Kundali Expert

ज्योतिषाचार्य के एम सिन्हा के अनुसार मेष से मीन राशि का सम्पूर्ण परिचय

मेष राशि

राशियों के चक्र में सबसे पहले मेष राशि आती है, इसी के कारण इस राशि के जातक नवजात शिशु की तरह कोमल ह्दय वाले होते है और इस राशि का चिन्ह ‘ मेढ़ा ’ होता है, जो इस राशि के जातक को निडर और साहसी बनाता है। मेष-राशि का स्वामी ‘ मंगल ’ होता है। जिसके वजह से इस राशि में जन्में जातक ऊर्जा से भरपूर होते है। ये लोग आवेगी और आत्मविश्वासी होते है।
2. शारीरिक बनावट
🔅मेष राशि के जातक मध्यम कद के होते है।
🔅 मेष राशि वाले लोगो की भौंहे हमेशा ऊपर चढ़ी रहती है।
🔅 इस राशि के जातकों के हाथों की बनावट कोन के आकार का होता है और इनकी उंगलियों की अपेक्षा हथेंली बड़ी होती है।
🔅 इस राशि के जातकों के सिर के किसी भाग पर चोट का निशान होता है और इनकें छाती या चेहरे पर तिल या मस्से का चिह्न भी रहता है।
🔅 इस राशि के जातकों का मस्तिष्क विशाल और आकृति विदृवत्तासूचक होती है।
🔅 मेष- राशि के जातकों की आंखे कमजोर होती है।
🔅 इस राशि के लोगों की आंखे गोल और बाल घुंघराले होते है।
🔅 इस राशि के जातक का चेहरा और गर्दनलम्बा रहता है।

अन्य गुण धर्म

🔅 मेष राशि के लोगो का स्वभाव उदार होता है।
🔅 मेष राशि के जातक बोलने में स्पष्टवादी होते है।
🔅 इस राशि के जातक का स्वभाव मधुर होता है।
🔅 इस राशि के लोग अपनें काम को लेकर हमेशा सजग रहते है और इनका ध्यान सतर्कता पर पहले रहता है।
🔅 इस राशि के जातक जिद्दी स्वभाव के होते है और ये तब तक अपनी गलती नही मानतें है। जब-तक इन्हें भारी नुकसान नही उठाना पड़ जाए।
🔅 इस राशि के लोगा को सफाई बहुत पसंद होते है।
🔅 मेष राशि में सूर्य बलवान होता है और यदि इस राशि में गुरु स्थित हो तो इस राशि के जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

रुचियां/ शौक

मेष राशि वाले उन क्षेत्रों में रुचि लेते है। जिसमें वे अपनी प्रतिभा को दिखा सके इस राशि के लोगो को नृत्य, अभिनय के क्षेत्रों में अधिक झुकाव रहता है। इस राशि के लोगों को कपड़े, फर्नीचर और पुस्तकालय आदि कार्यों में भी बहुत रुचि रहती है।

कमिया

🔅 मेष राशि के जातक को स्वयं के गुप्त भेदो के प्रकट होने का डर रहता है।
🔅 मेष राशि के लोग बहुत जोशिलें होते है।
🔅 इस राशि के लोगो को जल्दी क्रोध आ जाता है और ये लोग अपमान नही सहन कर पाते है।
🔅 मेष राशि में यदि शनि स्थित हो तो ये अशुभ फल देता है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- इस राशि के अधिकांश जातक शिक्षित होते है। इनका सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है। इसलिए ये शिक्षा में सफल होते है और मेडिकल, इन्जीनियरिंग, राजनीति शास्त्र में इनको सफलता प्राप्त होती है।
7. प्रेम सम्बन्धः- इस राशि के जातक खुलकर बात करने वाले होते है, ये बचपन से ही जुनूनी होते है। इनका स्वभाव और रुप अच्छा होने के कारण दूसरे लिंग के व्यक्ति इनके तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते है। ये लोग अपने वादें के प्रति वफादार होते है। इस राशि वाले जातकों के साथ प्रेम-सम्बन्ध बनाने वाले लोगों को अपने रिश्तें में बहुत धैर्यवान और वफादार होने की जरुरत रहती है।
8. दांपत्य जीवनः- मेंष राशि में जन्में जातक अपने पत्नी को आकर्षक देखना चाहते है और पति-पत्नी के निजी सम्बन्धों के मामलें में ये लोग बहुत ज्यादा आदर्शवादी होते है। जिसके कारण इनके रिश्ते में कलह पैदा उत्पन्न हो जाता है।
9. इष्ट मित्रः- मेंष राशि के जातकों की कुभ राशि से मित्रता रहती है, धनु एवं मिथुन राशि से मित्रता रहती है कर्क और मकर राशि के साथ उनका मिलाप नही बैठता है और मेष राशि का मिथुन राशि से विवाद रहता है।
10. स्वास्थ्यः- मेष राशि के जातक को बचपन से ही फोड़े फुन्सी और जलने-कटने आदि का योग बना रहता है। इस राशि में मंगल यदि गोचर में निर्बल रहता है तो जातक को रक्त विकार, संक्रमण रोग, नेत्र रोग, खुजली, बवासीर, गुप्त रोग, पित्त ज्वर, तृष्णा, जलन, अलसर, टायफायड़, वात रोग, जुकाम आदि होते है। इस राशि का प्रभाव मस्तिष्क पर रहता है। जिससे इन लोगो को मानसिक शांति कम रहती है। इन्हें प्रातः काल पानी पीना दोपहर में छाछ तथा रात्रि में दूध पीना रक्त शुद्धि के अच्छा रहेगा मेष राशि वालें जातक को योग और व्यायाम करना चाहिए जिससे कि इनका स्वास्थ्य ठीक रहें।
11. भाग्यशााली अंकः- मेष राशि के लिए 9 का अंक भाग्यशाली होता है और 9 अंक की श्रृंखला 9, 18, 27, 45, 54, 72 आदि अंक शुभ होती है।
12. भाग्यशाली दिनः- इस राशि का मंगल ग्रह से निकटतम सम्बन्ध है। इसलिए इस राशि के जातको का भाग्य शाली दिन मंगलवार होता है और गुरुवार तथा रविवार इनके शुभ दिन होते है।
13. शुभ रंगः- मेष राशि का स्वामी मंगल होता है इसलिए इस राशि के जातकों का शुभ रंग लाल होता है और नारंगी, पीला रंग भी इनके लिए शुभ साबित होता है। इस राशि के जातकों को हरा व नीला रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य के एम सिन्हा के अनुसार मेष से मीन राशि का सम्पूर्ण परिचय 2वृषभ राशि
1. वृषभ राशि:- वृष राशि का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। वृष राशि का चिह्न बैल होता है अतः ये लोग काफी परिश्रमी और वीर्यवान होते है। शायद आप लोगो को पता ही होगा कि बैल का स्वभाव शांत होता है लेकिन यदि उसे गुस्सा आ गया तो उसे काबु में लाना बहुत कठिन हो जाता है इसी तरह का स्वभाव वृषभ राशि के जातको का भी होता है।
2. शारीरिक बनावटः-
💠 वृषभ राशि के जातको की लम्बाई कम और चैड़ाई अधिक होती है।
💠इस राशि के जातकों के हाथ चैकोर होता है और अंगूठा कुछ बड़ा होता है।
💠 इस राशि के जातक शरीर से दुर्बल होते है।
💠 इस राशि के जातकों को अंगुली इंद्रिय या गाल पर तिल या मस्से का चिन्ह होता है।
3. अन्य गुण धर्मः-
💠 वृष राशि के जातकों का व्यवहार प्रेम पूर्ण होता है।
💠 इस राशि के जातक एक अच्छे मित्र साबित होतेे है।
💠 इस राशि के लोग परिवर्तनशील प्रकृति के होते है, ये नये वातावरण में जल्दी घुल-मिल जाते है।
💠 इस राशि के जातक क्रोधी होने के साथ-साथ धैर्यहीन होते है।
💠 इस राशि के युवक का महिलाओं के तरफ जल्दी आकर्षण हो जाता है।
💠 इस राशि के जातक जीवनसाथी के रुप में एक आदर्श साथी साबित होते है।
4. रुचियां शौकः- वृषभ राशि वालें जातक को पढ़ना खेलना, नृत्य, गायन आदि में ज्यादा दिलचस्पी रहती है। इस राशि के स्त्री का वस्त्रों तथा पुरुषों को खेल में अधिक रुचि होती है।
5. कमियांः- वृषभ राशि वाले स्वभाव से झगड़ालु नही होते हैै लेकिन कोई यदि स्वयं उनसे उलझता है तो उसे दंड देने में पीछे नही हटते और और गंभीर वार करते है।
💠 इस राशि वाले स्वभाव से आलसी और जिद्दी होते है।
💠 ये चटपटे भोजन के बहुत शौकीन होते है।
💠 इस राशि के जातक दूसरों की सफलता देखकर बहुत ज्यादा कल्पना करने लगते है।
💠 इस राशि के जातक को अपने कमियों से बचने के लिए रामायण पाठ, गायत्री जप करना चाहिए और मंगलवार तथा शुक्रवार का व्रत भी इनके लिए फलदायी रहता है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- वृष राशि वाले जातकों का शिक्षा सामान्य रहता है। यदि इस राशि के जातको का पंचम भाव या बुध से पीड़ित हो तो जातक का पढ़ाई में मन नही लगता है।  जिन जातक का पढ़ाई मे मन नही लगता है, उन्हे गणेश चालीसा और गणेश जी का पूजा-आराधना कीजिए। इस राशि के जातक सौन्दर्य को विशेष महत्व देते है इसलिए इनको कलात्मक कार्य पसंद होता है। ललित कला, शराब, रेस्टोरेंट, होटल, संगीत, नृत्य, आभूषण, कलात्मक व शिल्पकारी से सम्बन्धित व्यवसाय में ये सक्रिय रहते है। इसके अलावा फैशन डिजाइनर, वस्त्र-व्यवसाय इत्र-व्यवसाय और भूमि सम्बन्धित कार्यो में भी इनकों सफलता मिलती है।
7. प्रेम-सम्बन्धः- वृषभ राशि वाले जिन्हें पसंद करते है। उसके प्रति प्यार में ईमानदार और वफादार होते है। ये लोग स्वभाव से झगडालु नही होते है और भ्रम से बहुत नफरत करते है। वृषभ राशि के जातकों को दयालु स्वभाव के व्यक्ति बहुत पसंद होते है और उनको देखकर ये उन्हें प्रतिक्रिया देते है।
8. दाम्पत्य जीवनः- वृषभ राशि विवाह के लिए वृश्चिक को अपनी तरफ आकर्षित करते है और कन्या राशि से भी उनके प्रेम-सम्बन्ध अच्छे रहतें है। वृषभ राशि के जातकों का वैवाहिक जीवन में समस्याएं चलती रहती है लेकिन ये लोग एक-दूसरे से अलग नही होते है और बाद में इनका फिर से मिलाप हो जाता है।
9. इष्ट मित्रः- वृषभ राशि का मेष राशियों वालों से मतभेद रहता है परन्तु इनकी मित्रता बनी रहती है। कर्क तथा सिंह राशि के जातक वृषभ राशि के लिए पीड़ादायक होते है। वृश्चिक राशि से वृषभ राशि का विवाद रहता है। मकर राशि से वृषभ राशि वालो को शिक्षा में लाभ मिलता है। वृषभ राशि के जातकों का सिंह और कुंभ राशि के साथ सम्बन्ध अच्छा नही रहता है। मेष, मिथुन, तुला और धनु के साथ भी इनका (वृषभ) सम्बन्ध उदासीन ही रहता है।
10. स्वास्थ्यः वृषभ राशि के जातकों को पेट से सम्बन्धित शिकायत रहती है। इनकों गले और आंखो में तकलीफ होने का भय बना रहता है। इस राशि के जातको का मृत्यु अधिकतर ह्दयघात से होता है। जब इनकी राशि में गोचर अशुभ ग्रह आते है या शुक्र निर्बल होता है तो इनको नेत्र रोग, मुख रोग, गुप्त रोग, मधुमेह, कफ और कब्ज की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
उपायः- इस राशि के जातक को फल, सुखा मेवा, पालक, टमाटर, दही, छाछ का सेवन करना चाहिए जिससे कि यह स्वस्थ रहें।
11. भाग्यशाली अंकः- वृषभ राशि के जातकों का भाग्यशाली अंक 06 होता है और 06 की श्रेणी 6, 18, 24, 42 भी इनके लिए शुभ होता है। 4, 5, 8 अंक भी इनको शुभ फल देता है 1, 2 अंक इनके अशुभ फल देता है और 3 अंक इनके लिए सामान्य रहता है।
12. भाग्यशाली दिनः- वृषभ राशि के स्वामी शुक्र ग्रह है इसलिए शुक्रवार का दिन इनके लिए  भाग्यशाली होता है। जिस दिन वृश्चिक राशि का चन्द्रमा हो इन्हें उस दिन कोई भी नया कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिए।
13. शुभ भाग्यशाली रंगः- वृषभ राशि के जातकों का भाग्यशाली रंगी नीला व जामुनी होता है। वृषभ राशि के जातकों को सफेद रंग अपने वस्त्र के उपयोग में लाना चाहिए।

मिथुन राशि

1. मिथुन राशिः- जिस जातक के जन्म के समय चन्द्रमा मिथुन राशि में उपस्थित होता है उनकी राशि मिथुन होती है। मिथुन राशि वायु तत्व प्रधान राशि है तो इसी गुणधर्म के कारण मिथुन राशि वाले जातक बहुत चंचल और अपने मन के काम करने वाले होते है।
2. शारीरिक बनावटः
⚛मिथुन राशि के जातकों के हाथ की बनावट त्रिकोणवृत्ति होती है।
⚛ इस राशि के जातक हाथ के पतले और लम्बे होते है।
⚛ इस राशि के जातक कद में लम्बे और स्वास्थ्य शरीर वाले होते है।
⚛ मिथुन राशि के जातक सामान्यतः गेहुआ रंग के होते है।
⚛ मिथुन राशि के जातक का नाक लम्बा होता है।
⚛ इस राशि की आंखे काली होती है।
3. अन्य गुण धर्मः-
⚛ मिथुन राशि के जातक साहसी होते है।
⚛ इनका स्वभाव दयालु और सहानुभूतिपूर्ण होता है।
⚛ ये एकाग्रशक्ति और मानसिक कार्यों में प्रविण होते है।
⚛ इस राशि के जातक एक साथ दो या उससे अधिक कार्यों को कर सकते है।
⚛ इस राशि के जातकों को नौकरी में किस्मत का साथ नही मिलता है।
4. रुचियां और शौकः- इस राशि के जातकों का नृत्य संगीत और कला के क्षेत्र में अधिक रुचि रहती है। इस राशि के जातक घर के कार्यों में भी रुचि रखते है। इस राशि के कुछ जातक ताश और जुआ खेलने का भी शौक रखते है। इस राशि के जातक का आकर्षण विपरीत लिंग की तरफ जल्दी हो जाता है। लेकिन इनको विपरीत लिंगो के व्यक्तियों से सावधानी बरतनी चाहिए।
5. कमियांः- मिथुन राशि के जातक पर विश्वास नही किया जा सकता है। क्योंकि इनका स्वभाव चंचल होता है और स्वभाव में अस्थिरता के कारण यें कभी कुछ कर देते है। मिथुन राशि के जातकों के एक से अधिक प्रेम-सम्बन्ध रखने की भी इच्छा होती है। जो कि इनकी कमजोरी है। जिसके कारण इनका प्रेम असफल साबित होता है। इस राशि के जातकों का अपने विपरीत लिंग वालें जातकों की तरफ बहुत जल्दी आकर्षण हो जाता है। जो समस्या का कारण बनता है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- मिथुन राशि का जातक यांत्रिक विशेषताओं वाले अविष्कारक भी होते है तो ऐसा कहा जा सकता है कि इनको यांत्रिकी विषयों में शिक्षा प्राप्त करने में सफलता अधिक मिलती है इस राशि के जातकों को सभी विषयों और क्षेत्रो मे थोड़-थोड़ा जानकारी होता है। इस राशि के जातक को व्यवसाय के अपेक्षा नौकरी मे जल्दी सफलता मिलती है। व्यापार ये किसी को साझेदारी बनाकर या अपने परिवार के किसी परिजन के नाम से कर सकते है।
7. प्रेम सम्बन्धः- मिथुन राशि के जातकों को कलाकार लेखक बहुत पसंद होते है। मिथुन राशि के जातको को एकपक्षीय आकर्षण बहुत पीड़ा देता है और विपरीत लिंग के सम्बन्ध से भी मिथुन राशि को कष्ट का सामना करना पड़ता है। मिथुन राशि को तुला राशि के लोग भी आकर्षित करते है। मेष तथा मकर राशि से भी इनका प्रेम-सम्बन्ध अच्छा रहता है। कर्क और कुंभ राशियों के साथ मिथुन राशि का मतभेद रहता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- मिथुन राशि के जातको को एक से अधिक प्रेम-सम्बन्ध रखने की इच्छा होती है। जिसके कारण से इनको दाम्पत्य जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। इस राशि के जातक स्वयं विश्वास के पात्र नही होते है परन्तु दूसरो से निष्ठा या विश्वास प्राप्त करने की उम्मीद रखते है।
9. इष्ट मित्रः- मिथुन राशि के जातक का वृषभ, कन्या, तुला वालो के साथ अच्छी मित्रता रहती है। मिथुन राशि वाले जातक मेष राशि को सदा खुश रखते है। इस राशि के जातक को मेष राशि वालो के साथ सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ये लोग समय आने पर इनके शत्रु भी बन जाते है।
10. स्वास्थ्यः- मिथुन राशि के जातको का स्वास्थ्य सामान्य रहता है। इनको जुकाम, खांसी, एंफ्लुएंजा की सामान्य समस्याएं रहती है। इस राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट के अपेक्षा मानसिक कष्ट अधिक रहता है और इस राशि के जातको को छाती में दर्द और ह्दयघात का भय बना रहता हैै।
11. भाग्यशाली अंकः– इस राशि के जातकों का भाग्यशाली अंक 05 होता है। 05 अंक की श्रेणी 5, 14, 23, 38, 41 और 68 भी इनके लिए शुभ होती है।
12. भाग्यशाली दिनः- मिथुन राशि का स्वामी बुद्ध होता है। जिसके कारण बुधवार का दिन इस राशि के लिए भाग्यशाली होता है। गुरुवार का दिन भी मिथुन राशियों के लिए शुभ रहता है। परन्तु सोमवार का दिन इस राशि के लिए अशुभ माना जाता है।
13. भाग्यशाली रंगः- मिथुन राशि के जातकों का भाग्यशाली रंग पीला और केसरिया होता है। इस रंग को प्रयोग में लाने से इस राशि के जातक को मानसिक शांति मिलती है।

कर्क राशि

1. कर्क राशिः- इस राशि के जातक बहुत लोकप्रिय होते है और इनको सामाजिक जीवन में सफलता भी मिलती है। कर्क राशि के जातको का बचपन बहुत कठिनाइयों से भरा और पीड़ादायक रहता है लेकिन मध्यमावस्था में इनको सफलता और श्रेय मिलता है।
2. शारीरिक बनावटः-
✴ इस राशि के जातको की शारीरिक बनावट गोल होती है।
✴ इस राशि के जातक प्रायः छोटे कद के होते है और कुछ बौने होते है।
✴ इस राशि के जातक के शरीर का ऊपरी भाग चैड़ा होता है।
✴ इस राशि के जातक का शरीर बचपन में दुबला-पतला होता है और बाद में संतुलित हो जाता है।
✴ इस राशि के जातक का बाल भूरा होता है।
✴ कर्क राशि के जातको का दात चैड़ा होता है।
✴ इस राशि के जातको का कंधा भी चैड़ा होता है।
3. अन्य गुण धर्मः-
✴ इस राशि के जातक किसी काम की नकल आसानी से कर लेते है।
✴ इस राशि के जातक अभिनय अच्छा कर लेते है।
✴ कर्क राशि वाले जातक नये वातावरण मे आसानी से घुल-मिल जाते है।
✴ इस राशि के जातक अच्छे नेता, वक्ता, लेखक, और सलाहकार साबित होते है।
✴ इस राशि के जातक भरोसेमंद नही साबित होते है।
✴ इस राशि के जातक ईमानदार, आत्मनिर्भर और कभी न झुकने वाले होते है।
4. रुचियां और शौकः- इस राशि के जातकोे का झुकाव उस क्षेत्र में होता है। जिसमें बिना ज्यादा मेहनत के धन मिलने का अवसर मिले जैसे- जुआ, सट्टा आदि। इस राशि के जातक को घूमने के अपेक्षा आराम करना ज्यादा पसंद होता है। इस राशि के जातक मिलनसाद होते है ये सभी से मिल जुलकर रहना चाहते है।
5. कमियांः- इस राशि के जातक जिद्दी होते हैै। जिसके कारण इनकों अपने जीवन में बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। इस राशि के जातकों को स्वतंत्र रहना अधिक पसंद होता है। यदि इनके कार्य में इनका जीवनसाथी हस्तक्षेप करें तो यह भी इनको नही पसंद होता है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- कर्क राशि के जातको का रुचि चिकित्सी क्षेत्र में अधिक होता है। इस राशि के जातक अभिनय, नर्सिग, दर्शन शास्त्र, अर्थशास्त्र, कानून, इंजीनियरिग, ज्योतिष, गणित विषय आदि में भी शिक्षा प्राप्त करते है। इस राशि के जातकों को उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता मिलती है। इस राशि के जातकों को जातक पेय-पदार्थ, इत्र, सजावटी वस्तुएं, चित्रकारी, व्यवसाय, जौहरी, केमिस्ट, गणितज्ञ, ज्योतिष, उपन्यासकार, स्टेशनरी के व्यवसाय लाभ कमाकर सुखी से जीवन व्यतीत करते है।
7. प्रेम जीवन सम्बन्धः- कर्क राशि के जातक प्रेम-सम्बन्ध के मामले में बहुत गम्भीर रहते है।इस राशि के जातकों को प्रेम के मामले में थोड़ी सावधानी बरतना चाहिए क्योंकि इनको प्रेम के चक्कर में कई बार हानि भी उठाना पड़ता है। अधिकतर कर्क राशि के जातक प्रेम के मामले में एकपक्षीय होते है।
8. दाम्पत्य जीवनः- कर्क राशि के जातकों को समान-स्तर का जीवनसाथी चाहिए होता है। इस राशि के जातकों को स्वतंत्र रहना पसंद होता है। पत्नी के अधिकार में रहना या हस्तक्षेप करना इनको पसंद नही होता है। इस राशि के व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के होते हंै। जिसके कारण इनका जीवन बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। इस राशि के जातकों को अपना प्रभाव जीवनसाथी पर रखना अच्छा लगता है। इस राशि के जातक अपने पति-पत्नी को समय नही दे पाते है। इस राशि के जातक ईमानदार होते है। जिसके वजह से ये धन-संग्रह नही कर पाते है और इसी के कारण इनकों अपने जीवनसाथी पर निर्भर रहना पड़ता है।
9. इष्ट मित्रः- कर्क राशि के जातकों का वृषभ, मीन, वृश्चिक और कन्या राशि वालों के साथ अच्छा सम्बन्ध होता है तथा मेष, तुला और मकर के साथ इनका सम्बन्ध अच्छा नही रहता है। सिंह, धनु, कुभ तथा मिथुन राशि के साथ इसका सम्बन्ध उदासीन रहता है। कर्क राशि के जातक जब तक वृश्चिक और मीन राशि के जातकों का सम्मान करते है तब तक ही इनका एक-दूसरे के साथ सम्बन्ध ठीक रहता है। कर्क राशि के जातको के जीवन में 20, 32, 40 वर्ष की उम्र में मित्र बनने तथा गुप्त शत्रु के वार से हानि पहुच सकती है।
10. स्वास्थ्यः- कर्क राशि के जातकों को छाती, स्तन, पेट व गुदा पर होने वाले रोग उत्पन्न होने का डर रहता है। इस राशि के जातक को हमेशा कफ आदि भी रहता है। चन्द्रमा के निर्बल होने पर कर्क राशि वालो को निद्रा की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस राशि के जातकों को 42 से 49 की उम्र में मूत्र-सम्बन्धी रोग भी उत्पन्न हो जाता है। इस राशि के जातकों के कुण्ड़ली में अगर सूर्य खराब जगह पर बैठा हो तो पाचन सम्बन्धित रोग उत्पन्न करता है।
11. भाग्यशाली अंकः- 2 और 7 अंक कर्क राशि वालों के लिए शुभ होता है और इसकी श्रेणी 2, 11, 20, 30 और 7 की श्रेणी 7, 16, 25, 34, 43, 52 भी शुभ होती है। कर्क राशि के लिए 3,6,8,9 अंक सामान्य और 04 अंक अशुभ फल देता है।
12. भाग्यशाली दिनः- कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा होता है इसलिए इस राशि के जातकों का भाग्यशाली दिन सोमवार होता है और इसके अलावा बुधवार और रविवार का दिन भी इनके लिए अच्छा साबित होता है।
13. भाग्यशाली रंगः- कर्क राशि का स्वामी चन्द्रमा होता है। जिसके कारण सफेद, हरा या हल्का नीला इस राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली होता है।

सिंह राशि

1. सिंह राशिः- सिंह राशि के जातकों को सुख सुविधा से रहना पसंद होता है। इसलिए ये धन-संग्रह में असफल रहते है। इस राशि का वैवाहिक जीवन भी सुखमय नही रहता है। इस राशि के जातक  उच्च प्रशासनिक नौकरी, राजनेता, चिकित्सक, न्यायधीश, मार्गदर्शक, संस्था प्रमुख कारखाने का मालिक एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में अधिक सफल होते है।
2. शारीरिक बनावटः-
🔅 इस राशि के जातक का कद अच्छा होता है।
🔅 इनके कंधे चैड़े होते है।
🔅 सिंह राशि के जातक का शरीर संतुलित रहता है।
🔅 इनका चेहरा सामान्यतः अण्डाकार होता है।
🔅 इस राशि के जातक का शरीर संतुलित रहता है लेकिन कमर पतला होता है।
🔅 इस राशि के जातक की आंखे नीली या पीली होती है।
3. अन्य गुण धर्मः
🔅 इस राशि के जातक ताकतवर होते है।
🔅 सिंह राशि वाले स्वभाव से दयालु होते है।
🔅 इस राशि के लोग दूसरों में आत्मविश्वास जागृत करा लेते है।
🔅 इस राशि के जातक अपने धैर्य-बल पर आगे बढ़ते है।
🔅 इस राशि के जातक अवसर  का लाभ उठााना जानते है।
4. रुचियां/शौकः- इस राशि के जातक मांसाहारी भोजन में ज्यादा रुचि रखते है। सिंह राशि के जातकों को पर्वतों आदि पर घुमने का शौक होता है। इस राशि के जातकों का सट्टेबाजी में भी रुचि रहता है।
5. कमियांः- इस राशि के जातक वर्तमान के बजाय भूतकाल और भविष्यकाल पर ज्यादा सोचते है, जो इनके समस्या का कारण बनती है। इस राशि का स्वामी सूर्य ग्रह है। जो अग्नितत्व प्रधान ग्रह है। जिसके कारण ये लोग बहुत क्रोध करते है। ये लोग किसी पर भी आसानी से विश्वास कर लेते है। जिसके कारण इनको धोखा मिलता है। इस राशि के जातकों को प्रशंसा की भूख रहती है।
उपायः- इस राशि के जातकों को गुरुवार का उपवास हनुमान जी की पूजा या गायत्री देवी की उपासना करनी चाहिए। इससे इनकी कमियां दूर हो जायेंगी।
6. शिक्षा और व्यवसायः- सिंह राशि के जातक चिकित्सा शास्त्र के अंतर्गत जैसे ह्दय रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ, साहित्य- पत्रकारिता, राजनीति शास्त्र, ज्योतिष आदि में सफलता प्राप्त कर लेते है। इस राशि के जातक को पत्थर सम्बन्धित व्यवसाय में अच्छी सफलता मिल जाती है। इस राशि के जातक एक अच्छे वक्ता हेाते है तो इनका वकील के पेशे से भी जुडाव रहता है। यदि इस राशि के जातक किसी क्षेत्र में सफल नही हो तो इनको कला पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि कला के क्षेत्र में भी इनकों सफलता मिलती है।
7. प्रेम सम्बन्धः- सिंह राशि वाले जातक प्रेम को लेकर बहुत गम्भीर रहते है। लेकिन सदैव इनको अपना प्यार नही मिल पाता है। इस राशि के स्त्री और पुरुष दोनो ही प्रेम के क्षेत्र में आकांक्षाए रखते है और अनुकूल साथी मिल जाने पर उनका जीवन सुखमय हो जाता है। सिंह राशि के पुरुष, स्त्री कों अपने अद्वितीय व्यक्तिगत प्रतिभा से अपनी ओर आकर्षित कर लेते है।
8. दाम्पत्य जीवनः- सिंह राशि के जातक एक अच्छे पति साबित होते है। जबकि इनके विवाह में बाधा आती रहती है और प्रायः इनका प्रथम विवाह टूट जाता है और दूसरी शादी अच्छी चलती है। विवाह के जगह सगाई भी टूट सकती है। इस राशि के जातकों का विवाह के उपरान्त ही भाग्योदय होता है।
9. इष्ट मित्रः- कर्क राशि का वृषभ, मीन, वृश्चिक तथा कन्या राशि के साथ सम्बन्ध अच्छा रहता है। मेष, तुला तथा मकर राशि वालो के साथ इनका सम्बन्ध अच्छा नही रहता है और धनु, कुंभ तथा मिथुन राशि वालो के साथ इनका (कर्क) सम्बन्ध उदासीन रहता है।
10. स्वास्थ्यः- सिंह राशि में जन्मे जातक को शोथ(सूजन), लू लगना, मिर्गी, ज्वर, (मैनिंजाइटिस) ह्दय रोग जैसी बिमारियां देखने को मिलती है।
11. भाग्यशाली अंकः- सिंह राशि के जातको का भाग्यशाली अंक 1 और 4 होते है और इस अंक की श्रेणी 1, 10, 28, 37, 46, 55, 64 और 4 अंक की श्रेणी 4, 13, 22, 31, 40, 58, 67, 76 भी इनके लिए शुभ होता है।
12. भाग्यशाली दिन– सिंह राशि का स्वामी सूर्य है अतः सिंह राशि के जातकों का भाग्यशाली दिन रविवार होता है।
13. भाग्यशाली रंगः- सिंह राशि के जातकों का भाग्यशाली रंग सुनहरा लाल और क्रीम रंग होता है। इन रंगों के वस्त्र धारण करने से इनको मानसिक शांति बनी रहती है। सिंह राशि के जातकों को जेब मे लाल या सुनहरी रुमाल रखना चाहिए।

कन्या राशि

1. कन्या राशिः- कन्या राशि के जातक मेहनती और व्यवस्थित होते है और ये प्रत्येक काम को ईमानदारी के साथ करते है। इस राशि के जातक भाषाओं के भी ज्ञानी होते है और किसी कार्य को समझने में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का भी उपयोग करते है।
2. शारीरिक बनावटः-
✴ इस राशि के जातक मध्यम कद के होते है।
✴ इस राशि के जातक के बाल और आंखे काले होते है।
✴ इस राशि के जातक बहुत फुर्तीले होते है। जिससे ये अपने आयु से कम के प्रतीत होते है।
✴ इस राशि के जातक की नाक सीधी होती है।
✴ कन्या राशि के जातक की भौहे घनी और धनुषाकार होती है।
✴ इस राशि के जातकों के जांघो या गर्दन पर निशान होते है।
3. अन्य गुण धर्मः
✴ इस राशि के जातक में आत्मविश्वास की कमी होती है।
✴ इस राशि के जातको का विवाह प्रायः विलम्ब में होता है।
✴ कन्या राशि के जातक स्वार्थी भी होते है।
✴ इस राशि के जातक के पास संपत्ति भी अच्छी होती है।
✴ इस राशि के जातक गणितज्ञ और पराविधा में रुचि रखने वाले होते है।
4. रुचियां और शौकः- इस राशि के जातक धन संचय करने के लिए विदेश जाकर वहां धन कमाना और वहां पर स्थायी निवासी बनने की रुचि रखते है। इस राशि के जातकों की बागवानी करने का भी शौक रहता है।
5. कमियांः- कन्या राशि के जातक बहुत स्वार्थी होते है। अगर इनको कोई सलाह भी देता है तो ये उनको महत्व नही देते है। जिसके कारण प्रायः इनको नुकसान उठाना पड़ता है। इस राशि के जातक दूसरों की मजाक उड़ाने से भी नही कतराते है और यही इनके सम्बन्धों को खराब करता है कन्या राशि के जातक किसी भी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहते है।
6. शिक्षा और व्यवसायः- कन्या राशि के जातको को शिक्षा का बहुत शौक होता है इसलिए ये अच्छा अध्ययन कर पाते है। इस राशि के जातक परिश्रमी होते है। इसलिए ये जिस विषय को चुनते है उसमे इनको सफलता मिल जाती है। वाणिज्य, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, पत्रकारिता, संगीत आदि के विषयों में इनको अधिक सफलता मिलती है। कन्या राशि के जातक में अपना व्यवसाय चलाने की योग्यता नही रहता है। इसलिए इनको दूसरों के साथ सहभागी होकर ही व्यवसाय करना चाहिए। अगर ये परिश्रमी स्वभाव, इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ व्यापार करते है तो उसमें सफल हो सकते है।
7. प्रेम सम्बन्धः- कन्या राशि के जातक प्रेम के साथ उत्तरदायित्व भी होते है। वो प्रेम का शिक्षण लाभ साहसकिता की उत्तरदायित्वों का स्वागत करने वाला ही मानते है। कन्या राशि के जातक का प्रेम शारीरिक न हो कर मानसिक प्रक्रिया का होता है। इस राशि के जातक गुणो पर अधिक बल देते है जो उनको लक्ष्य से वंचित भी करती है। इस राशि के जातक के लिए मानसिक लगाव की समाप्ति ही प्रेम सम्बन्ध के समाप्ति के बराबर हैै। इस राशि के जातक अपने उम्र से बड़ें विपरीत लिंगो के तरफ आकर्षित होते है और उनका यह योग सफल भी होता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- कन्या राशि के जातक का मकर और वृश्चिक राशि की पत्नी/पति से अत्यन्त सुख और लाभ मिलता है। इस राशि के जातक के संतान भी अत्यन्त मेधावी रहती है, इस राशि के जातक का प्रेम, पारिवारिक रहता है और स्त्री जाति के सहयोग से ही इनका जीवन बनाता है।
9. इष्ट मित्रः- इस राशि के जातक का सम्बन्ध वृश्चिक, वृषभ तथा मकर राशि वालों के साथ होती है तथा मीन राशि के तरफ भी इनका आकर्षण रहता है। मिथुन, तुला व सिंह राशि के जातक इनके लिए अच्छे साबित होते है और दो कन्या राशि वालो को विरोध रहता है। कन्या राशि वाले जातक के लिए कुंभ तथा मेष राशि वाले जातक के साथ स्वभाव उदासीन रहता है।
10. स्वास्थ्यः- कन्या राशि में जन्में जातक को उदर सम्बन्धित रोगों से सावधान रहना चाहिए। इस राशि के जताक को पेचिश, टायफायइड, पथरी आदि होने की सम्भावना बनी रहती है। कन्या राशि के जातक को जीवन के अन्त में क्षय रोग हो सकता है।
11. भाग्यशाली अंकः- 05 का अंक कन्या राशि के जातक के लिए भाग्यशाली होता है तो 05 अंक की श्रेणी 5,14,23,32,41,50,59 और 68 इनके लिए शुभ होती है।
12. भाग्यशाली दिनः- कन्या राशि का स्वामी बुध है तो इस राशि के जातकों का भाग्यशाली दिन बुधवार होता है। शुक्रवार और शनिवार का दिन भी इनके लिए शुभ होता है, लेकिन मंगलवार का दिन इनके लिए अशुभ होता है। जिस दिन धनु राशि का चन्द्रमा हो उस दिन कोई महत्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- हरा, नारंगी, पीला और सफेद रंग कन्या राशि के जातकों का भाग्यशाली रंग होता है। इन रंगो के वस्त्र धारण करने से मानसिक स्थिति बनी रहेगी।

तुला राशि

1. तुला राशिः- तुला राशि के जातक का स्वामी शुक्र होता है। इसलिए इस राशि के जातक को भोग-विलास बहुत पसंद होता है। इस राशि के जातक को आकर्षण फैशन की तरफ जल्दी होता है और इन्हें सज-सवरकर रहना महंगे वस्त्र धारण करना और घुमना बहुत पसंद होता है। इस राशि के जातक न्यायप्रिय होते है और इनके पास अच्छी सम्पत्ति और वाहन होती है। जिसके कारण ये उत्तम जीवन व्यतीत करते है।
2. शारीरिक बनावटः-
💠 इस राशि के जातक लम्बे और पतले होते है।
💠इस राशि के जातक सदैव सुन्दर होते है।
💠 इस राशि के जातक मध्यम आयु मे ही गंजे हो जाते है।
💠 तुला राशि के जातक की भौंहे बहुत सुन्दर होती है। जो इनकी सुंदरता को और बढ़ाती है।
💠 इस राशि के जातक की नाक मुड़ी हुई तोते की जैसी होती है।
💠 तुला राशि के जातक का ललाट उठा हुआ होता है।
💠 तुला राशि के जातकों के दांतों के मध्य में खाली जगह होता है।
3. अन्य गुण धर्मः-
💠 इस राशि के जातक नम्र, दयालु, ईमानदार और न्यायप्रिय होते है।
💠 इस राशि के जातकों को क्रोध आता है लेकिन बहुत जल्दी शांत भी हो जाता है।
💠 तुला राशि के जातक स्वयं के अपेक्षा दूसरों का अधिक ध्यान रखते है।
💠 तुला राशि के जातकों को भाग्यशाली पुरुष/महिलाएं पसंद करती है।
💠 इस राशि के जातक पर्यटन के शौकीन होते है।
4. रुचियां और शौकः- तुला राशि के जातकों को वाहनो का बहुत शौक होता है। इस राशि के जातकों को जंगलों मे जाना ,पर्यटन स्थल पर जाना ,नृत्य-खेल आदि में रुचि हेाती है,इस राशि के जातको को फर्नीचरों का भी बहुत शौक हेाता है।
5. कमियांः- तुला राशि के लोग बहुत भावुक होते है। जिसके कारण प्रायः उनको धोखा का शिकार होना पड़ता है। तुला राशि के जातक अन्य लोगो के समक्ष स्वयं को तुच्छ अनुभव करते है जिसके कारण इनको कभी-कभी आलोचना का शिकार होना पड़ता है, इस राशि के जातक को गलत साथी भी हानि पहुचाते है।
6. शिक्षा और व्यवसायः- तुला राशि के जातको को साहित्य ,संगीत, नृत्य, चित्रकारी ,टेलरिंग, वकालत और चिकित्सा के क्षेत्रो में अधिक सफलता मिलती है,इस राशि के जातकों को व्यापार में अत्यधिक सफलता मिलती है अतः इस राशि के जातक अच्छे व्यापार होते है , इस राशि के जातकों को लोहा, सोना, शराब, पान और तम्बाकु आदि के व्यापार में विशेष लाभ मिलता है। इस राशि के जातक सुगंध निर्माण से सम्बन्धित जैसे इत्र, अगरबत्ती का व्यापार भी कर सकते है।
7. प्रेम सम्बन्धः- तुला राशि के जातक प्रेम को लेकर बहुत गम्भीर होते है और इनका रुचि असाधारण लोेगों में होता है , इस राशि के जातक अपने प्रेमी के प्रति वफादार होते है , तुला राशि के पहले बौद्धिक आधार पर प्रेम करते है और बाद में शारीरिक चेतना में भागीदार बनती है।
8. दाम्पत्य जीवनः- तुला राशि के जातकों का विवाह प्रायः छोटी आयु में हो जाती है और विवाह बंधन के कारण इनको प्रेम में असफलता मिलती है। इस राशि की स्त्री को पति तथा पुरुषों को पत्नी भाग्यशाली मिलती है।
तुला राशि में एक से अधिक विवाह तथा वियोंगो के सम्भावनी भी रहती है। तुला राशि का सम्बन्ध मिथुन तथा कुम्भ के साथ अच्छा रहता है, सिंह राशि के साथ इनका नही बनता है।
9. इष्ट मित्रः- इस राशि वालो का मिथुन, कन्या, मकर तथा कुंभ राशि के साथ अच्छी मित्रता व सम्बन्ध रहते है तुला राशि के जातक का सम्बन्ध धनु राशि के साथ सरल होता है और मेष राशि के साथ इनका विरोध आकर्षण रहता है , सिंह और कर्क के साथ इनकी शत्रुता रहती है। वृषभ, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के साथ इनका सम्बन्ध उदासीन रहता है , तुला राशि का तुला राशि के साथ सम्बन्ध अच्छा रहता है।
10. स्वास्थ्यः- इस राशि के जातक प्रायः स्वास्थ्य रहते है, लेकिन गोचर में शुक्र या अन्य सूर्य आदि ग्रह निर्बल होकर राशि पर आ जाते है तो जातक को वीर्य-विकार नेत्र रोग , मुख रोग , मूत्र रोग , गुप्त रोेग , वीर्य की कमी, मधमेह ,धातु ,क्षय ,कफ व वायु विकार आदि रोग उत्पन्न हो जाते है , इस राशि के महिलाओ मे गर्भाशय सम्बन्धित रोग होते है।
11. भाग्यशाली अंकः- इस राशि के जातकों का भाग्यशाली अंक 06 होता है। अतः 06 अंक की श्रेणी 6,15,24,33,42,51,60 और 69 शुभ होती है इनके अलावा 4,5,8 शुभ 3,7,9 अंक सामान्य तथा 1,2 का अंक अशुभ होता है।
12. भाग्यशाली अंकः- तुला राशि का स्वामी शुक्र होता है। इसलिए इस राशि के जातक का भाग्यशाली दिन शुक्रवार होता है, शनिवार और सोमवार का दिन भी इनके लिए शुभ होता है तथा बुधवार और रविवार का दिन इनके लिए अशुभ होता है, कुंभ राशि के चन्द्रमा के दिन इस राशि के जातकोे को कोई महत्वपूर्ण कार्ये की शुरुआत नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- तुला राशि का भाग्यशाली रंग सफेद और हल्का नीला होता है, इस रंग के वस्त्र धारण करने से इस राशि के जातकों को मानसिक शांति बनीं रहती है।

1. वृश्चिक राशिः- वृश्चिक राशि के जातक बुद्धिमान होते है, ये लोग सभी काम को अपने तरीक से करना चाहते है, इस राशि के जातक भावुक भी होते है, ये अपने परिश्रम से अपने जीवन में प्रगति व उन्नति करते है। इस राशि का स्वामी मंगल है, जिसके कारण इस राशि के जातक का स्वभाव उत्तेजनात्मक एवं उग्र होता है।
2. शारीरिक बनावटः-
⚛ इस राशि के जातक का कद मध्यम होता है।
⚛ वृश्चिक राशि के जातक को शरीर का अंग सुडौल होता है।
⚛ इस राशि के जातक का चेहरा चैड़ा होता है।
⚛ इस राशि के जातक के बाल घुंघराले होते है।
⚛ इस राशि के अधिकतर जातक श्याम वर्ण के होते है।
⚛ इस राशि के जातक की ठोड़ी उन्नत होती है।
3. अन्य गुण धर्मः-
⚛ इस राशि के जातक स्पष्टवादी होते है।
⚛ वृश्चिक राशि के जातक निडर और रुखे व्यवहार वाले होते है।
⚛ इस राशि के जातक किसी के मामले में दखल नही देते है।
⚛ इस राशि के जातक वार्तालाप और लेखन में निपुण होते है।
⚛ वृश्चिक राशि के जातक के शत्रु बहुत होते है।
⚛ इस राशि के जातक गुप्त रुप से अपराध करने में सक्षम होते है।
4. रुचियां और शौकः- वृश्चिक राशि के जातको को महंगे कार व डिजाईन-युक्त वाले आभूषण आकर्षित करते है,  इस राशि के जातको का स्वादिष्ट व्यंजन में भी रुचि रहती है, वृश्चिक राशि वाले काम-वासना का भी शौक रखते है,  इस राशि के जातकों को मैदान के खेल का भी शौक रहता है।
5. कमियांः- वृश्चिक राशि वाले अपनी उपेक्षा सहन नही कर पाते है, ये लोग ऊपर से शांत दिखते है लेकिन इनके मन में बदला लेने की भावना प्रबल होती है और अवसर मिलने पर ये अपने प्रतिद्वंदी को हानि पहुंचाते है, कमियों से बचने के लिए इनकों हनुमान चालीसा और महामृत्यंजय का जाप करना चाहिए।
6. शिक्षा और व्यवसायः- वृश्चिक राशि वालो को चिकित्सा, ज्योतिष, वाणिज्य, राजनीति शास्त्र आदि विषयो में अधिक सफलता मिलती है। इस राशि केे जातक सेना और पुलिस में भी सफलतापूर्वक कार्य करते है, इस राशि के जातक को औषधि अथवा विद्युत यंत्र के व्यापार में भी लाभ मिलता है, इस राशि के जातक तरल पदार्थ जैसे पानी,रस,तेल से सम्बन्धित कार्य करने वाले होते है, वृश्चिक राशि के जातकों को विदेश व्यापार आयात-निर्यात में भी सफलता मिलती है।
7. प्रेम सम्बन्धः- वृश्चिक राशि के जातक सुंदरता की तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते है, इस राशि के जातक स्वभाव में भावुक होते है, इस राशि के जातक अपने प्रेम मेे पूर्ण विश्वास करते है और जैसे-जैसे इनकीं आयु बढ़ती है, इनके प्रेम में भी प्रौढ़ता बढ़ती है।
8. दाम्पत्य जीवनः- वृश्चिक राशि के जातक अपने जीवनसाथी से अधिकतम प्यार पाने की चेतना रखते है, इस राशि के जातक विवाह को आत्म प्रकाशन का माध्यम समझते है और ये अपने जीवनसाथी पर शासन करने की कोशिश करते है,  इस राशि की लड़कियां ज्यादा सुंदर ना हो तभी हर जगह आकर्षण का केन्द्र बनी रहती है,  इनके बात करने का तरीका एकदम अलग रहता है और वाणी की कटुता होती है लेकिन इस राशि के लडकियों का स्वभाव साफ दिल का होता है।
9. इष्ट मित्रः- इस राशि के जातक का सम्बन्ध मेष, कर्क, सिंह, धनु और मीन राशि के जातको के साथ अच्छा रहता है, वृष राशि के साथ इनका (वृश्चिक राशि) आकर्षण रहता है, इस राशि के जातकों का मिथुन व कन्या राशि के जातकों के साथ बिल्कुल नही बनता है, दो वृश्चिक राशि के जातक परस्पर सहयोग से सब कुछ अर्जित कर लेते है।
10. स्वास्थ्यः- वृश्चिक राशि के जातक सामान्यतः गुप्त रोेगो से परेशान रहते है। वृश्चिक राशि के व्यक्तियों को पेट,गला,ह्दय सम्बन्धित रोगो का सामना करना पड़ता है। इस राशि के व्यक्तियों को कफ चेचक
फोड़े-फुन्सी का भी भय रहता है। वृश्चिक राशि की स्त्रियां को मासिक धर्म में अनियमितता कब्ज,गठिया,बवासीर,लिकोरिया ट्यूमर जैसी बिमारियां होताी है और इन्हे गर्भपात का भी भय बना रहता है।
11. भाग्यशाली अंकः- 09 अंक का वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुभ होता है इसलिए 09 अंक की श्रेणी 09,18,36,45,63 भी इनके लिए शुभ होता है। इस अंको को छोड़कर 1,2,3 अंक शुभ 6,8 का अंक सामान्य तथा 4,5,6 का अंक अशुभ होता है।
12. भाग्यशाली दिनः- वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल ग्रह है जिसके कारण मंगलवार का दिन वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भाग्यशाली है इसके अलावा सोमवार और बृहस्पतिवार का दिन शुभ और बुधवार तथा शनिवार का दिन अशुभ होता है, रविवार का दिन इस राशि के जातको के लिए आर्थिक सुखकारी होता है, मकर राशि के चन्द्रमा के दिन इस राशि के जातकों को कोई महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- इस राशि के जातकों का भाग्यशाली रंग लाल, मटमैला और केसरिया होता है, इस रंग के वस्त्र धारण करने से इनकी मानसिक शांति बनी रहती है, इस राशि के जातक को अपने जेब में हमेशा लाल रुमाल रखना चाहिए।

धनु राशि

1. धनु राशिः- धनु राशि एक अग्नि तत्व राशि है इसी के कारण इस राशि के जातक साहसी एवं पराक्रमी होते है, धनु राशि के जातक किसी भी परिस्थिति में हार नही मानते है,  इस राशि के जातक उग्र स्वभाव के हेाते है और साथ ही इनके अन्दर आत्मविश्वास परिपूर्ण रहता है।
2. शारीरिक बनावटः-
✳ इस राशि के जातक सुंदर व सुविकसित होते है।
✳ इस राशि के जातक की आंखे बादामी रंग की होती है।
✳ इस राशि के जातक की बाल भूरे होते है।
✳ इस राशि के जातक की भौहे ऊंची और घनी होती है।
✳ इस राशि के अधिकतर जातक का चेहरा लम्बा होता है।
✳ धनु राशि के जातक की नाक लम्बी होती है।
✳ इस राशि के जातक के कान और होंठ मोटे होते है।
3. अन्य गुण धर्मः-
✳ इस राशि के जातक स्वतंत्र और दयालु होते है।
✳ धनु राशि के जातक ईमाानदार और भरोसेमंद होते है।
✳ इस राशि के जातक स्पष्टवादी होते है।
✳ इस राशि के जातक की आंखे कमजोर होती है।
✳ इस राशि के जातक में कुबड़ापन सम्भव है।
✳ इस राशि के जातक न्याप्रिय होते है।
4. रुचियां और शौकः- धनु रााशि क जातक सभी विषयो को जानने की इच्छा रखते है, इस राशि के जातको को प्रत्येक कार्य में सफाई पसंद होती है।
5. कमियांः- धनु रााशि के जातकों को  एक कार्य करना हमेशा के लिए पसंद नही होता है यह अपने कार्य को बदलते रहना चाहते है इस राशि के पास अत्यधिक ऊर्जा रहती है जिसके कारण ये हमेशा बैचेन रहते हैै। इस राशि के जातक कभी-कभी अपने मन का ही कार्य करते है चाहे वो कार्य किसी और को पसन्द हो या नही इस राशि के जातक की आवाज ऊंची होती है। जिसके कारण इनको समाज में कभी-कभी लज्जित होना पड़ जाता है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- धनु रााशि के जातकों को चिकित्सा विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान आदि विषयों में अध्ययन करना चाहिए क्योंकि इस क्षेत्र में इनको अधिक सफलता मिलती है। इस राशि के जातक अभिनय और कला में भी रुचि रखते है तो यह कहा जा सकता है कि इस क्षेत्रों में भी इनको सफलता मिलती है। इस राशि के जातक को स्वयं व्यापार करना चाहिए क्योंकि साझेदारी में व्यापार करने पर इनको नुकसान उठाना पड़ सकता है इस राशि के जातको को वस्त्र ऊनी कपड़ो और खेल के समान के व्यापार में जल्दी सफलता मिलती है इस राशि के जातको को एक ही व्यापार निरन्तर करना चाहिए क्योंकि बार-बार व्यापार बदलने से इनको सफलता नही मिलेगी।
7. प्रेम-सम्बन्धः- धनु रााशि के जातकों को प्रेम करने की इच्छा होती है लेकिन विवाह वे केवल आवश्यकता के लिए करते है धनु राशि के जातक प्रेम में कभी भावुक और कभी कठोर हो जाते है इस राशि के लोग बहुत लोकप्रिय होते है और इसी का फायदा उठाकर ये  एक साथ कई व्यक्तियों से प्रेम कर सकते है इस राशि के जातको को प्रेम-सम्बन्ध में कठिनाइयां भी आती है लेकिन ये अपने नम्र व्यवहार के कारण उसमें भी सफलता प्राप्त कर लेते है धनु राशि का मित्र आकर्षण मेष राशि के विपरीत लिंग की तरफ होता है और प्रायः इनका विवाह भी हो जाता है इस राशि के जातक का सम्बन्ध कुंभ राशियों वालों के साथ अच्छा होता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- इस राशि के जातकों का वैवाहिक जीवन सुखी होता है और इस राशि की पुरुष की पत्नी गुणवान, दयालु और भाग्यवती होती है इस राशि के जातक नारियों का सम्मान करते है और उनको समाज में आगे बढ़ाने की कोशिश करते है इस राशि के पुरुष चाहते है कि इनकी पत्नी अपने उपर निर्भर रहे। यह राशि अग्नि तत्व का है लेकिन प्रेम के मामलें यह नम्र और दयालु होते है।
9. इष्ट मित्रः- इस राशि के जातकों का सम्बन्ध मेष, कर्क, सिंह एवं वृश्चिक के साथ मधुर होता है जबकि वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और मीन राशियों के साथ इनकी शत्रुता जल्दी हो जाती है, कुंभ राशि के साथ भी इनका सम्बन्ध अच्छा रहता है, लेकिन मकर राशि के साथ इनका सम्बन्ध उदासीन रहता है, धनु राशि के जातकों का अपने सामान्य राशि (दूसरा धनु) के साथ घर-परिवार की इच्छा रहती है।
10. स्वास्थ्यः- धनु रााशि के जातकों को यकृत सम्बन्धित बीमारियां बहुत जल्दी हो जाता है इसलिए इनको शराब और तले-भुने  खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, यकृत को मजबूत बनाने के लिए इनको प्रत्येक दिन योगा करना चाहिए। इस राशि के जातकों को साइटिका, गठिया का दर्द और फेफड़ो से सम्बन्धित रोग होने की सम्भावना बनी रहती है।
11. भाग्यशाली अंकः- धनु राशि के जातको का भाग्यशाली अंक 03 होता है। इसलिए इस अंक की श्रृंखलाा 3,12,21,30,39,48,57,66 और 75 शुभ होती है। इस राशि के जातक का शुभ अंक 09 सम अंक 4,7 और 8 होता है तथा 5,6 का अंक अशुभ फलकारी होता है।
12. भाग्यशाली दिनः- धनु राशि का स्वामी गुरु होता है इसलिए इस राशि के जातको का भाग्यशाली दिन गुरुवार होता है, इस राशि का अशुभ दिन सोमवार, मंगलवार और शनिवार होता है, इस राशि के जातको को जिस दिन कुम्भ राशि का चन्द्रमा हो उस दिन कोई नया कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- धनु राशि के जातकों का भाग्यशाली रंग पीला ,हल्का आसमानी ,हरा ,गुलाबी और जामुनी होता है, इस रंग के वस्त्र धारण करने से इनको मानसिक शांति बनी रहती है।

मकर राशि

1. मकर राशिः- मकर राशि के जातकों के जन्म के समय उनके जन्मपत्रिका में चन्द्रमा मकर राशि में स्थित होता है, मकर राशि के स्वामी शनि देव होते है और वो न्याय के लिए जाने जाते है इसलिए मकर राशि के जातक न्यायप्रिय होते है, इस राशि के जातक सभी कार्यो को सोच-समझकर ही करते है, इस राशि के जातक आलसी व लापरवाह होते है।
2. शारीरिक बनावटः-
⚛ इस राशि के जातक का शरीर दुबला पतला होता है।
⚛ इस राशि के जातक के दांत बड़े-बड़े होते है।
⚛ इस राशि के जातक का मुख बड़ा और नाक विशिष्ट रहता है।
⚛ धनु राशि के जातकों के बाल कालें और मोटे होते है।
⚛ इस राशि के जातक के जबड़े मगरमच्छ के समान होते है।
⚛ इस राशि के पुरुष के दाढ़ी के बाल कम आते है।
3. अन्य गुण धर्मः-
⚛ इस राशि के जातक बुद्धजीवी और मिव्ययी होते है।
⚛ इस राशि के जातक कठिनाईयाँ आने पर भी किसी से सहायता नही लेते है।
⚛ इस राशि के जातक ईमानदार एवं निष्कपट होते है।
⚛ इस राशिके जातक के अन्दर संगठन क्षमता अधिक होती है।
⚛ इस राशि के जातक सांसारिक कार्यो में भी तथ्यों और आंकड़ो का प्रयोग करते है।
4. रुचियां और शौकः- मकर राशि के जातको को बड़े मकान मे रहने का बहुत शौक होता है इसलिए ये बड़ा मकान बनवाते है और उसमें ढ़ेर सारी आलमारियां बनवाते जिससे इनकी जरुरत की समान उसमें व्यवस्थित हो सके।, इस राशि के जातक को बगीचे और पेड़-फूल का भी शौक होता है, इस राशि के जातक का संगीत और खेल में भी रुचि रखते है।
5. कमियांः- मकर राशि के लोग जिद्दी स्वभाव के होते है जिसके कारण ये कई बार स्वयं का नुकसान कर लेते है, इस राशि के जातक चिड़चिड़े स्वभाव के होते है और इनको अधिकार जमाना पसंद होता है, इस राशि के जातक स्पष्टवादी होते है जिसके कारण कई बार इनके शत्रु भी बन जाते है, अपने अवगुणो से बचने के लिए इस राशि के जातको पुखराज, नीलम, मूंगा आदि में से कोई एक रत्न धारण करना चाहिए, इस राशि के जातक शिव गणेश तथा गायत्री की उपासना भी कर सकते है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- मकर राशि के जातक के अन्दर ज्ञान की जिज्ञासा रहती है इसलिए अध्ययन करना इनको बहुत पसंद होता है। मकर राशि के जातको को वकालत, विज्ञान, संगीत, कृषि और शास्त्र के क्षेत्रो मेें अध्ययन करना चाहिए क्योंकि इन क्षेत्रो में इनको सफलता जल्दी मिल जाती है, इस राशि के जातक वकालत, कोयला, बर्फ के व्यापार , अन्न का व्यापार और चमड़े से बनी वस्तुओं के व्यापार में सफल होते है, इस राशि के जातक अच्छे वक्ता होते है तो इनको पत्रकारिता माध्यम से समाचार उद्धोषक के रुप मे भी सफलता मिल सकती है।
7. प्रेम सम्बन्धः- मकर राशि के जातक प्रेम के बिना नही रह सकते है, ये उदासीन रहते है लेकिन प्रेम में ये बहुत सक्रिय होते है, इस राशि के जातक तब-तक विपरीत लिंग के तरफ आकर्षित नही होते है जब-तक इनको दूसरी ओर से इशारा नही मिलता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- मकर राशि वालें जातको के लिए विवाह सुरक्षा एवं एकता का प्रतीक होता है, मकर राशि की पुरुष की पत्नी कुशल और चतुर होती है और इनका जीवन सुखमय रहता है, इस राशि के जातक की पत्नी घर-गृहस्थी का सभी काम संभाल लेती है और ये निश्चित रहते है  मकर राशि के जातक अपने परिवार और प्रियजनों का उत्तम देखभाल करते है।
9. इष्ट मित्रः- मकर राशि का अच्छा सम्बन्ध वृषभ,मिथुन,कन्या,तुला और कुम्भ राशि के साथ होता है, मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशियों के साथ इनका सम्बन्ध प्रतिकुल होता है इसलिए इन राशियों से  मकर राशि वाले जातकों को सावधान रहना चाहिए, मकर राशि का मीन राशि वालो से अनुकूलता रहती है और धनु राशि के साथ इनका संबंध उदासीन रहता है इस राशि के जातको का आकर्षण वृषभ राशि की तरफ तीव्र होता है और कर्क राशि वालो के साथ इनका विवाह भी हो सकता है।
10. स्वास्थ्यः-मकर राशि वालें जातको पेट सम्बन्धित ,बवासीर, चर्म रोग, आंख की कमजोरी, गठिया, रक्तचाप सम्बन्धित समस्याएं रहती है, इस राशि के जातकों का हड्डी भी टूट जाता है और पूरे जीवन में एक बार टायफाइड़ होने की आशंका बनी रहती है, इस राशि की स्त्रियां को गर्भपात और सिरदर्द जैसी समस्या भी देखने को मिलती है।
11. भाग्यशाली अंकः- इस राशि के जातक का भाग्यशाली अंक 04 और 08 होता है इसके अलावा 05,06 अंक शुभ 03 और 07 सामान्य तथा 01,02,09 अंक अशुभ होता है,  04 अंक की श्रेणी 4,13,22,31,40,58,67 और 08 अंक की श्रेणी 8,17,26,35,44,53,62,71,80 भी इनको शुभ फल देता है।
12. भाग्यशाली दिनः- मकर राशि का स्वामी शनि होता है इसलिए शनिवार का दिन इनके लिए भाग्यशाली होता है, रविवार और शुक्रवार का दिन इनके लिए शुभ तथा मंगलवार और गुरुवार का दिन अशुभ होता है, सोमवार का दिन मकर राशि वाले जातकों का सामान्य होता है, तुला राशि के चन्द्रमा के दिन मकर राशि वालों को कोई कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- मकर राशि के जातकों को भाग्यशाली रंग काला, नीला और हल्का भूरा होता है, इस रंग के वस्त्र धारण करने से मकर राशि वालो का मानसिक शांति बनी रहती है।

कुंभ राशि

1. कुंभ राशिः- कुंभ राशि के जातक के जन्मपत्रिका में चन्द्रमा कुंभ राशि में स्थित होता है और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव होते है जो न्याय के लिए जाने जाते है, इस राशि के जातक दृढ़ निश्चय वाले होते है और वो अपने काम को सोच-समझकर करते है, कुंभ राशि के जातक परिश्रमी होते है और वो जीवन में एक लक्ष्य को लेकर चलते है और अपने लक्ष्य को पूरा करने के बाद ही ये संतुष्ट होते है।
2. शारीरिक बनावटः-
✳ कुंभ राशि के जातक का कद मध्यम होता है।
✳ इस राशि के जातक का शरीर सुडौल होता है।
✳ कुंभ राशि के जातक का चेहरा प्रायः गोल होता है और यें सुन्दर होते है।
✳ इस राशि के जातक अधिकतर गोरे होते है।
✳ इस राशि के जातक का बाल भूरा होता है और इनके दांत उबड़-खाबड़ होते है।
✳ इस राशि के पुरुष के शरीर पर घने बाल हाते है।
3. अन्य गुण धर्मः-
✳ इस राशि के जातक बहुत संकोची होते है।
✳ इस राशि के जातक कोई भी कार्य करने से पहले बहुत सोच-समझकर करते है।
✳ इस राशि के जातक प्रत्येक कार्य को सर्तकता, धैर्य और एकाग्रता से करते है।
✳ इस राशि के जातक स्पष्टवादी होते है, इनका वार्तालाप सभी को अच्छा लगता है जिसके कारण से यह सबके प्रिय होते है।
✳ इस राशि के जातक स्वभाव से दयालु अध्ययन-प्रेमी और सज्जन होते है।
✳ इस राशि के जातक गरीबों के सेवक होते है।
4. रुचियां और शौकः- कुंभ राशि के जातको को घूमन-फिरने, अध्ययन करना फोटोग्राफी करने आदि का शौक होता है, इस राशि के जातकों का ध्यान-साधना में भी रुचि रहती है और साथ ही इनका (कुंभ राशि) तकनीकी क्षेत्र में भी रुचि होता है।
5. कमियांः- कुंभ राशि के जातक में आलस्य एवं आराम प्रकृति के अवगुण होते है और ये बड़े बातुनी तथा चुगलखोर होते है,  इस राशि के पुरुष को मद्यपान आदि का आदत लग जाता है जिसके कारण यह धन-अर्जन करने में असफल होते है, इस राशि के जातकों को अपने कमियो से बचने के लिए पुष्कराज व मूंगा धारण करना चाहिए था फिर ये इनकों गुरुवार और शनिवार में से किसी एक का व्रत करना चाहिए।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- इस राशि के जातक विज्ञान, इंजीनियरिंग, बी0एड़0, समाज सेवा आदि में सफलता अर्जित करते है। इस राशि के जातक का वैज्ञानिक दृष्टिकोण होता है, कुंभ राशि के जातक एक अच्छें व्यापारी होते है, इनको विद्युत सम्बन्धित उद्योग में सफलता मिलता है, इस राशि के जातक को फिल्म निर्माता के रुप में भी ख्याति मिलती है, कुंभ राशि वालें जातक को लम्बें समय तक एक जगह काम करना अच्छा नही लगता है इसलिए ये कुछ न कुछ नया सीखते है और अपने जीवन में कुछ बेहतर करने की कोशिश करते है।
7. प्रेम सम्बन्धः- कुंभ राशि के जातक प्रेम के मामले में उतावले तथा गहरे प्रेमी होते है, इस राशि वाले जातकों को अपने दूसरे पक्ष से अथाह प्रेम की इच्छा होती है, ऐसा ना होने पर ये असंतुष्ट रहते है, कुंभ राशि विपरीत लिंग वाले जीवनसाथी स्वभाव से चंचल होते है, कुंभ राशि के जातक अपने जीवनसाथी को प्रसन्न करते का पुरा प्रयास करते है लेकिन ये प्रयास इनके लिए लाभदायक नही होता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- कुंभ राशि के जातक स्वयं नियमों का पालन नही करते है परन्तु ये अपने जीवनसाथी से नियम पालन करने की आशा रखते है, कुंभ राशि के जातक के लिए विवाह का अर्थ प्रसन्नता, यात्रा, सन्तोष, परिहास आदि होता है, कुंभ राशि के जातकों के लिए विवाह एक समस्या जैसी होती है क्योंकि इन्हे नवीनता की तलाश रहती है और नये सम्पर्क में ही इनको सुख मिलता है जो इनके परेशानी का कारण बन सकता है , मिथुन, तुला, वृश्चिक अथवा कुंभ राशि में जन्में जातक के साथ इनका प्रेम सम्बन्ध मित्रता और विवाह स्थायी होता है।
9. इष्ट मित्रः- इस राशि की मित्रता वृषभ मिथुन, कन्या, तुला व मकर राशि वाले जातक के साथ होती है। कुंभ राशि के जातको की शत्रुता मेष, कर्क, सिह व वृश्चिक राशि के जातको के साथ होती है। कुंभ राशि के जातकों के मित्रो के समूर मे ही उनके गुप्त शत्रु अधिक होते है। जो इनके परेशानी का मुख्य कारण बनते है।
10. स्वास्थ्यः- कुंभ राशि के जातक शरीर से स्वास्थ्य रहते है परन्तु इस राशि के जातक में पेट विकार, बवासीर, संक्रामक रोग, दंत के रोग आदि पाया जा सकता है, कुंभ राशि के जातको के पैर तथा घुटने दुर्बल है और इनके पैर मे प्रायः मोच एवं चोट आ जाता है, इस राशि के जातको को वायु विकार त्वचा रोग ह्दय रोग गंजापन आदि की भी समस्या रहती है ,स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए इनको संतुलित भोजन, शाक-सब्जी, ताजे फल का सेवन करना चाहिए।
11. भाग्यशाली अंकः- कुंभ राशि के जातको का भाग्यशाली अंक 4 और 8 होता है और इस अंक की श्रेणी 4, 13, 22, 31, 40, 58, 67 व 8 अंक की श्रेणी 8, 17, 56, 35, 44, 53, 62, 71, 80 भी इनके लिए शुभ होती है, इस अंक के अलावा 5, 6 अंक शुभ 3, 7 अंक सामानय और 1, 2, 9 का अंक इनके लिए अशुभ फल होता है।
12. भाग्यशाली अंकः- कुंभ राशि के स्वामी  शनि-देव होते है इसलिए शनिवार का दिन इनके लिए भाग्यशाली होता है, कुंभ राशि के जातको के लिए मंगलवार शुभ रविवार सामान्य और बुध तथा शुक्रवार का दिन अशुभ होता है, जिस दिन सिंह राशि चन्द्रमा होता है  उस दिन कुंभ राशि के जातको को कोई नया महत्वपूर्ण कार्य प्रारम्भ नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- कुंभ राशि के जातको का भाग्यशाली रंगी काला, नीला, जामुनी और हरा होता है, इस राशि के जातको को इन रंगो के वस्त्र धारण करने से मानसिक शांति बनी रहती है।

मीन राशि

1. मीन राशिः- मीन राशि के जातको के जन्म पत्रिका मे उनके जन्म के समय चन्द्रमा मीन राशि में स्थित होता है। मीन राशि के स्वामी बृहस्पति देव होते है जिनको देवगुरु के रुप में भी जाना जाता है इसलिए मीन राशि के जातक बुद्धिमान व विवेकवान होते है और ये सभी कार्यों को सोच समझकर ही करते है, मीन राशि के जातक उदारवादी एवं कोमल ह्दय वाले होते है और इनका स्वभाव भी संवेदनशील होता है।
2. शारीरिक बनावटः-
💠 मीन राशि के जातको का कद प्रायः नाटा और मोटा होता है।
💠 इस राशि के जातको के हाथ और पैर छोट-छोटे होते है।
💠 इस राशि के जातको के बाल मुलायम होते है।
💠 मीन राशि के जातक गोरे रंग के होते है।
💠 इस राशि के जातक का चेहरा सुन्दर और आकर्षक होता है।
💠 इस राशि के ठोड़ी में गड्ढ़ा हों सकता है।
💠 इस राशि के जातक की आखे बड़ी-बड़ी और कंधे मजबूत और गोलाकार होती है।
3. अन्य गुण धर्मः-
💠 इस राशि के जातक ईमानदार और मानवीय होते है।
💠 इस राशि के जातक को जल्द ही क्रोध आ जाता लेकिन ये उतना जल्दी ही शांत हो जाते है।
💠 मीन राशि के जातको के अन्दर आत्म-विश्वास की कमी होती है।
💠 इस राशि के जातक परंपरावादी और अंधविश्वासी भी होते है।
💠 इस राशि के जातक बेचैन और कल्पनाशील प्रवृत्ति के होते है।
4. रुचियां/ शौकः- मीन राशि के जातको की रुचि फोटोग्राफी, कहानी लिखना व सुनना चित्रकारी करना आदि में होता है, इस राशि के जातक लम्बे समय तक एक ही कार्य को जारी नही रख सकते है, इन्हे वाद-विवाद नृत्य, संगीत, धार्मिक कार्य करने का भी शौक होता है।
5. कमियांः- मीन राशि के जातक अपने भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहते है और ये अक्सर अपने दोस्त की सलाह मान लेते है जिसके कारण इनको हानि उठानी पड़ती है, मीन राशि के जातको मे मानसिक अस्थिरता पाई जाती है, इस राशि के जातक को अपने कमियों से बचने के लिए पुष्कराज, गोमेद या मोती धारण करना चाहिए या फिर ये गुरुवार या सोमवार का उपवास भी कर सकते है।
6. शिक्षा एवं व्यवसायः- मीन राशि के जातको को कला संगीत, साहित्य और लेखन के क्षेत्र मे अधिक सफलता मिलती है, इस राशि के जातको को सामुद्रिक शास्त्र, अंकशास्त्र आदि विषयों मे भी सफलता मिलती है, इस राशि के जातक एक साथ दो व्यवसाय भी कर सकते है, मीन राशि के जातको को सौन्दर्य सम्बन्धित व्यवसाय करना चाहिए, इस क्षेत्र मे इनको सफलता जल्दी मिल जाती है, मीन राशि के जातक जल सेनाधिकारी, पुस्तकालय अथवा सेहतगाह के अध्यक्ष के रुप में भी सफलता प्राप्त करते है।
7. प्रेम सम्बन्धः- मीन राशि के जातको का जीवन प्रेम के बिना अपूर्ण रहता है लेकिन ये प्रायः सही साथी का चुनाव में असफल रहते है, मीन राशि के जातको को सौंदर्य से प्यार होता है, मीन राशि के कुछ जातक एक बार एक से अधिक लोगों को प्यार करते है अतः इनको विपरीत लिंग वालो को अपनी ओर आकर्षित करने की विशेष क्षमता होती है, मीन राशि वालो का आकर्षण कर्क तथा कन्या राशि वालों के तरफ अत्यधिक होता है और कन्या राशि वालों के साथ प्रायः इनका विवाह भी हो जाता है।
8. दाम्पत्य जीवनः- मीन राशि के जातको को प्रायः वैवाहिक होने के बाद भी उसको पूर्ण सुख नही मिल पाता है और इस राशि के जातको का एक से अधिक विवाह होने की सम्भावना भी रहती है। मीन राशि के पुरुष विवाह के बाद अपनी पत्नी का बहुम ख्याल और सम्मान करते है।
9. इष्ट मित्रः- मीन राशि के जातको की मित्रता मेष, कर्क, सिंह, धनु राशि के जातको के साथ होती है तथा इन्हें (मीन राशि) वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला राशि वाले जातको से हमेशा सावधान रहना चाहिए मीन राशि वाले ह्दय के बहुत अच्छे होते है, मीन राशि वाले निर्धन, अमीर व जात-पात के आधार पर कोई भेदभाव नही करते है।
10. इष्ट मित्रः- मीन राशि के जातको को उदर, आँत, छाती मेे दर्द, चक्कर आना, सिर दर्द, ब्लड़ प्रेशर आदि बिमारिया होने की सम्भावना रहती है, मीन राशि के जातको को प्रायः पाचन सम्बन्धित परेशानियाँ रहती है, इस राशि के जातको को सामान्यतः कफ, विकार, टायफाईड आदि भी लग जाती है, पाचन सम्बन्धित बिमारियां से राहत पाने के लिए इनको संतुलित और पौष्टिक युक्त भोजन करना चाहिए।
11. भाग्यशाली अंकः- मीन राशि के जातको का भाग्यशाली अंक 3 और 7 होता है इसलिए 3 अंक की श्रेणी 3, 12, 21, 30, 48, 57, 66  और 7 अंक की श्रेणी 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61 भी इनके लिए शुभ होती है इसके अलावा 1, 2, 9 अंक शुभ 4, 8 अंक सामान्य और 5, 6 अंक अशुभ होता है।
12. भाग्यशाली दिनः- मीन राशि के स्वामी बृहस्पति देव होते है इसलिए गुरुवार का दिन इनके लिए भाग्यशाली हेाता है इसके अलावा रविवार और सोमवार का दिन भी इनके लिए शुभ होता है और बुधवार अशुभ होता है, मीन राशि वाले जातको को मंगलवार के दिन कोई लेन-देन नही करना चाहिए और मंगलवार तथा कर्क राशि के चन्द्रमा के दिन इनको कोई भी महत्वूर्ण कार्य नही करना चाहिए।
13. भाग्यशाली रंगः- मीन राशि के जातको का भाग्यशाली रंग लाल, पीला और नारंगी होता है यदि मीन राशि वाले जातक इन रंगों का वस्त्र धारण करते है तो उनको मानसिक शांति मिलती है।

187 Views
Exit mobile version