Gandmool Dosha in Horoscope: Causes Effects and 4 Remedies ( कुंडली में गंडमूल दोष: कारण, प्रभाव और निवारण के 4 उपाय)
गंडमूल दोष क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में गंडमूल दोष एक अशुभ योग माना जाता है, जो जातक की कुंडली में गंडमूल नक्षत्र के प्रभाव के कारण बनता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में विषम परिस्थितियाँ, मानसिक तनाव, आर्थिक समस्याएँ और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियाँ लेकर आता है। गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक को विवाहित जीवन में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष अनुसार इस दोष को दूर करने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बालक का स्वभाव
Gandmool Dosha in Horoscope: Causes Effects and 4 Remedies- Nature of a child born in Gandmool Nakshatra
Gandmool Dosha in Horoscope: Causes Effects and 4 Remedies-
गंडमूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बालक अक्सर विवेकी और उदार होते हैं। वे दूसरों की मदद करने में खुशी महसूस करते हैं और समाज में सकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास करते हैं। यह बच्चे सोचविचार में गहरे होते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही खोजने में सक्षम होते हैं। वे विभिन्न विषयों में रूचि रखते हैं और शिक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं।
Gandmool Dosha in Horoscope: Causes Effects and 4 Remedies
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Gandmool Dosha in Horoscope: Causes Effects and 4 Remedies
गंडमूल दोष कैसे बनता है?
गंडमूल दोष तब बनता है जब जातक की कुंडली में विशेष ग्रहों और नक्षत्रों के संयोजन से अशुभ प्रभाव उत्पन्न होता है। विशेष रूप से शनि ग्रह के दोषग्रस्त स्थिति में होने पर यह दोष ज्यादा सक्रिय हो जाता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है जब शनि ग्रह दोषग्रस्त भाव या नक्षत्रों में स्थित होता है, जिसके कारण जातक के जीवन में विभिन्न कठिनाइयाँ आती हैं।
गंडमूल दोष के प्रभाव
इस दोष के प्रभाव से जातक के जीवन में कई समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे:
आर्थिक संकट: धनसंबंधी परेशानियाँ और बारबार वित्तीय अस्थिरता।
काम में असफलता: व्यवसाय में कठिनाइयाँ और अपेक्षित सम्मान न मिलना।
स्वास्थ्य समस्याएँ: शारीरिक कमजोरी और बीमारियों का सामना।
संबंधों में समस्याएँ: पारिवारिक और वैवाहिक जीवन में तनाव।
गंडमूल दोष निवारण पूजा के लाभ
इस दोष से मुक्ति पाने के लिए गंडमूल दोष निवारण पूजा की जाती है। यह पूजा विशेष रूप से शनि देव को समर्पित होती है। इस पूजा से जातक को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
जीवन में शांति और सुख।
धन, स्वास्थ्य और परिवार से जुड़ी समस्याओं से राहत।
शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और उनके क्रोध से बचाव।
दुष्ट ग्रहों और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति।
गंडमूल दोष से बचने के उपाय
गंडमूल दोष से बचने के लिए ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं, जैसे:
मंत्र जाप: शनि मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और नवग्रह मंत्र का जाप इस दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं।
दान: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए तिल, उड़द, अनाज और काले वस्त्र दान करें।
रत्न धारण: शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नीलम, गोमेद या लहसुनिया रत्न धारण करें।
व्रत और पूजा: शनि देव की पूजा और शनिवार का व्रत रखें।
गंडमूल दोष का जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है, लेकिन ज्योतिषीय उपाय और पूजा से इस दोष के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। शनि देव की कृपा और नियमित पूजा से जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त की जा सकती है।
यह ब्लॉग कुंडली विशेषज्ञ और प्रसिद्ध ज्योतिषी के.एम. सिन्हा के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है, जो इस दोष से निपटने के उपाय और इसके प्रभावों पर गहन विचार रखते हैं।
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