व मनाए जाते हैं। अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2024) मनाई जाती है, जिसमें विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन के कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं। इस पावन अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा और सेवा करते हैं। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?-
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की सही तिथि और शुभ मुहूर्त
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?-
यह पर्व भगवान गणेश (विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024) को समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धा भाव से महादेव और माता पार्वती के पुत्र, भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। उनकी पूजा से न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन के सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। साधक इस दिन अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए व्रत रखते हैं और भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो संकटों से मुक्ति और सुखसमृद्धि प्रदान करता है। इस दिन साधक भगवान गणेश की पूजा करके आर्थिक संकट और जीवन के कष्टों से छुटकारा पाते हैं। इस पर्व की खास बात यह है कि इसे पितृ पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस वर्ष विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाएगी।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 की तिथि:
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का शुभ समय इस प्रकार है:
तिथि प्रारंभ: 20 सितंबर 2024, रात 09:15 बजे
तिथि समाप्त: 21 सितंबर 2024, शाम 06:13 बजे
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन
चंद्र दर्शन: 21 सितंबर 2024, शाम 08:29 बजे
सूर्योदय: सुबह 06:09 बजे
सूर्यास्त: शाम 06:19 बजे
चंद्रास्त: 22 सितंबर, सुबह 09:34 बजे
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?-
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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 के विशेष योग:
- हर्षण योग: यह शुभ योग 21 सितंबर को सुबह 11:36 से प्रारंभ होकर 22 सितंबर को सुबह 08:22 बजे तक रहेगा। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- शिववास योग: 21 सितंबर को शिववास योग भी बन रहा है, जिसमें भगवान शिव कैलाश पर संध्याकाल तक विराजमान रहेंगे और नंदी पर सवार होंगे।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: विशेष मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:34 से 05:22 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:15 से 03:04 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:19 से 07:42 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 11:50 से 12:38 बजे तक
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?- संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि इस प्रकार है:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- सूर्य देव को जल में चावल मिलाकर अर्घ्य दें।
- पूजा स्थल पर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- गणेश जी को तिलक लगाएं और उन्हें जल, चावल, दूर्वा और जनेऊ अर्पित करें।
- भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं।
- घी का दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- गणेश जी के मंत्रों का जप करें, जैसे “ॐ गं गणपतये नमः”।
- गणेश चालीसा और स्तोत्र का पाठ करें।
- भगवान गणेश की आरती करें।
- शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
- भगवान गणेश की परिक्रमा करें।
- पूजा के बाद जरूरतमंदों को दान करें।
- इस दिन अन्न ग्रहण न करें, आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं।
यह विधि श्रद्धा भाव से संपन्न करें ताकि भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 पर पूजा का महत्व:
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी सनातन धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है, विशेषकर भगवान गणेश की पूजा और साधना के लिए। इस दिन भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है, की आराधना करने से जीवन के समस्त कष्ट, बाधाएं और संकट दूर होते हैं। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से साधक को हर प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी?-
संकष्टी चतुर्थी का महत्व इस कारण भी बढ़ जाता है क्योंकि भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और मंगलकारी कार्यों का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से न केवल आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक कष्टों का भी नाश होता है। वे अपने भक्तों के जीवन में आने वाली हर कठिनाई को सरल बना देते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की कृपा से हर प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं, और साधक का जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के अवसर पर व्रत करने वाले भक्तों को भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन व्रत रखने से भक्त के जीवन में आने वाली समस्त प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है।
जाने-माने ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है और यह व्रत करने वाले को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी समृद्ध करता है।