Somvati Amavasya 2024:भाद्रपद में सोमवती अमावस्या कब ?

सोमवती अमावस्या

हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने अमावस्या आती है, लेकिन जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। अमावस्या को पितरों, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए बहुत फलदायी माना गया है। इस शुभ तिथि पर पूजा, जप, तप और दान करने का विधान है। इस दिन भगवान शिव की भी पूजा का विधान है।

सोमवती अमावस्या का महत्व

जब अमावस्या सोमवार को पड़ती है, तो इसका महत्व बढ़ जाता है। महिलाएं इस दिन विशेष उपवास अनुष्ठान करती हैं। लोग यह भी मानते हैं कि इस दिन व्रत करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। अमावस्या सदैव अशुभ नहीं होती है, यह कर्म से जुड़ी होती है, जो हमारे कार्यों के परिणामों का प्रतिबिम्ब होता है। इस दिन को लोग कार्यों के बारे में सोचने, अपने अतीत के किसी भी कर्ज को चुकाने और नई शुरुआत करने के लिए उपयोग करते हैं। वे आशीर्वाद और धन की आशा में देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अमावस्या के दिन उपवास करना किसी भी इच्छा को पूरा करने का एक साधन माना जाता है। भारत और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लोग अमावस्या पर व्रत रखते हैं, देवी-देवताओं से आशीर्वाद मांगते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की उम्मीद करते हैं। यह एक ऐसा समय है जब व्यक्ति अपना ध्यान आध्यात्मिक दुनिया की ओर केंद्रित करते हैं, आध्यात्मिक प्रथाओं में संलग्न होते हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की उम्मीद करते हैं।

सोमवती अमावस्या व्रत कथा की महिमा

एक बार की बात है, एक साहूकार था जिसकी एक बेटी और सात बेटे थे। उनके सभी बेटों का विवाह हो चुका था, परंतु उनकी बेटी अविवाहित रह गई थी। इसके कारण साहूकार और उसकी पत्नी बहुत परेशान थें। एक दिन, एक साधु उनके घर आया और उनसे भिक्षा मांगने के बाद उन्हें आशीर्वाद दिया। साधु ने सभी बेटों के लिए समृद्ध जीवन की कामना की, लेकिन उसकी बेटी को छोड़ दिया। इससे साहूकार की पत्नी में और अधिक संदेह उत्पन्न हुआ। वे अपने परिवार के पंडित से सलाह लेने गईं, उन्होने उनकी बेटी की कुंडली पढ़कर बताया कि उसका विवाह होने पर उसका जीवन विधवा के रूप में बीतेगा। पंडित ने कहा कि अगर उसकी बेटी द्वीप पर रहने वाली एक विशेष धोबिन से सिन्दूर लेकर सोमवती अमावस्या का व्रत करे, तो इससे उसका भाग्य बदल सकता है। साहूकार की बेटी अपने एक भाई के साथ समुद्र पार करने के तरीकों की तलाश में समुद्र तट की ओर चल पड़ी। उसने एक गिद्ध का घोंसला देखा, जहां पर कुछ गिद्ध रह रहे थंे। एक सांप एक पेड़ पर चढ़ा और मादा गिद्ध द्वारा दिए गए सभी अंडों को खा गया, जबकि अन्य गिद्ध भोजन की तलाश में थें। इस सांप के नियमित व्यवहार से गिद्ध का परिवार तबाह हो गया था। उसके बाद लड़की ने खतरे को देखा और सांप को मार डाला और गिद्धों को उस परेशानी से मुक्त कर दिया। इससे गिद्ध बहुत खुश हुए और समुद्र पार करने और द्वीप पर पहुंचने में उनकी सहायता की। जब साहूकार की बेटी आई, तो उसने छिपकर धोबिन की सेवा की, जिससे धोबिन बहुत प्रसन्न हुई। एक बार जब धोबिन को उसके अच्छे काम के बारे में पता चला तो उसने उसे आशीर्वाद दिया। अपने हाथों से सिन्दूर देकर उसकी खुशहाली की कामना की और भविष्य में उसके सुखमय और समृद्ध विवाह का आश्वासन दिया। इसके बाद साहूकार की बेटी ने सोमवती अमावस्या का व्रत किया और विवाह करके सुखी जीवन व्यतीत किया।


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सोमवती अमावस्या के दिन क्या न करें

शास्त्रों में सोमवती अमावस्या के दिन कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही है। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर वर्जित कार्य करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन किन कार्यों से बचना चाहिए।
1. इस दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. घर में किसी भी तरह का वाद-विवाद नहीं होना चाहिए और किसी व्यक्ति के प्रति गलत विचार नहीं लाएं।
3. बातचीत में अभद्र भाषा का प्रयोग न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
4. शादी या सगाई जैसे शुभ कार्य इस दिन न करें।
5. पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों का सम्मान करें और उनका अनादार न करें।

सोमवती अमावस्या के दिन किन-किन कामों को किया जा सकता है?

सोमवती अमावस्या के दिन व्यक्ति धार्मिक पूजा या ध्यान में समर्पित हो सकते हैं और पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों का सम्मान कर सकते हैं। वे इस दिन को ध्यान और मनन के लिए उपयुक्त मान सकते हैं।

सोमवती अमावस्या के उपाय

धन लाभ के उपाय

✨ अमावस्या की रात को 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये बहती नदी के पानी में छोड़ दें। इससे धन का लाभ हो सकता है।
✨ शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक में रूई की जगह लाल रंग के धागे का उपयोग करें और थोड़ी-सी केसर डालें। इससे धन का लाभ हो सकता है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्या के उपाय

✨ सोमवती अमावस्या को खीर बनाकर शिवजी को अर्पित करें।
✨ खीर का कुछ हिस्सा पितरों के नाम से निकालें और उन्हें निर्धनों में बांटें।
✨ पितरों की खीर किसी पशु को भोजन में दे।
✨ सफेद चंदन की लकड़ी को नीले धागे में बांधकर पहनें।
सोमवती अमावस्या की पूजा विधि
✨ सोमवती अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत भगवान शिव के ध्यान से करें।
✨ उसके बाद, गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
✨ यदि संभव हो, तो इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें।
✨ इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
✨ अब भगवान शिव और मां पार्वती के लिए दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजा करें।
✨ उसके बाद प्रभु की आरती करें और विशेष मंत्रों का जाप करें।
✨ इस अवसर पर पिंड दान भी करें।

✨ इसके बाद, भगवान शिव को भोग लगाएं और अंत में लोगों में प्रसाद वितरित करें, और खुद भी इसे ग्रहण करें।
✨ इस पूजा विधि के दौरान सुख, शांति, समृद्धि और सौभाग्य की कामना करें।

सोमवती अमावस्या शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि आरम्भ- 02 सितम्बर 2024 को प्रातः 05ः 20से,
अमावस्या तिथि समाप्त-03 सितम्बर 2024 को प्रातः 07ः 25 तक।

 

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