मंगल कन्या राशि में अस्त 24 सितम्बर 2023

हिन्दू पंचांग के अनुसार मंगल ग्रह वर्तमान में कन्या राशि में विराजमान है और मंगल 24 सितम्बर 2023 को शाम 06ः26 बजे कन्या राशि में ही अस्त होंगे।

वैदिक ज्योतिष में मंगल को साहस और पराक्रम का कारक माना गया है, मंगलदेव को योद्धा की संज्ञा भी दी गई है। आइए जानते है मंगल के कन्या राशि में अस्त होेने से सभी लग्नों पर इसका क्या शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है।

मेष लग्न

मंगलदेव आपके कुण्डली में प्रथम और अष्टम भाव के स्वामी है। जो कि अब छठें भाव में अस्त हो रहे हैं। मंगल के कन्या राशि में अस्त के दौरान आपको विदेश से नौकरी के अवसर मिलने की संभावना है। व्यापार कर रहें जातकों को औसत लाभ मिलेगा। मेष राशि के जातकों उनके द्वारा किये गये मेहनत की तुलना में धन की प्राप्ति कम होगी। इस दौरान आप उधार देने और धन निवेश करने से बचना चाहिए। साझेदारी में काम करने की सोच रहे हैं तो इन्तजार करना ठीक रहेगा। जीवनसाथी के साथ प्रेम-संबंध सामान्य रहेगा। किसी बात को लेकर परिवार में वाद-विवाद की संभावना बन सकती है। जीवनसाथी तथा परिवार के सदस्यों से बात करते समय शब्दों का चुनाव सोच-समझकर करें। माता का स्वास्थ्य चिंता का विषय हो सकता है। आपके स्वास्थ्य में भी उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। कुल मिलाकर इस अवधि में आपके सुख-सुविधाओं में कमी आ सकती है।

उपायः- प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

वृष लग्न

वृष लग्न के जातकों के लिए मंगल द्वितीय और सप्तम भाव का स्वामी है। अस्त के दौरान ये पंचम भाव में विराजमान रहेंगे। इस दौरान कार्यस्थल पर वरिष्ठों के साथ किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। आप नई नौकरी की तलाश कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साझेदारी में व्यापार कर रहें जातकों को पार्टनर के वजह से हानि हो सकता है। मंगल के कन्या राशि में अस्त होने के कारण आपके प्रेम-संबंध अच्छे नही रहेंगे। रिश्तों में अहंकार उत्पन्न हो सकता है। यदि आप जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बिठाते हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल होगा। संतान के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहेंगे। आपको भी आँखो से सम्बन्धित परेशानी उत्पन्न हो सकती है।

उपायः- प्रतिदिन सुदंरकाण्ड का पाठ करें।

मिथुन लग्न

मिथुन लग्न के जातकों के लिए षष्ठम और एकादश भाव के स्वामी है। जो चतुर्थ भाव में अस्त अवस्था में रहेंगे। मंगल के कन्या राशि में अस्त के प्रभाव से आपको कार्यस्थल से असंतोषजनक परिणाम मिलेंगे। कार्य की अधिकता रहेगी। व्यापार में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। आपके छवि को खराब करने का प्रयास किया जा सकता है। धन लाभ के साथ खर्चों में वृद्धि रहेगी। इस अवधि में परिवार में मतभेद और विवाद का सामना करना पड़ सकता है। पैतृक सम्पत्ति को लेकर भी कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। आपके अंदर ऊर्जा और उत्साह की कमी रहेगी। आपको घबराहट, बेचैनी और पाचन सम्बन्धित रोग उत्पन्न हो सकता है।

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उपायः- भगवान विष्णु जी की पूजा आराधना करें।

कर्क लग्न

कर्क लग्न के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव के स्वामी है। जो अब आपके तृतीय भाव में अस्त अवस्था में उपस्थित रहेंगे। मंगल के कन्या राशि में अस्त की अवधि में आपको करियर क्षेत्र में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार की बात करें तो आपके हाथ से सुनहरे अवसर निकल सकते हैं। आपके लापरवाही के कारण आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। धन की बचत करने में भी आप सक्षम रहेंगे। मंगल के अस्त के दौरान आपकी पार्टनर के साथ बहस होने की संभावना है। रिश्ते में सामंजस्य बनाने के लिए पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने का प्रयास करें। इस अवधि में आपको सिरदर्द और पाचन सम्बन्धित समस्या उत्पन्न हो सकती है।

उपायः- शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करें।

सिंह लग्न

सिंह लग्न वाले जातकों के लिए मंगल उनके चतुर्थ और नवम भाव के स्वामी होते हैं। अभी ये द्वितीय भाव में अस्त अवस्था में विराजमान रहेंगे। आपको धन सम्बन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपके आय में कमी और खर्चों में वृद्धि रहेगी। व्यापारी जातक आने वाले अवसर का लाभ उठाने से चूक सकते हैं। किसी कार्य का आरम्भ या साझेदारी के कार्यों से बचें। जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद की स्थिति बनी रहेगी। रिश्तों में मधुरता लाने के लिए आपको शांत रहना और धैर्य रखने की आवश्यकता होगी। आँखो में एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अपने सेहत को प्राथमिकता देनी होगी।

उपायः- प्रत्येक दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें।

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कन्या लग्न

मंगल आपके अष्टम और तृतीय भाव के  स्वामी है। अस्त अवस्था में ये प्रथम भाव में विराजमान रहेंगे। मंगल अस्त के दौरान आपके आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। धन से जुड़े जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें। जीवनसाथी के साथ संबंध अच्छे नही रहेंगे। आप दोनों के बीच आपसी समझ का अभाव रहेगा। निजी नौकरी कर रहें जातकों का कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ मतभेद रहेगा। इन जातकों के नौकरी में स्थानान्तरण की संभावना भी है। व्यापार कर रहें जातकों को नुकसान उठाना पड़ेगा। आपके अंदर ऊर्जा की कमी रहेगी। साथ ही आपको सिरदर्द और एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। उत्साहित होने से बचें अन्यथा उसका असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

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उपायः- प्रतिदिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

तुला लग्न

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी है। जो कि अब अस्त अवस्था द्वादश भाव में विराजमान रहेंगे। इस दौरान कार्यस्थल पर वरिष्ठों के साथ कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी में तबादला की संभावना है। साझेदारी में कर रहें व्यापार को पार्टनर की वजह से बंद करना पड़ सकता है। आर्थिक स्थिति में धन की कमी रहेगी। पैसों की बचत में आप सक्षम नही रहेंगे। जीवनसाथी के साथ बेवजह की बहस हो सकती है। रिश्ते में खुशियां बनायें रखने के लिए आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करके संबंधों को सुधारने का प्रयास करना चाहिए। आपको स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि आपको सिरदर्द या माइग्रेन का सामना करना पड़ सकता है।

उपायः- प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।

वृश्चिक लग्न

मंगल आपके प्रथम और षष्ठम भाव के स्वामी है। जो अब आपके एकादश भाव में अस्त अवस्था में स्थित रहेंगे। व्यापारी जातकों केक लिए यह अवधि अनुकूल रहेगा परन्तु आपको नये साझेदारी के कार्यों से बचना चाहिए। धन की स्थिति अच्छी रहेगी। खर्चों में बढ़ोत्तरी रहेगी। पारिवारिक विवाद की संभावना है। जीवनसाथी के साथ भी किसी बात को लेकर बहस हो सकती है। रिश्तों में सामंजस्य बनाने का प्रयास करें। आपको नींद ना आने की समसया, भूख में कमी तथा पाचन सम्बन्धित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

उपायः- मंगलवार के दिन जरूरतमंदों में नारंगी रंग के वस्तुओं का दान करें।

धनु

मंगल आपके पंचम और द्वादश भाव के स्वामी है। इस दौरान मंगल आपके दशम भाव में अस्त अवस्था में विराजमान रहेंगे। व्यापारी जातकों के लिए यह अवधि चुनौतीपूर्ण रहेगा। हानि उठाना पड़ सकता है। आर्थिक जीवन दृष्टिकोण से बात करें तो खर्चों में वृद्धि रहेगी। शेयर, सट्टे, ट्रेडिंग से जुड़े जातकों को लाभ मिलेगा। प्रेम-संबंध में कमी का अनुभूति रहेगा। जीवनसाथी के साथ मतभेद भी आशंका है। संतान के भविष्य को लेकर चिंता उत्पन्न हो सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ेगा। आपको भी गले से सम्बन्धित संक्रमण आदि हो सकता है।

उपायः- बृहस्पतिवार के दिन बच्चों में पढ़ाई से सम्बन्धित वस्तुओं का दान करें।

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मकर लग्न

मकर राशि जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी है। वर्तमान में मंगल आपके नवम भाव में अस्त अवस्था में विराजमान रहेंगे। निजी नौकरी कर रहें जातकों के ऊपर कार्य का दबाव बन सकता है। व्यापार कर रहें जातकों को प्रतिद्वद्विंयों से कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है। आर्थिक दृष्टिकोण से बात करें तो इस दौरान आपको धन लाभ औसत होगा। खर्चों में वृद्धि रहेगी। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद की आशंका है। इस दौरान आप जीवनसाथी के आवश्यकताओं को समझने में असफल रहेंगे। माता के स्वास्थ्य पर धन खर्च करना पड़ सकता है। आपको भी तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

उपायः- प्रतिदिन ऋण मोचन मंगल स्त्रोत का जाप करें।

कुंभ लग्न

कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तृतीय और दशम भाव के स्वामी है। जो अस्त अवस्था में अष्टम भाव में विराजमान रहेंगे। इस दौरान आपको अच्छे परिणाम नही मिलेंगे। प्रगति की रफ्तार सुस्त रहेगी। व्यापारी जातकों को मुनाफे की प्राप्ति होगी। व्यापार में मिलने वाली चुनौतियों का सामना आप मजबूती से करेंगे। खर्चों में बढ़ोत्तरी रहेगी। धन की बचत करने में आप असक्षम रहेंगे। प्रेम-संबंध में सामंजस्य बनाये रखने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। पारिवारिक संबंध अच्छे नही रहेंगे। इस दौरान आपको आँखो में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में डाॅक्टर से परामर्श और इलाज करवाना बेहतर रहेगा।

उपायः- प्रतिदिन शिव जी को जल अर्पित करें।

मीन लग्न

मीन राशि के जातकों के लिए मंगल द्वितीय और नवम भाव के स्वामी है। जो अब आपके सप्तम भाव में अस्त अवस्था में विराजमान रहेंगे। इस दौरान आपको आर्थिक संकट, व्यापार और साझेदारी में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। मंगल के कन्या राशि में अस्त होने से आपको भाग्य का साथ नही प्राप्त होगा। धन के हानि की आशंका है। प्रेम-संबंध सामान्य रहेगा। जीवनसाथी तथा परिवार के साथ रिश्तों में प्रेम और सौहार्द की कमी रहेगी। आपके अंदर ऊर्जा की कमी रहेगी। मंगल के कन्या राशि में अस्त की अवधि सेहत को लेकर सावधान रहें। इस दौरान आपको नींद न आना और आंखों में जलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

उपायः- प्रत्येक दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।