ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों के अलग-अलग प्रकार और विशेषताएं हैं। इन रत्नो को धारण करने से जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह बात भी सत्य है कि अनेक वैदिक ग्रंथों में रत्नों के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है। रत्नों को प्रेम जीवन में एक आधार माना जाता है। जो दोनों भागीदारों को आपस में जोड़ता है। रत्न अधिकतर योग्यता, प्रेम और सम्बन्धों के लिए उपयोग किये जाते हैं। इसलिए प्रेम जीवन में रत्न की अहम भूमिका होती है। रत्न शास्त्र के अनुसार प्रेम बाधा को दूर करने के लिए विभिन्न रत्नों का उपयोग किया जाता है। यह रत्न आपकी राशि और ग्रहों की स्थिति के आधार पर चुने जाते हैं।
प्रेम सम्बन्धों में रत्नों की उपयोगिता
रत्न प्रेम सम्बन्धों को मजबूत बनाने और उन्हें साकार बनाने में काफी सहायक होते हैं। यह आपके प्रेम सम्बन्ध में विश्वास और संभोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम सम्बन्धों के लिए रत्न काफी शुभ माने जाते हैं। इन रत्नों मे से माणिक्य और फिरोजा प्रेम सम्बन्धों के लिए काफी शुभ माने जाते हैं। इन रत्नों को धारण करने से जातक के प्रेम सम्बन्धों में सुख-समृद्धि आती है।
अगर किसी व्यक्ति की कुण्डली में बृहस्पति और शुक्र ग्रह कमजोर हो तो उन्हें पुखराज और हीरा जैसे रत्नो का उपयोग करना चाहिए। इन रत्नों को धारण करना जातक के प्रेम सम्बन्ध में स्थिरता का आनन्द देता है। वैवाहिक सम्बन्धों मे रत्नों का उपयोग दो तरह से किया जाता है। एक तो यह रत्न भविष्यवाणी और गुण, धर्म के आधार पर चुने जाते हैं और दूसरा इन रत्नों के विशेष शक्तियों का प्रयोग करके सम्बन्धों में खुशियां लाने का प्रयास किया जाता है।
प्रेम सम्बन्धों के लिए होते हैं यह रत्न काफी शुभ
मोती
माना जाता है कि प्रेम सम्बन्ध के लिए रत्न बेहद लाभकारी होते हैं, इसलिए मोती प्रेम जीवन के लिए बहुत उपयोगी होता है। मोती शांति संतुलन और समझौते का प्रतीक है, इसे पहनने से प्रेम जीवन में प्रतिस्पर्धा, स्पष्टता और आत्मविश्वास मिलता है। मोती धारण करने से जातक को दूसरे लोगों के साथ बेहतर सामंजस्य बनाये रखने में सहायता मिलती है।
मोती प्रेम और सम्बन्धों की स्थिरता बढ़ाने में मदद करता है, इसे धारण करने से व्यक्ति के प्रेम जीवन में सुधार आता हैं। मोती मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होता है तथा यह चिंताओं को दूर करता है और मन को शांत रखने में मदद करता है। मोती स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी माना जाता है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है।
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मोती को कैसे धारण करें
आप इसे चांदी की अंगूठी में जड़वाकर अपनी कनिष्ठा उंगली में धारण कर सकते हैं। आप इस मोती को चांदी की लाॅकेट में डालकर गले में भी धारण कर सकते हैं।
पुखराज
ज्योतिष में पुखराज एक प्रमुख रत्न है, जो बृहस्पति ग्रह से जुड़ा हुआ है। इसे पहनने से प्रेम जीवन में बढ़ोत्तरी होती है और बाधाओं से निपटने में मदद मिलती है। पुखराज पहनने से प्रेम जीवन में दृढ़ता और स्थिरता आती है। यह आपके रिश्ते को मजबूत बनाने में सहायता करता है। पुखराज पहनने से प्रेम जीवन में विश्वास बढ़ता है तथा प्रेमी-प्रेमिका के बीच विश्वास और मजबूत होता है।
कैसे धारण करें पुखराज
पुखराज को सोने की अंगूठी में जड़वाकर अपने दाहिने हाथ की तर्जनी में पहन सकते हैं। यदि आपको अंगूठी पहनने में असुविधा हो तो आप इसे सोने के लाॅकेट में बृहस्पति यंत्र के साथ अपने गले में धारण कर सकते हैं।
ओपल
ज्योतिष में ओपल एक बहुत ही प्रभावशाली एवं सुन्दर रत्न है जो प्रेम और वैवाहिक सम्बन्धों के लिए उपयोगी होता है यह रत्न प्रेम सम्बन्धों मे मधुरता एवं विश्वास बढ़ाता है और उन्हें समृद्ध, स्थिर और खुशहाल रखने में मदद करता है। इसे धारण करने से प्रेमी अपने सम्बन्धों को स्थाई बनाने में सक्षम होते हैं और उन्हें समृद्धि और सफलता मिलती है। ओपल से बनी अंगूठी या माला धारण करने से अपने जीवनसाथी से बेहतर सम्बन्ध बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा ओपल रिश्तो को आगे बढ़ाने में सहायता करता है।
ओपल को कैसे धारण करेंः-
आप ओपल को चांदी की अंगूठी में जड़वाकर अपने दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में पहन सकते है। ओपल को सोने, चांदी या प्लेटिनम की चेन में डालकर लाॅकेट की तरह भी पहन सकते हैं।
पन्ना
ज्योतिष के अनुसार पन्ना रत्न प्रेम जीवन में बड़ा मददगार साबित होता है। पन्ना रत्न बुद्धि और समझदारी को बढ़ाने के लिए जाना जाता है जो एक स्थिर और संतुलित सम्बन्ध के लिए अत्यन्त आवश्यक होता है। पन्ना रत्न विवाहितों के लिए बहुत लाभकारी होता है। इस रत्न को धारण करने से जातक अपने सम्बन्धों में संतुलित और सुखी महसूस करता है। पन्ना रत्न से व्यक्ति को ताकत मिलती है जो प्रेम जीवन में अत्यन्त आवश्यक है। इस रत्न को धारण करने से जीवनसाथी का प्रेम बढ़ता है और विश्वास बना रहता है।
कैसे धारण करें पन्नाः-
पन्ना को आप सोने या चांदी में जड़वाकर कनिष्ठा उंगली में धारण कर सकते हैं। आप पन्ना को सोने की चेन में डालकर लाॅकेट की तरह गले में भी पहन सकते हैं।
रत्न धारण करते समय रखें इन सावधानियों का विशेष ध्यान
रत्न की गुणवत्ताः- रत्न की गुणवत्ता को ध्यान से जांचना चाहिए। आपको एक विशेष सलाह लेनी चाहिए जो इसकी गुणवत्ता के बारे में जानता हो।
संतुलित रंगः- रत्न के रंग को विवेक पूर्वक चुनना चाहिए आपको उन रत्नो को चुनना चाहिए, जो आपके भाग्य और कुण्डली से मिलते हो।
वजनः- रत्न का वजन आपकी उम्र शारीरिक भार और ऊर्जा के आधार पर चुना जाता है अधिक वनज के रत्न धारण करना अच्छा नही होता क्योंकि इससे आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
साफ-सफाईः- रत्न को नियमित रुप से साफ-सफाई करें ताकि वह चमकता रहें।
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राशियों के अनुसार कौन सा रत्न धारण करना चाहिए-
मेष राशिः- मूंगा, लाजवर्त, लहसुनिया रत्न धारण करना चाहिए।
वृष राशिः- हीरा, पुखराज, नीलम, अमेथिस्ट, गोमेद
मिथुन राशिः- एमराल्ड, पुखराज और गोमेद, पीला सफायर
कर्क राशिः- मोती, मूंगा, लहसुनिया
सिंह राशिः- माणिक, पुखराज, मूंगा, रुबी, पीला सफायर
कन्या राशिः- पन्ना, एमराल्ड, हीरा, सफेद पुखराज, गोमेद
तुला राशिः- हीरा, नीलम, पुखराज, अमेथिस्ट
वृश्चिक राशिः- मूंगा, पुखराज, माणिक
धनु राशिः- पुखराज, मूंगा, लहसुनिया, मूंगा, नीलम, अमेथिस्ट
मकर राशिः- ब्लू सफायर, हीरा, नीलम, पुखराज
कुंभ राशिः- गोमेद, पुखराज, हीरा, ब्लू सफायर, अमेथिस्ट
मीन राशिः- पुखराज, मूंगा