10 मई मंगल राशि का परिवर्तन

मेष लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल लग्नेश एवं अष्टमेश होता है तथा मंगल का राशि परिवर्तन आपके कुण्डली में सुख भाव में हो रहा है जो मंगल का नीच राशि है परन्तु लग्नेश होने के कारण शुभ फलों की प्राप्ति होगी अतः मंगल का यह राशि परिवर्तन आपको सामान्य परिणाम देगा। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र में आपको कुछ परेशानियों के बाद लाभ प्राप्त होगा साथ ही आमदनी के क्षेत्र में भी आपको अच्छे अवसर प्राप्त होंगे स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तथा वैवाहिक जीवन में भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। माता के स्वास्थ्य को लेकर कुछ परेशानी बन सकती है। आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी तथा यात्राएं भी अधिक रहेंगी।
उपायः- हनुमान जी की आराधना करें तथा मंगल के बीज मंत्र का पाठ करें।

वृष लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल खर्चेश एवं सप्तमेश होता है तथा मंगल का राशि परिवर्तन आपके पराक्रम भाव में हो रहा है। आपका स्वास्थ्य पहले से बेहतर होगा परन्तु त्वचा सम्बन्धित थोड़े बहुत विकार या गले से सम्बन्धित परेशानी बन सकती है। आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा परन्तु छोटे भाई-बहनों से कुछ वैचारिक मतभेद हो सकता है। कार्य-व्यवसाय मे आपको लाभ की प्राप्ति होगी तथा प्रशासन द्वारा भी लाभ प्राप्ति के योग बन रहें परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहेगा। बाहरी स्त्रोंतो से आमदनी के अवसर प्राप्त होंगे आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी परन्तु खर्च बढ़ेंगे परिवार एवं संतान को लेकर लम्बी दूरी की यात्रा के योग बन रहे है। जीवनसाथी के साथ सामान्य दिन व्यतीत होंगे। दैनिक रोजगार के क्षेत्र में कुछ परेशानी बन सकती है।
उपायः-नारंगी रंग की वस्तुओं का दान करें, जिससे आपके परेशानियों से राहत मिलेगी।

मिथुन लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल रोगेश एवं लाभेश होता है तथा मंगल का गोचर आपकी कुण्डली में धनभाव अर्थात कर्क राशि में हो रहा है जो की इसकी नीच राशि है। अतः आर्थिक क्षेत्र मे आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसके अलावा परिवार में भी कलह की स्थिति बन सकती है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें गले से सम्बन्धित कोई विकार उत्पन्न हो सकता है तथा मानसिक पीड़ा भी उत्पन्न हो सकती है। वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा एवं जीवनसाथी का भी सहयोग प्राप्त होगा गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा रहेगा।
उपायः- गणेश जी को दुर्वा अर्पित करें, आपकी परेशानियां दूर होंगी।

कर्क लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल पंचमेश एवं दशमेश होता है तथा मंगल का गोचर आपकी कुण्डली में लग्न भाव, कन्या राशि में हो रहा है जो कि मंगल की नीच राशि है आपका आत्मविश्वास बढ़ा-चढ़ा रहेगा। कार्य-व्यवसाय की दृष्टिकोण से यह समय उत्तम रहेगा। समाज मे आपको मान-सम्मान प्राप्त होगा तथा बाहरी स्त्रोंतो से भी लाभ की प्राप्ति करेंगे। जीवनसाथी की तरफ आपका आकर्षण बढ़ेगा तथा जीवनसाथी के व्यक्तित्व मे भी निखार आयेगा परन्तु जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। जिसको लेकर चिंता बढ़ सकती है। माता को लेकर भी कुछ चिंता बन सकती है सरकारी कार्यों मे भी आपको लाभ मिलेगा। विद्यार्थियों को शिक्षा क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे दैनिक कार्यों मे रुकावटें बन सकती है।
उपायः- शनिदेव को तिल अर्पित करें तथा भगवान शिव की आराधना करंें जिससे दिन शुभ होगा।

सिंह लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल का गोचर द्वादश भाव में हो रहा है तथा आपकी कुण्डली में मंगल भाग्येश एवं सुखेश होता है। यह राशि परिवर्तन आपको नकारात्मक परिणाम देगा। शारीरिक रुप से आप स्वस्थ्य महसूस करेंगे परन्तु मानसिक रुप से अत्यधिक चिंतित हो सकते है। साथ ही जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है। आपके शत्रु आपको हानि पहुंचाने की कोशिश कर सकते है तथा माता को लेकर भी चिंता बन सकती है। आपका पारिवारिक जीवन सुखमय होगा तथा आर्थिक स्थिति भी पहले से बेहतर होगी। छोटे भाई-बहनों के साथ कुछ मनमुटाव हो सकता है।
उपायः- सफेद रंग की वस्तुओं का दान करें, आपकी मानसिक परेशानी दूर होगी।

कन्या लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल पराक्रमेश एवं अष्टमेश होता है तथा मंगल का परिवर्तन आपके कुण्डली मे एकादश भाव में हो रहा है। आपका पराक्रम बढ़ा रहेगा परन्तु भाई-बहनों से कुछ मनमुटाव हो सकता है। स्वास्थ्य सम्बन्धित परेशानियों से आपको राहत मिलेगी। संतान पक्ष को लेकर चिंता बन सकती है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा में अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। तकनीकी से जुड़े कार्यों मे कुछ रुकावटें उत्पन्न हो सकती है। वैवाहिक जीवन में कलह की स्थिति बन सकती है लेकिन कुछ समय बाद आपको इन परेशानियों से राहत मिल जायेगी। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे आपको लाभ प्राप्त होगा। आमदनी प्राप्ति के लिए कुछ रुकावटें बन सकती है।
उपायः- बुध के बीज मंत्र ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं बुधाय नमं का जाप करें।

तुला लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल अष्टमेश एवं द्वितीयेश होता है तथा मंगल का राशि परिवर्तन आपके कुण्डली में दशम भाव में हो रहा है। कार्य-व्यवसाय में आपको सफलता मिलेगी एवं समाज मे आपका मान-सम्मान बढ़ेगा परन्तु कार्य-व्यवसाय मे सफलता प्राप्ति के लिए आपको अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है तथा भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे भी आपको कुछ रुकावटों के बाद सफलता मिलेगी। वैवाहिक जीवन मे उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी तथा धार्मिक कार्यों को लेकर आप उत्साहित रहेंगे। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। संतान पक्ष को कष्ट मिल सकता है। दैनिक रोजगार के क्षेत्र में आपको सावधान रहना चाहिए। कई कार्यों को लेकर आप भ्रमित हो सकते है।
उपायः- माता लक्ष्मी की आराधना करें, आर्थिक परेशानी दूर होगी।

वृश्चिक लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल लग्नेश एवं रोगेश होता है तथा मंगल का राशि परिवर्तन आपकी कुण्डली में नवम भाव में हो रहा है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें त्वचा सम्बन्धित कुछ परेशानी बन सकती है साथ ही पिता को लेकर भी कुछ मनमुटाव या चिंता बन सकती है इसके अलावा भाई-बहनों को भी कष्ट मिल सकता है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा में काफी परिश्रम करना पड़ सकता है। भूमि, वाहन का सुख आपको विलम्ब से प्राप्त होगा। अपने परिश्रम द्वारा अपने भाग्य की उन्नति करने में सक्षम होंगे वैवाहिक जीवन को लेकर चिंता बन सकती है। आर्थिक क्षेत्र मे कुछ रुकावटें आ सकती है परिवार मे सुख-शांति का अनुभव करने मे आप सक्षम होंगे।
उपायः- गणेश जी की आराधना करें तथा मंगल के बीज मंत्र का पाठ करें।

धनु लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल द्वादेश एवं पंचमेश है तथा मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में हो रहा है। यह राशि परिवर्तन आपको मिश्रित परिणाम देगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन सकती है जिसका प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर भी पड़ सकता है। विद्यार्थियों को अपने शिक्षा मे कुछ रुकावटों के बाद सफलता प्राप्त होंगी। गर्भवती महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। संतान पक्ष से कोई कष्ट मिल सकता है। आपका पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। आर्थिक संग्रह करने के लिए कुछ रुकावटें आ सकती है। भूमि, वाहन से सम्बन्धित कार्यों मे आपको सफलता मिलेगी तथा सुख-सुविधाओं की पूर्ति करने में आप सक्षम होंगे।
उपायः- विष्णु जी की आराधना करें, आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

मकर लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल का राशि परिवर्तन सप्तम भाव में हो रहा है तथा आपकी कुण्डली में मंगल सुखेश एवं लाभेश होता है यह राशि परिवर्तन आपको सामान्य परिणाम देगा। कार्य-व्यवसाय के क्षेत्र मे आपको अत्यधिक परिश्रम करना पड़ सकता है साथ ही माता, भूमि, वाहन के सुख मे भी कमी महसूस होगी। विद्यार्थियों के लिए समय अच्छा नही रहेगा शिक्षा क्षेत्र में उनको काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। संतान पक्ष से कोई कष्ट मिल सकता है वैवाहिक जीवन की दृष्टिकोण से यह राशि परिवर्तन आपको कई नकारात्मक परिणाम देगा। आर्थिक संग्रह करने मे आप सक्षम होंगे परिवार मे दिन सामान्य रहेगा। भाग्य का साथ आपको भू-सम्पत्ति के कार्यों में कुछ लाभ प्राप्त करा सकता है।
उपायः- शनिदेव की आराधना करें, परेशानियों से राहत मिलेगी।

कुंभ लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल का राशि परिवर्तन षष्ठम भाव में हो रहा है तथा आपकी कुण्डली में मंगल पराक्रमेश एवं दशमेश होता है। आपका पराक्रम भी बढ़ा-चढ़ा रहेगा। शारीरिक रुप से आप स्वस्थ्य महसूस करेंगे परन्तु मानसिक पीड़ा, रक्तचाप की समस्या बन सकती है। छोटे भाई-बहनों के साथ कुछ वैचारिक मतभेद हो सकता है अपने परिश्रम द्वारा लाभ की प्राप्ति करने में आप सक्षम होंगे। विद्यार्थियों को अपने परिश्रम का अच्छा अंक प्रापत होगा। धार्मिक कार्यों को लेकर आप भ्रमित हो सकते है तथा पिता को लेकर भी मनमुटाव होने की संभावना है। समाज मे मान-सम्मान प्राप्त हो आपके खर्चों मे बढ़ोत्तरी होगी तथा लम्बी दूरी की यात्रा का योग बन रहा है। सामाजिक सम्बन्ध अच्छे रहेंगे।
उपायः- शनि के बीज मंत्र ओम प्रां प्रीं प्रौं शं शनिचराय नमः का जाप करें।

मीन लग्नः- आपकी कुण्डली में मंगल का गोचर पंचम भाव में हो रहा है तथा मंगल आपके कुण्डली में धनेश एवं भाग्येश है विद्यार्थियों को अपने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। बाहरी स्त्रोतों से आमदनी के अवसर प्राप्त होंगे। शारीरिक रुप से आप ऊर्जावान अनुभव करेंगे परन्तु गले से सम्बन्धित कुछ विकार उत्पन्न हो सकते है। परिवार को लेकर चिंतित हो सकते है। भूमि, वाहन से आपको लाभ प्राप्त होगा तथा सभी सुख-सुविधाओं के साथ जीवन व्यतीत करेंगे तकनीकी जुड़े जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। साझेदारी के कार्यों मे लाभ प्राप्ति के योग साथ ही दैनिक रोजगार मे किए गए परिश्रम लाभदायक साबित होंगे। जीवनसाथी से मधुर सम्बन्ध बने रहेंगे परन्तु संतान पक्ष से किसी प्रकार का कष्ट हो सकता है।
उपायः- अपने बड़ो का आशीर्वाद प्राप्त करें तथा गणेश जी की आराधना करें।

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