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ज्योतिष में नवग्रह, राशियाँ और भाव: एक संक्षिप्त मार्गदर्शिका

ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है जो व्यक्ति के जीवन, व्यक्तित्व और भविष्य को समझने के लिए विभिन्न ग्रहों, राशियों और भावों का उपयोग करती है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि ये तत्व कैसे काम करते हैं और कैसे वे एक साथ मिलकर हमारी कुंडली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  1. नवग्रह (Nine Planets)

ज्योतिष में कुल नौ ग्रह हैं, जो प्रत्येक के विशेष लक्षण और प्रभाव के साथ आते हैं। ये ग्रह आपकी कुंडली के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं।

सूर्य (Sun): आत्म, आत्मविश्वास, पिता, जीवन शक्ति, रचनात्मकता और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

चंद्रमा (Moon): भावनाएँ, मन, माता, पोषण और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

मंगल (Mars): वीरता, साहस और आक्रामकता को व्यक्त करता है।

बुध (Mercury): बुद्धिमत्ता, विश्लेषणात्मक कौशल, संचार और अभिव्यक्ति का सूचक है।

बृहस्पति (Jupiter): विस्तार, आशावाद, ज्ञान और भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है।

शुक्र (Venus): प्रेम, सद्भाव, विलासिता और रचनात्मकता को दर्शाता है।

शनि (Saturn): जिम्मेदारी, स्थिरता और कड़ी मेहनत का संकेत है।

राहु (Rahu): विस्फोटकता, जुनून और भौतिकवादी लाभ को प्रभावित करता है।

केतु (Ketu): अंतर्ज्ञान, कल्पना और परिवर्तन को दर्शाता है।

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  1. राशियाँ (Zodiac Signs)

हर राशि एक ग्रह द्वारा शासित होती है और ग्रहों की विशेषताओं को उस राशि में लाती है। यहाँ 12 राशियाँ और उनके शासक ग्रह हैं:

मेष (Aries)- मंगल

वृष (Taurus)- शुक्र

मिथुन (Gemini)- बुध

कर्क (Cancer)- चंद्रमा

सिंह (Leo)- सूर्य

कन्या (Virgo)- बुध

तुला (Libra)- शुक्र

वृश्चिक (Scorpio)- मंगल

धनु (Sagittarius)- बृहस्पति

मकर (Capricorn)- शनि

कुंभ (Aquarius)- शनि

मीन (Pisces)- बृहस्पति

  1. भाव (Houses)

कुंडली में कुल 12 भाव होते हैं, जिनका प्रत्येक का एक विशेष अर्थ और प्रभाव होता है:

  1. पहला भाव (Self): आत्मा, स्वास्थ्य और व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है।
  2. दूसरा भाव (Wealth and Family): धन, परिवार और बोलचाल का सूचक है।
  3. तीसरा भाव (Siblings and Courage): भाई-बहन और साहस का प्रतिनिधित्व करता है।
  4. चौथा भाव (Home and Happiness): माता, घर और सुख का प्रतिनिधित्व करता है।
  5. पंचम भाव (Children and Knowledge): संतान, शिक्षा और सृजनात्मकता का सूचक है।
  6. छठा भाव (Enemies and Health): शत्रु, ऋण और बीमारियाँ का प्रतिनिधित्व करता है।
  7. सप्तम भाव (Marriage and Partnerships): विवाह, साझेदारी और संबंधों का सूचक है।
  8. आठवां भाव (Longevity and Transformation): आयु, परिवर्तन और गुप्त बात का प्रतिनिधित्व करता है।
  9. नवम भाव (Fortune and Dharma): भाग्य, पिता और धार्मिकता का सूचक है।
  10. दशम भाव (Career and Reputation): करियर, पेशेवर सफलता और सार्वजनिक छवि का प्रतिनिधित्व करता है।
  11. ग्यारहवां भाव (Income and Gains): लाभ, मित्र और आकांक्षाओं का सूचक है।
  12. बारहवां भाव (Expenditure and Loss): व्यय, हानि और मानसिक शांति का प्रतिनिधित्व करता है।

ज्योतिष में ग्रह, राशियाँ और भाव मिलकर एक कुंडली का निर्माण करते हैं, जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करती है। ग्रह आपकी कुंडली में विभिन्न भावों में भ्रमण करते हैं और उनके प्रभाव से आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इस ज्ञान को समझकर आप अपनी कुंडली का गहराई से विश्लेषण कर सकते हैं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं।

आगे हम इन तत्वों के विश्लेषण और उनकी व्याख्या पर अधिक चर्चा करेंगे ताकि आप अपनी कुंडली को सही ढंग से समझ सकें और भविष्यवाणियाँ कर सकें।

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