सावन के महीने में नाग पंचमी का पर्व बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर आता है। इस दिन नाग देवता की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि नाग देवता की उपासना से साधक के सभी कष्ट दूर होते हैं। आइए इस लेख में जानते हैं नाग पंचमी की पूजा विधि, महत्वपूर्ण नियम और शुभ मुहूर्त के बारे में।
नाग पंचमी पूजा विधि और नियम
नाग पंचमी के दिन पूजा का विशेष महत्व होता है और इसे विधि-विधान से करना आवश्यक है। इस दिन पूजा करने से नाग देवता का आशीर्वाद मिलता है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं नाग पंचमी की पूजा विधि और नियम:
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद ही पूजा प्रारंभ करें। यह शुभता और पवित्रता के लिए आवश्यक है।
चांदी के नाग–नागिन का अभिषेक
मंदिर में चांदी के नाग और नागिन का दूध से अभिषेक करें और जीवन में सुख-शांति की कामना करें। ऐसा करने से राहु और केतु से संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है।
दान का महत्व
चांदी के नाग और नागिन का दान करने से कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इससे साधक को नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में समृद्धि आती है।
दूध अर्पण करें
नाग देवता को दूध अर्पित करने से भय दूर होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। ध्यान रखें कि दूध चढ़ाने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग न करें। पीतल का पात्र सबसे उत्तम माना जाता है।
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नुकीली चीजों से बचें
इस दिन नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे नाग देवता क्रोधित हो सकते हैं। पूजा के समय इन बातों का ध्यान रखने से साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
इन नियमों का पालन करके नाग पंचमी की पूजा करने से नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
नाग पंचमी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त By Genuine Astrologer in Delhi, Astrologer KM Sinha
उदया तिथि के आधार पर नाग पंचमी का पर्व 09 अगस्त को मनाया जाएगा।
तिथि का प्रारंभ: पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 08 अगस्त को रात्रि 12 बजकर 36 मिनट पर होगी।
तिथि का समापन: 9 अगस्त को देर रात्रि 03 बजकर 14 मिनट पर होगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
प्रातः 06 बजकर 01 मिनट से 08 बजकर 37 मिनट तक का समय पूजा के लिए अत्यंत शुभ है। इस दौरान स्नान-ध्यान कर महादेव संग नाग देवता की पूजा करें।
विशेष योग और मुहूर्त
शिववास योग:
नाग पंचमी पर दुर्लभ शिववास योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। इस योग में शिव परिवार संग नाग देवता की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
सिद्ध योग:
नाग पंचमी पर सिद्ध योग का संयोग बन रहा है, जो दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके बाद साध्य योग बनेगा। सिद्ध और साध्य योग में भगवान शिव की पूजा से साधक को हर कार्य में सफलता मिलती है।
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करण:
इस दिन बव और बालव करण का योग बनेगा। पंचमी तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग भी होगा। ये सभी शुभ योग हैं और इन योगों में शिव और नाग देवता की पूजा से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
नाग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सही विधि और नियमों का पालन कर पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस साल 09 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाएं और नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त करें।