हिन्दू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा गया है। उनकी पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है फलतः उपासकों को सभी परेशानियों से राहत मिलेगी और शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होगी। इस दिन को लोग अत्यधिक शुभ मानते हैं।
ऐसी मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करने से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। सभी संकटों से मुक्ति मिलती है तथा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
प्रत्येक माह में पड़ने वाली शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा करने से तथा व्रत करने से दुख, दरिद्रता और दोष से मुक्ति मिलती है तथा सुख शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत के पुण्य फलों से अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है तथा विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
धार्मिक ग्रंथों में मासिक शिवरात्रि के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा व्रत करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं तथा सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। शास्त्रों की माने तो शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने की मान्यता है, भगवान को मासिक शिवरात्रि का दिन अत्यन्त प्रिय होने के कारण भी इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
मासिक शिवरात्रि पूजन विधि
☸ सर्वप्रथम स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प करें।
☸ उसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय भगवान और नंदी की पूजा करें।
☸ इस दिन शिव जी का जलाभिषेक करें जिससे विशेष लाभ की प्राप्ति होगी।
☸ अभिषेक के बाद शिव जी को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं तथा शिव मंत्रों का जाप करें।
☸ शिवरात्रि की रात में उपासकों को पूरी रात जागकर भगवान शिव की पूजा करें।
☸ शिव जी पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएँ और अगरबत्ती, दीपक फूल और फल के माध्यम से उनकी पूजा करें।
☸ शिव चालीसा, शिव अष्टक, शिव पुराण, शिव स्त्रोत का श्लोक पढ़ें।।
☸ उसके बाद शाम को फल खा सकते हैं लेकिन व्रत रखने वालों को इसका सेवन नही करना चाहिए।
☸ मासिक शिवरात्रि का व्रत महिला एवं पुरुष दोनों कर सकते हैं।
शिवरात्रि से जुड़े कुछ उपाय
☸ यदि संतान सम्बन्धित कोई परेशानी है तो शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं और उनका जलाभिषेक करें।
☸ यदि विवाह में कोई परेशानी आ रही है तो शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाते समय ओम नमः शिवाय का जाप करें।
मासिक शिवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त
प्रारम्भ तिथि- 12 अक्टूबर 2023 को रात्रि 07ः53 से
समापन तिथि- 13 अक्टूबर 2023 को रात्रि 09ः50 तक