ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार जानें मंगल का मिथुन राशि में गोचर

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार जानें मंगल का मिथुन राशि में गोचर

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार, मंगल का गोचर 21 जनवरी 2025 को सुबह 10ः04 मिनट पर होने वाला है। इस गोचर के दौरान मंगलदेव वृृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। गोचर के दौरान जब मंगलदेव मिथुन राशि में गोचर करते हैं, तो यह व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार के प्रभाव उत्पन्न करते हैं। इस गोचर के दौरान मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति तर्क और संवाद में अधिक सक्रिय हो जाता है। व्यक्ति में जोश और उत्साह की कमी नहीं रहती और यह समय व्यवसायिक वार्ता, साझेदारी और समझौतों के लिए अच्छा होता है। मंगल का यह गोचर निर्णय लेने की क्षमता को तेज करता है और व्यक्ति को अपनी योजनाओं को जल्दी अमल में लाने की प्रेरणा देता है। कुल मिलाकर, मंगल का मिथुन राशि में गोचर व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से सक्रिय करता है, लेकिन इसे संतुलित तरीके से अपनाना आवश्यक होता है।

ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से मंगल की विषेशताः

ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी के अनुसार मंगल ग्रह क्रिया, ऊर्जा, आक्रामकता, इच्छाओं और जोश का प्रतीक है। इसका रंग लाल है और यह मंगल ग्रह द्वारा नियंत्रित होता है। यह सशस्त्र बलों या वर्दीधारी पुरुषों के रूप में हमारे जीवन या संवादों में देखा जा सकता है। मंगल ग्रह मंगलवार के दिन का भी शासक है। रोमनों द्वारा मंगलदेव को युद्ध और संघर्ष के देवता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि मंगल ग्रह स्वास्थ्य पर असर डालता है और दुर्घटनाओं या आग का कारण बन सकता है। यह मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी है और सूर्य और चंद्रमा के साथ अच्छे संबंध रखता है, लेकिन बुध और केतु के साथ इसके रिश्ते अच्छे नहीं माने जाते। इसके अतिरिक्त, मंगल ग्रह मांगलिक दोष या मंगल दोष का कारण भी बन सकता है, जो एक व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकता है।

ज्योतिषीय दृृष्टिकोण से मकर राशि की विषेशताः

मकर राशि की ज्योतिषीय विशेषताओं के बारे में बात करें तो, यह राशि चक्र का तीसरा ज्योतिषीय चिह्न है, जो जुड़वां का प्रतीक चिन्ह दर्शाता है। यह राशि आमतौर पर आकर्षक और दोस्ताना व्यक्तित्व वाले जातकों से जुड़ी होती है। मिथुन राशि राशिचक्र में 60से 90 डिग्री के बीच स्थित होती है, इसका स्वामी ग्रह बुध है। बुध को वाणी और बुद्धि का कारक ग्रह माना जाता है, जिससे इस राशि के जातक आमतौर पर बुद्धिमान और वाक्पटु होते हैं। मिथुन राशि के लोग संवाद में माहिर होते हैं और उनके पास अद्भुत मानसिक क्षमता होती है।
इनका स्वभाव बहुत चंचल और जिज्ञासु होता है, जिससे वे हमेशा नई जानकारी और विचारों की खोज में रहते हैं। वे बहुत बोलने वाले होते हैं और कभी-कभी उनके विचारों का प्रवाह बहुत तेज होता है। जब चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर करता है, तो उस समय जन्मे व्यक्ति की राशि भी मिथुन होती है। जुड़वां प्रतीक चिन्ह के कारण, इन जातकों का व्यक्तित्व कभी-कभी दोहरा भी हो सकता है, यानी वे अलग-अलग परिस्थितियों में विभिन्न रूप दिखा सकते हैं।
मिथुन राशि के जातकों को आमतौर पर सामाजिक वातावरण में रहना पसंद होता है और वे आसानी से नए दोस्त बना सकते हैं। ये लोग बहुमुखी होते हैं, जिससे वे किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इनके दिमाग में हमेशा नए विचारों का मंथन चलता रहता है और ये जल्दी से किसी चीज़ को समझने और उसमें माहिर बनने की क्षमता रखते हैं। इनकी उत्सुकता और अनोखी सोच उन्हें हर किसी से अलग बनाती है।

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ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार मंगल के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभावः

मेष राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के तृृतीय भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के लग्न और अष्टम भाव के स्वामी हैं। मंगल का होने वाला गोचर, आपके लिए सकारात्मक रहेगा। आपके भाई-बहनों और चचेरे रिश्तेदारों से बेहतर संबंधों का संकेत है। छोटी-छोटी यात्रा योजनाएं बन सकती हैं, जो आनंददायक होंगी। यह समय मस्ती करने और अपनी इच्छाओं का पालन करने के लिए उपयुक्त है।
उपायः हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं।

वृषभ राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के द्वादश और सप्तम भाव के स्वामी हैं। मंगल का होने वाला गोचर, आपके पारिवारिक जीवन को प्रभावित करेगा। चूंकि मंगल और शुक्र के बीच शत्रुतापूर्ण संबंध होते हैं, इसलिए इस गोचर के दौरान पारिवारिक विवाद या गलतफहमियां हो सकती हैं। इस समय आपको अपनी भावनाओं को संयमित रखना होगा।
उपायः मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनें और सिंदूर का तिलक लगाएं।

मिथुन राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के एकादश और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। मंगल का होने वाला गोचर, आपके लिए उतना अच्छा नहीं होगा। मंगल और बुध के बीच शत्रुता होती है, जिससे आपका ध्यान अपनी सेहत और व्यक्तिगत मामलों पर केंद्रित रखना महत्वपूर्ण होगा।
उपायः मंगलवार के दिन उपवास रखें।

कर्क राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के दशम और पंचम भाव के स्वामी हैं। मंगल के होने वाले गोचर के समय अपने आंतरिक संसार में प्रवेश करने का है। यह गोचर विदेश यात्रा के अवसर ला सकता है, खासकर जो लोग वीजा के इंतजार में हैं, उनके लिए अच्छे समाचार हो सकते हैं। ध्यान, योग या रचनात्मक कार्य जैसे लेखन और कला में आपको गहरी संतुष्टि मिलेगी। यह समय अपने भीतर शांति खोजने और आत्म-विश्लेषण करने का है।
उपायः हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।

सिंह राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के नवम और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल का गोचर आपकी सामाजिक स्थिति और नेटवर्किंग को मजबूत करेगा। इस दौरान आपको कई नए अवसर प्राप्त होंगे और आपको समाज में मान-सम्मान मिलेगा। आपके मित्र और सहकर्मी आपको सहयोग करेंगे, जिससे आपके लक्ष्य प्राप्ति में मदद मिलेगी। यह समय नेटवर्किंग और सामूहिक प्रयासों से सफलता प्राप्त करने का है।
उपायः तांबा, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल या मसूर की दाल का दान करें।
कन्या राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के अष्टम और तृृतीय भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल का गोचर आपके पेशेवर जीवन और करियर को प्रभावित करेगा। मंगल और बुध के शत्रुता के कारण, कार्यस्थल पर कुछ तनाव उत्पन्न हो सकता है। यह समय कठिन मेहनत करने और अपने कार्यों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने का है। अगर आप सही दिशा में मेहनत करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे, लेकिन आपके प्रयासों में निरंतरता बनाए रखना आवश्यक होगा।
उपायः मंगल के बीज मंत्र ¬ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का जाप करें।

तुला राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के सप्तम और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल का गोचर शिक्षा, यात्रा और भाग्य को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपके जीवन में कुछ नए और सकारात्मक अवसर आ सकते हैं, लेकिन इनका लाभ उठाने के लिए आपको अपनी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होगी। उच्च शिक्षा में सफलता के लिए यह समय अच्छा है। इस समय आपको यात्रा करने का भी अवसर मिल सकता है। यह समय अपनी सोच को विस्तारित करने और नए अनुभव प्राप्त करने का है।
उपायः मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।

वृश्चिक राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम और लग्न भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल के गोचर के समय गहरे परिवर्तन और रहस्यमय ज्ञान की ओर आपका रुझान बढ़ेगा। आप नई चीजों से जुड़ने की कोशिश करेंगे और कुछ नई प्रथाओं को अपनाएंगे। इस समय कई अप्रत्याशित घटनाएं हो सकती हैं, जो आपके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएंगी। यह समय गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहने और अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानने का है।
उपायः नीम का पेड़ लगाएं और 43 दिनों तक कम से कम पेड़ की देखरेख करें।

धनु राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के पंचम और द्वादश भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल के गोचर, रिश्तों और साझेदारियों को लेकर सतर्क रहने का है। इस दौरान आपके वैवाहिक जीवन और व्यवसायिक सहयोगों में कुछ असहमति हो सकती है। यह समय अपने साथी के साथ संवाद बनाए रखने और किसी भी विवाद से बचने का है। इस समय आपसी समझदारी और तालमेल से रिश्तों में स्थिरता बनाए रख सकते हैं।
उपायः हनुमानजी को हर रोज आम का भोग लगाएं और आम का सेवन करें।

मकर राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल का गोचर, आपके स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर असर डालेगा। आपको इस समय अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा, क्योंकि शारीरिक थकावट और मानसिक तनाव हो सकता है। यह समय शत्रुओं से बचने और उन्हें पराजित करने का है, लेकिन आपको सावधान रहकर ही किसी भी स्थिति का सामना करना होगा। यह समय आपकी संघर्ष क्षमता को परखने का है।
उपायः हनुमान जी की पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें।
कुंभ राशि

मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के तृृतीय और दशम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल के गोचर, आपके बच्चों, रचनात्मकता और प्रेम जीवन को प्रभावित करेगा। यह समय बच्चों के साथ अच्छा समय बिताने और अपनी रचनात्मकता को निखारने का है। आप किसी नई कला या शौक में भाग ले सकते हैं, जो आपको मानसिक संतुष्टि देगा। प्रेम संबंधों में भी यह समय सकारात्मक रहेगा, लेकिन किसी भी स्थिति में संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा।
उपायः वटवृक्ष की जड़ में मीठा दूध चढ़ाएं।

मीन राशि
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय और नवम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि में मंगल के गोचर का समय घर और परिवार से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने का है। आप घर में कोई नया बदलाव ला सकते हैं, जैसे नया वाहन खरीदना या संपत्ति की लेन-देन करना। पारिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए आपको परिवार के साथ ज्यादा समय बिताने की आवश्यकता होगी। यह समय आपके घर को शांति और खुशहाली से भरने का है।
उपायः पक्षियों को दाना डालें।

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