Chaitra Amavasya, चैत्र अमावस्या 08 अप्रैल 2024

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का अत्यधिक महत्व माना जाता है। प्रत्येक माह में एक बार अमावस्या तिथि अवश्य पड़ती है। आपको बता दें अमावस्या की यह तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित होता है। अन्य अमावस्या की तरह चैत्र अमावस्या में भी हमारे पूर्वजों के पूजन का विधान होता है। यह अमावस्या सुबह से शुरू होकर प्रतिपदा के दिन चन्द्रदेव के दर्शन तक रहता है। चैत्र अमावस्या के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही पितरों का तर्पण भी किया जाता है।

चैत्र अमावस्या तिथि का महत्व

हिन्दू धर्म में सभी अमावस्या तिथि की तरह चैत्र अमावस्या का भी अत्यधिक महत्व होता है। अमावस्या तिथि के दिन नदियों में स्नानादि करने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा पितरों की शांति के लिए भी इस दिन तर्पण किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र अमावस्या के दिन सभी महिलाओं के द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत भी रखा जाता है। इस अमावस्या तिथि के दिन व्रत रखने से न केवल जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि व्रत रखने वाले महिलाओं को अनमोल फलों की भी प्राप्ति होती है। पितरों से सम्बन्धित कार्य करने से इस दिन पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इसके अलावा दान-दक्षिणा करने से उससे मिलने वाले फल अत्यधिक बढ़ जाते हैं।

चैत्र अमावस्या तिथि की पूजा विधि

☸ चैत्र अमावस्या तिथि के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें यदि नदी में स्नान नही कर सकते तो अपने स्नान के लिए रखे हुए पानी में गंगाजल अवश्य मिलाकर स्नान करना चाहिए।

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☸ स्नानादि करके स्वच्छ हो जाने के बाद घर में स्थित पूजा स्थल के समक्ष मंदिर में दीप अवश्य जलाना चाहिए।

☸ उसके बाद पूजा कर लेने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

☸ यदि संभव हो तो चैत्र अमावस्या के दिन उपवास अवश्य रखें इसके अलावा पितरों से सम्बन्धित कार्य अवश्य करें।

☸ इस दिन की पूजा के दौरान भगवान का ध्यान करके शिव जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

☸ चैत्र अमावस्या के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है।

☸ पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं उसके बाद शनिदेव को नीले पुष्प, काले तिल और सरसों का तेल अवश्य चढ़ायें।

चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त

कृष्ण अमावस्या प्रारम्भः- 08 अप्रैल 2024 मध्यरात्रि 03ः21 मिनट से,
कृष्ण अमावस्या समाप्तः- 08 अप्रैल 2024 रात्रि 11ः50 मिनट तक।