Pitru Paksha 2024: पितरों की नाराजगी पर जीवन में घटने वाली 5 बड़ी घटनाएं
पितृ पक्ष 2024 की शुरुआत आज यानि 17 सितंबर से हो गई है, जो हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण समय होता है। इस अवधि को विशेष रूप से अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए मनाया जाता है। आइए जानें कि इस पितृ पक्ष के दौरान क्या संकेत बताते हैं कि पितर नाराज हैं और किस प्रकार के दान से इन बाधाओं से बचा जा सकता है।
पितृ पक्ष के महत्व:
ज्योतिषाचार्य के.एम. सिन्हा जी बताते हैं कि पितृ पक्ष का समय विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों के पिंडदान और तर्पण का आयोजन करते हैं ताकि पितरों की आत्मा को शांति मिले और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। यह समय पितृ दोष को कम करने और अपने पूर्वजों की आत्मा को शांति प्रदान करने का होता है।
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पितरों की नाराजगी के संकेत:
- विवाह में देरी और संतान न होना: अगर विवाह में बार-बार विघ्न आ रहे हैं या संतान सुख नहीं मिल रहा है, तो यह पितरों की नाराजगी का संकेत हो सकता है।
- खाने में बाल का निकलना: भोजन में बाल का निकलना एक अशुभ संकेत माना जाता है, जो पितरों की नाराजगी को दर्शाता है।
- सपनों में पितरों को दुखी देखना: यदि आप अपने सपनों में अपने पितरों को दुखी या परेशान देखते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि उन्हें शांति की आवश्यकता है।
- बेवजह की चिंता और डर का बने रहना: अगर आप बिना किसी स्पष्ट कारण के चिंतित या डर के शिकार हैं, तो यह भी पितरों की नाराजगी का संकेत हो सकता है।
- मांगलिक कार्यों में विघ्न: मांगलिक या शुभ कार्यों में लगातार विघ्न आना भी पितरों की नाराजगी का संकेत हो सकता है।
पितृ पक्ष के दौरान क्या दान करें:What to donate during Pitru Paksha
पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से लाभ होता है और पितृ दोष से राहत मिलती है। निम्नलिखित वस्तुओं का दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है:
चांदी की वस्तुएं: चांदी की वस्तुओं का दान करने से पितृ दोष में कमी आती है।
गुड़: गुड़ का दान पितरों के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
काले तिल: काले तिल का दान भी पितृ पक्ष में विशेष महत्व रखता है।
अन्न और नमक: अन्न और नमक का दान कर के भी पितरों को तृप्त किया जाता है।
जूते और चप्पल: जूते और चप्पल का दान पितरों के प्रति सम्मान प्रकट करने का एक तरीका है।
सर्वपितृ अमावस्या:
अगर आप अपने पितरों की मृत्यु की तिथि नहीं जानते हैं, तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करना विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है। इस दिन पितरों को भोजन अर्पित करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।
पितृ पक्ष के इस महत्वपूर्ण समय का सही तरीके से पालन करके आप अपने पूर्वजों को शांति प्रदान कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप अपने राशिफल की विस्तृत जानकारी या पितृ पक्ष के बारे में जानना चाहते हैं, तो कुंडली विशेषज्ञ के.एम. सिन्हा से परामर्श कर सकते हैं। उन्हें दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषियों में से एक माना जाता है और उनकी कुंडली विशेषज्ञता के लिए वे प्रसिद्ध हैं।