मंगल का मिथुन राशि में गोचर- Mars transit into Gemini- By Astrologer KM SINHA

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल के गोचर की बात करें तो मंगल का गोचर 26 अगस्त 2024 को दोपहर 03ः25 मिनट पर होने वाला है। इस दौरान मंगल देव वृष राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल के होने वाले गोचर के दौरान आत्मविश्वास में वृद्वि होगी तथा जीवन में उच्च पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति करेंगे। अगस्त माह में मंगल का गोचर कुछ राशि वाले जातकों के लिए अच्छा रहेगा तो कुछ राशि वाले जातकांे के लिए थोड़ा परेशानी जनक हो सकता है, तो आइए ज्योतिषाचार्य के. एम. सिन्हा जी के अनुसार यह जानते हैं कि मंगल के गोचर का प्रभाव किस राशि के जातकों के लिए शुभ होगा तथा किसके लिए अशुभ साथ ही इसके महत्वों को भी विस्तार से जानते हैं।

 

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मंगल का मिथुन राशि में गोचर- Mars transit into Gemini- By Astrologer KM SINHA 1मंगल का मिथुन राशि में गोचर- Mars transit into Gemini- By Astrologer KM SINHA 2

ज्योतिष में मंगल का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल को ऊर्जा, भूमि, भाई, शक्ति, साहस तथा पराक्रम का कारक माना जाता है। ज्योतिष में मंगल को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। मंगल देव शनि की राशि यानि मकर में उच्च के तथा चंद्रमा द्वारा अधिष्ठित जल तत्व की राशि यानि कर्क में अपनी नीच अवस्था में आ जाते हैं। किसी जातक की कुण्डली में मंगल देव कुण्डली के तीसरे, छठे तथा ग्यारहवें भाव में सबसे ज्यादा शुभ माने जाते हैं, परन्तु कुण्डली के प्रथम, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भाव में होने पर हमेशा अशुभ फल की प्राप्ति कराते हैं। ज्योतिष में स्थित 27 नक्षत्रों में से मंगलदेव मृगशिरा, चित्रा तथा धनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी ग्रह होते हैं। ऐसे में यदि किसी जातक की कुण्डली में मंगल अपनी शुभ अवस्था में उपस्थित हो तो जातक स्वभाव से निडर, साहसी तथा किसी भी परिस्थिति में विजय प्राप्त करने वाला होगा परन्तु अपनी अशुभ अवस्था में मंगल देव जातक को अत्यधिक कठिनाइयाँ देने वाले होते हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता हैं।

ज्योतिष में मिथुन राशि का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के महत्व के बारे में बात करें तो मिथुन राशि पूरे 12 राशि चक्रों में से तीसरी राशि मानी जाती है। मिथुन राशि एक वायु तत्व की राशि है जिसका प्रतीक चिन्ह जुड़वा बच्चे के रूप में दर्शाया गया है। इस राशि का विस्तार तारामंडल में 61 डिग्री से लेकर 90 डिग्री के अन्तर्गत है। मिथुन राशि को पश्चिम दिशा का स्वामी भी कहा जाता है। इस राशि का स्वामी बुध तथा वर्ण हरा होता है। मिथुन राशि के अन्तर्गत मृगशिरा, आर्द्रा तथा पुनर्वसु नक्षत्र आते हैं। यह राशि एक पुरूष राशि होती है तथा इस राशि के देवता माँ दुर्गा और गणेश जी होते हैं। इस राशि के जातक हंसमुख प्रकृति के, स्वतंत्र विचारों वाले तथा बुद्धिजीवी होते हैं। यह जातक राजनैतिक रूप से चतुर, दयावान तथा धार्मिक प्रकृति के भी होते हैं। ईमानदारी और सभ्यता इन्हें अति प्रिय होता है। इस राशि के जातक अपने कार्य के प्रति बहुत ज्यादा सजग होते हैं। व्यापार के दृष्टिकोण से यह जातक काफी ज्यादा बुद्धिमान होेते हैं, इसके अलावा मिथुन राशि के जातक अपने जीवन में हमेशा कुछ नया करने का प्रयास करते हैं।

मंगल के गोचर का प्रत्येक राशियों पर प्रभाव

 

मेष राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
26 अगस्त 2024 को मंगल का गोचर तृतीय भाव में होने वाला है। मंगल देव आपकी कुण्डली के लग्न तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अत्यधिक आत्मविश्वासी होंगे। यह गोचर आपके लिए बहुत ही लाभदायक रहने वाला है। इस समय आप अपने विचारों को बहुत ही प्रभावी ढंग से दूसरों के सामने व्यक्त करने में सक्षम होंगे। इस गोचर के दौरान आपके सामने कोई न कोई नयी चुनौतियाँ खडी़ हो सकती हैं, परन्तु आप उन चुनौतियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। इस समय आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए पूर्ण रूप से ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता हो सकती है जिसके लिए आप तैयार रहेंगे। मंगल का यह गोचर आपके द्वारा किये गये परिश्रम का पूर्ण लाभ देने वाला है। ऐसे में आप अपने परिश्रम को निरंतर जारी रखें। इस समय आपकी रूचि धर्म तथा आध्यात्मिक क्षेत्रों में बढे़गी, इसके अलावा आप अपने ऊर्जा तथा पराक्रम के बल पर किसी भी परिस्थिति में विजय प्राप्त कर सकते हैं।
उपाय– घर से बाहर जाते समय गुड़ का सेवन अवश्य करें।

वृष राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के द्वितीय भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के सप्तम तथा द्वादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान करियर तथा आर्थिक क्षेत्रों में पूर्ण लाभ प्राप्त होंगे। इस समय आप अपने लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए पूरी तरह से समर्पित रहेेंगे तथा लक्ष्य प्राप्त करने की पूरी कोशिश करेंगे। इस गोचर के दौरान आपके जीवन में बहुत सारी चुनौतियाँ आयेंगी जिससे निपटने के लिए आप पूरी तरह से सक्षम होंगे। इस समय आपके अंदर ऊर्जा का एक नया विस्तार होगा। करियर तथा आर्थिक क्षेत्रों में आपको पूर्ण लाभ की प्राप्ति होगी। मंगल के गोचर के दौरान आप अपने द्वारा कीये जाने वाले हर कोशिश में कामयाब होंगेे।
उपाय– हनुमान मंदिर जाकर नित्य हनुमान जी की पूजा करें।

मिथुन राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के लग्न भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के षष्ठम तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप एकदम स्वस्थ और तन्दुरूस्त रहेंगे साथ ही आपके अन्दर एक गजब का आत्मविश्वास भरा रहेगा। इस समय आप अपने सभी कामों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा अपने जीवन में आने वाली मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को भी आसानी से पार कर लेंगे। करियर में विस्तार देने के लिए मंगल का गोचर अति उत्तम है। इस समय आपको अपने करियर क्षेत्र में विस्तार देने के लिए कई सुनहरे अवसर प्राप्त हो सकते हैं। पारिवारिक कलह के कारण आपको मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है, इसके अलावा स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। मंगल के गोचर के दौरान आप इस समय व्यर्थ के वाद-विवादों से दूर रहने का प्रयास करें।
उपाय- मंगलवार के दिन हनुमान जी को लाल रंग के लड्डू अर्पित करें।

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कर्क राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के द्वादश भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के पंचम तथा दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आप अपने रिश्ते में कुछ कड़वाहट ला सकते हैं। इस समय आपके मन में भावनात्मक उथल-पुथल हो सकती है जिसे पूरी तरह से कम करना आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। इस गोचर के दौरान आपके जीवन में अत्यधिक भागदौड़ हो सकती है। विदेश में रहने वाले जातकों को इस गोचर के दौरान अपने मित्र-रिश्तेदारों से मिलने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कोई नयी संपत्ति खरीदने के लिए मंगल का गोचर अनुकूल रहेगा। कोर्ट-कचहरी के मामले में फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। इस गोचर के दौरान आने वाली बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी पूरी तरह से शांत रहने की आवश्यकता है।
उपाय– हनुमान मंदिर जाकर ऊँ हनुमते नमः का जाप करें।

सिंह राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के एकादश भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपने जीवन में नईं-र्नइं उपलब्धियाँ हासील होंगी साथ ही आपको अपने करियर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कई सुनहरे अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस समय आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। मंगल के गोचर के दौरान आप अपने अक्रामक स्वभाव से बचने का प्रयास करें तथा जितना हो सके शांति बनाए रखें। इस समय उच्च अधिकारियों से आपके अच्छे संबंध स्थापित हेांगे। सामाजिक उत्तरदायित्वों में वृद्धि होगी, इसके अलावा किसी कारणवश तनाव की स्थिति बनी रहेगी। दाम्पत्य जीवन में संतान का सुख प्राप्त होगा।
उपाय– रोटी में गुड़ रखकर गौ माता को खिलाएं।

कन्या राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के दशम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा अष्टम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मंगल के गोचर का समय उत्तम है। विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी जातकों को विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। इस समय आपके निजी जीवन में कुछ परेशानियाँ आ सकती हैं परन्तु कुछ पुरानी समस्याओं का हल भी आप इस समय कर सकते हैं। इस समय आप कुछ रचनात्मक कार्यों में भी रूचि ले सकते हैं, इसके अलावा किसी नये क्षेत्र में अपने कार्य की शुरूआत करने के लिए मंगल का गोचर उत्तम है।
उपाय– मंगलवार के दिन बंदरों को चना और केला खिलाएं।

तुला राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के नवम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा सप्तम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको मिले-जुले परिणाम प्राप्त होंगे। इस समय किये जाने वाले कार्यों में कठिन परिश्रम के बाद आपको सफलता मिलेगी। मंगल के गोचर के दौरान आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी। इस समय विदेशी कंपनियों में आवेदन करने से पूर्ण रूप से सफलता मिलेगी, इसके अलावा जमीन, मकान तथा संपत्ति से जुडे़ मामलों में विशेष सफलता प्राप्त होगी। इस गोचर के दौरान आर्थिक क्षेत्र में लाभ प्राप्त करने के कई अवसर प्राप्त होंगे। किसी भी कार्य को करने के लिए आपका आत्मविश्वास बढ़ा-चढ़ा रहेगा। इस समय वाद-विवाद से दूर रहने का प्रयास करें।
उपाय– जितना संभव हो सके पवित्र स्थल की यात्रा करें।

वृश्चिक राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के अष्टम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के लग्न तथा षष्ठम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपका जीवन थोड़ा कष्टदायक हो सकता है। स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। पारिवारिक रिश्तों में सदैव नजदीकियाँ बनाये रखंे तथा उनके बीच अलगाव की स्थिति उत्पन्न न होने दें। इस गोचर के दौरान करियर क्षेत्र में आपको आगे बढ़ने के कई अवसर प्राप्त हो सकते हैं। व्यक्तिगत रिश्तों में उतार-चढ़ाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मंगल के गोचर के दौरान अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक मेहनत कर सकते हैं जिसमंे आपको भविष्य में सफलता मिलेगी।
उपाय-जरूरतमंदांे को रक्तदान अवश्य करें।

धनु राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के सप्तम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के द्वादश तथा पंचम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान अविवाहित जातकों के विवाह में थोड़ा विलम्ब हो सकता है। पारिवारिक रिश्तों में कुछ मनमुटाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस गोचर के दौरान करियर तथा कार्य-व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए आपको कई अवसर प्राप्त हो सकते हैं, इसके अलावा आपको एक से अधिक कार्यों में परिश्रम के बाद सफलता प्राप्त हो सकती है। इस गोचर के दौरान आप अपने शौक को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस समय आप जरूरत से ज्यादा सकारात्मक होंगे। ऐसे में किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें।
उपाय– मंगलवार के दिन गरीबों में मिठाई दान करें।

मकर राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के षष्ठम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के चतुर्थ तथा एकादश भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको पूर्ण रूप से सफलता मिलेगी। कोई बड़ा कार्य करने के लिए मंगल का गोचर अनुकूल है। इस समय कोर्ट-कचहरी से संबंधित मामलों में आपको विशेष सफलता मिलेगी। कार्य-व्यवसाय के लिए की गयी यात्रा से आपको लाभ मिलेगा साथ ही विदेशी कंपनियों में कार्य करने के लिए किये गये प्रयास भी सफल होंगे। इस गोचर के दौरान मित्र-रिश्तेदारों से शुभ समाचार मिल सकते हैं परन्तु अपको मानसिक चिंताएं लगी रहंेगी। इस समय पारिवारिक रिश्तों में भी खटास उत्पन्न होता हुआ दिखाई देगा। ऐसे में आप अपने पारिवारिक रिश्ते को संभालने का प्रयास करें। कुछ परिस्थिति में आप भावुक भी हो सकते हैं। ऐसे में शांत रहें तथा अपने जीवन के प्रति एक सकारात्मक सोच बनाये रखें।
उपाय– गायत्री मंत्र का जाप करके हनुमान जी की पूजा करें।

कुंभ राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के पंचम भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के तृतीय तथा दशम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको अप्रत्याशित परिणाम मिल सकते हैं। विद्यार्थी जातकों को इस समय परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अत्यधिक प्रयास करना पड़ सकता है। इस गोचर के दौरान आपके आय में वृद्धि होगी साथ ही कार्यस्थल पर आपको उच्च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। इस समय परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्य तथा भाइयों से किसी कारणवश अलगाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दाम्पत्य जीवन में संतान का सुख प्राप्त होने की संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको मंगल के गोचर के दौरान कोई बड़ी जिम्मेदारी या प्रमोशन मिल सकता है। साथ ही आपके कार्य करने की शैली को देखकर लोग आपसे अत्यधिक प्रभावित हो सकते है। मंगल के गोचर के दौरान आप अपने जीवन के किसी भी महत्वपूर्ण फैसले को जल्दबाजी में न लें बल्कि शंातिपूर्ण तरीके से कोई भी निर्णय लंे अन्यथा आपको उसके विपरीत परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय– मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मीन राशि के जातकों पर मंगल के गोचर का प्रभावः-
मंगल का गोचर आपकी कुण्डली के चतुर्थ भाव में होने वाला है। मंगलदेव आपकी कुण्डली के द्वितीय तथा नवम भाव के स्वामी हैं। इस गोचर के दौरान आपको कई अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इस समय आपके नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। पारिवारिक जीवन में किसी कारणवश अशांति का सामना करना पड़ सकता है साथ ही आपको नीचा दिखाने की कोशिश भी की जा सकती है। संपत्ति के मामले में आपको अच्छे लाभ प्राप्त होंगे जिससे मन प्रसन्न रहेगा। इस गोचर के दौरान आपके व्यवसायिक जीवन में कुछ नया परिवर्तन आ सकता है। करियर के क्षेत्र में अशांति का सामना करना पड़ सकता है। इस समय आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक प्रयासरत हो सकते हैं परन्तु इस गोचर के दौरान आप अत्यधिक आदर्शवादी होने से बचें।
उपाय– मंगलवार के दिन गरीब बच्चों में बताशा बाँटंे।

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